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शिमला, 08 सितंबर [ विशाल सूद ] ! भाजपा के वरिष्ठ प्रवक्ता एवं विधायक ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने पिछले कल एक और तुगलकी फरमान जारी किया है। जिस फरमान के तहत जो हिमाचल प्रदेश के कर्मचारी भाइयों को लगभग पिछले तीन वर्षों से फाइनेंशियल लाभ मिल रहे थे, ग्रेड पे का लाभ मिल रहा था। उसको वर्तमान प्रदेश सरकार ने एक सिंपल नोटिफिकेशन के तहत 3 वर्षों बाद विड्रॉ कर लिया। जिससे प्रत्येक कर्मचारी भाई को लगभग 15 से 20 हजार का नुकसान प्रति माह होगा। यह भारतवर्ष की पहली सरकार है जहां कर्मचारियों को दिवाली के मौके पर, दशहरे के मौके पर डीए मिलता था, बाकी फाइनेंशियली बेनिफिट मिलते थे इसके विपरीत हिमाचल प्रदेश के एंप्लईयों को दिवाली एवं देशहरा के मौके पर 20 हजार की फाइनेंशियल कटौती प्रतिमा तोहफा मिला है। इस सरकार ने पहले दिन से ही हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों को और बेरोजगारों को दोनों के साथ खिलवाड़ किया है। जब यह सरकार बनी थी तो इस सरकार ने लगभग 600 इंस्टीट्यूशन समाप्त किए और आज जो इन्होंने विधानसभा के अंदर जवाब दिया है उसके अनुसार अगर सारा आकलन करें तो लगभग ढाई हजार इंस्टीट्यूशन पिछले ढाई वर्षों में इस सरकार ने बंद किए हैं। ढाई हजार इंस्टीट्यूशन अगर आपने बंद कर लिए तो हिमाचल प्रदेश के एंप्लाइज को जो प्रमोशन के एवेन्यू थे भी रोक दिए और वहीं बेरोजगार जिनको उम्मीद थी कि यह सरकार जिसने वादा किया था कि जब सत्ता में आएंगे तो पहली कैबिनेट की बैठक में 1 लाख सरकारी नौकरियां देंगे। अभी इन्होंने ढाई हजार इंस्टिट्यूशन अगर बंद किए तो ढाई हजार को अगर एक इंस्टिट्यूशन में 20 लोग भी मान लें तो लगभग 50000 युवाओं को जो रोजगार मिल सकता था। इस सरकार ने वो रोजगार भी बंद कर दिया और साथ ही साथ इसी सरकार ने एक और नोटिफिकेशन जारी की थी जिस नोटिफिकेशन के तहत हिमाचल प्रदेश में जितना भी बैकलोग था जितनी भी पोस्टें अभी तक फिल नहीं हुई थी जो हमारे एससी वर्ग के लिए, एसटी वर्ग के लिए, ओबीसी वर्ग के लिए जो बैक लॉक था एक नोटिफिकेशन से छ महीने पहले वो सारी डेढ़ लाख सरकारी नौकरियां सरकारी पोस्टें खत्म कर दी और उसके बाद यह पहली हिमाचल प्रदेश सरकार ऐसी सरकार होगी जो एक एक्ट बनाया जब धर्मशाला में मैंने उस एक्ट के ऊपर भी कहा था जिसके तहत जो हिमाचल प्रदेश के हमारे कर्मचारी भाइयों को 2003 से जो लाभ मिल रहे थे। उस एक्ट के तहत वह सारे लाभ भी इस सरकार ने कानून बनाकर समाप्त कर दिए। इसलिए मैं कहता हूं कि यह वर्तमान प्रदेश सरकार कर्मचारी विरोधी सरकार है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कहते कुछ हैं और निर्णय कुछ और लेते है, इसीलिए इन्होंने जो पिछले कल निर्णय लिया है वो अति दुर्भाग्यपूर्ण है।
