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धर्मशाला , 16 अगस्त [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश में पौंग बांध से छोड़े गए पानी ने अब लोगों के आशियाने उजाड़ने शुरू कर दिए हैं। जिला कांगड़ा के मंड क्षेत्र के मंड भोग्रवां गांव में व्यास नदी का जल स्तर अचानक बढ़ने से कई एकड़ जमीन पानी में समा गई है। इस दौरान एक बहुमंजिला मकान भी खतरे की जद में आ गया है, जिसे प्रशासन ने समय रहते पहले ही खाली करवा दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि अपने घर को टूटते हुए देखना बेहद दुखद है। उनका आरोप है कि इस तबाही के पीछे अवैध खनन मुख्य कारण है। ग्रामीणों के अनुसार, खनन माफियाओं ने नदी में कैरेट डाल रखे हैं, जिसके चलते पानी का बहाव असामान्य हो गया और भारी नुकसान हुआ। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि प्रशासन की ओर से अब तक न तो कोई फौरी राहत दी गई है और सिर्फ अधिकारी मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा ले रहे और कुछ नहीं कर रहे। स्थानीय लोगों का आरोप है कि विभाग की मिलीभगत से इस क्षेत्र में लंबे समय से अवैध खनन जारी है, और अब उसकी कीमत उन्हें अपने घर और जमीन गंवाकर चुकानी पड़ रही है।
धर्मशाला , 16 अगस्त [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश में पौंग बांध से छोड़े गए पानी ने अब लोगों के आशियाने उजाड़ने शुरू कर दिए हैं। जिला कांगड़ा के मंड क्षेत्र के मंड भोग्रवां गांव में व्यास नदी का जल स्तर अचानक बढ़ने से कई एकड़ जमीन पानी में समा गई है। इस दौरान एक बहुमंजिला मकान भी खतरे की जद में आ गया है, जिसे प्रशासन ने समय रहते पहले ही खाली करवा दिया है।
ग्रामीणों का कहना है कि अपने घर को टूटते हुए देखना बेहद दुखद है। उनका आरोप है कि इस तबाही के पीछे अवैध खनन मुख्य कारण है। ग्रामीणों के अनुसार, खनन माफियाओं ने नदी में कैरेट डाल रखे हैं, जिसके चलते पानी का बहाव असामान्य हो गया और भारी नुकसान हुआ।
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ग्रामीणों का यह भी कहना है कि प्रशासन की ओर से अब तक न तो कोई फौरी राहत दी गई है और सिर्फ अधिकारी मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा ले रहे और कुछ नहीं कर रहे। स्थानीय लोगों का आरोप है कि विभाग की मिलीभगत से इस क्षेत्र में लंबे समय से अवैध खनन जारी है, और अब उसकी कीमत उन्हें अपने घर और जमीन गंवाकर चुकानी पड़ रही है।
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