शिमला, 08 सितंबर [ विशाल सूद ] ! भाजपा के वरिष्ठ प्रवक्ता एवं विधायक ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने पिछले कल एक और तुगलकी फरमान जारी किया है। जिस फरमान के तहत जो हिमाचल प्रदेश के कर्मचारी भाइयों को लगभग पिछले तीन वर्षों से फाइनेंशियल लाभ मिल रहे थे, ग्रेड पे का लाभ मिल रहा था। उसको वर्तमान प्रदेश सरकार ने एक सिंपल नोटिफिकेशन के तहत 3 वर्षों बाद विड्रॉ कर लिया।
जिससे प्रत्येक कर्मचारी भाई को लगभग 15 से 20 हजार का नुकसान प्रति माह होगा। यह भारतवर्ष की पहली सरकार है जहां कर्मचारियों को दिवाली के मौके पर, दशहरे के मौके पर डीए मिलता था, बाकी फाइनेंशियली बेनिफिट मिलते थे इसके विपरीत हिमाचल प्रदेश के एंप्लईयों को दिवाली एवं देशहरा के मौके पर 20 हजार की फाइनेंशियल कटौती प्रतिमा तोहफा मिला है।
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इस सरकार ने पहले दिन से ही हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों को और बेरोजगारों को दोनों के साथ खिलवाड़ किया है। जब यह सरकार बनी थी तो इस सरकार ने लगभग 600 इंस्टीट्यूशन समाप्त किए और आज जो इन्होंने विधानसभा के अंदर जवाब दिया है उसके अनुसार अगर सारा आकलन करें तो लगभग ढाई हजार इंस्टीट्यूशन पिछले ढाई वर्षों में इस सरकार ने बंद किए हैं।
ढाई हजार इंस्टीट्यूशन अगर आपने बंद कर लिए तो हिमाचल प्रदेश के एंप्लाइज को जो प्रमोशन के एवेन्यू थे भी रोक दिए और वहीं बेरोजगार जिनको उम्मीद थी कि यह सरकार जिसने वादा किया था कि जब सत्ता में आएंगे तो पहली कैबिनेट की बैठक में 1 लाख सरकारी नौकरियां देंगे। अभी इन्होंने ढाई हजार इंस्टिट्यूशन अगर बंद किए तो ढाई हजार को अगर एक इंस्टिट्यूशन में 20 लोग भी मान लें तो लगभग 50000 युवाओं को जो रोजगार मिल सकता था।
इस सरकार ने वो रोजगार भी बंद कर दिया और साथ ही साथ इसी सरकार ने एक और नोटिफिकेशन जारी की थी जिस नोटिफिकेशन के तहत हिमाचल प्रदेश में जितना भी बैकलोग था जितनी भी पोस्टें अभी तक फिल नहीं हुई थी जो हमारे एससी वर्ग के लिए, एसटी वर्ग के लिए, ओबीसी वर्ग के लिए जो बैक लॉक था एक नोटिफिकेशन से छ महीने पहले वो सारी डेढ़ लाख सरकारी नौकरियां सरकारी पोस्टें खत्म कर दी और उसके बाद यह पहली हिमाचल प्रदेश सरकार ऐसी सरकार होगी जो एक एक्ट बनाया जब धर्मशाला में मैंने उस एक्ट के ऊपर भी कहा था जिसके तहत जो हिमाचल प्रदेश के हमारे कर्मचारी भाइयों को 2003 से जो लाभ मिल रहे थे।
उस एक्ट के तहत वह सारे लाभ भी इस सरकार ने कानून बनाकर समाप्त कर दिए। इसलिए मैं कहता हूं कि यह वर्तमान प्रदेश सरकार कर्मचारी विरोधी सरकार है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कहते कुछ हैं और निर्णय कुछ और लेते है, इसीलिए इन्होंने जो पिछले कल निर्णय लिया है वो अति दुर्भाग्यपूर्ण है।
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