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शिमला, 2 जुलाई [ विशाल सूद ] ! प्रदेश कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल ने कहा है कि प्रदेश में खासकर मंडी जिला में बादल फटने से हुए प्रभावित व विस्थापित लोगों के साथ प्रदेश सरकार व देश की कांग्रेस कंधा से कंधा मिलाकर खड़ी है। उन्होंने कहा कि यह त्रासदी सदी की सबसे बड़ी त्रासदी है जिसमें एक ही जिला में 10 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 34 लोग लापता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हर प्रभावित परिवारों की हर संभव मदद करेगी और केंद्र सरकार को भी इस मुश्किल की घड़ी में हर संभव सहायता करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आपदा के इस मुश्किल दौर में व्यक्तिगत रूप से मैं प्रभावित परिवारों के साथ हूं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रशासन को प्रभावितों को हर संभव व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के पास जमीन नहीं बची है उन्हें मुख्यमंत्री द्वारा जमीन देने का आश्वासन दिया है। केंद्र सरकार से भी वन भूमि में जमीन देने की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन भी ऐसी बड़ी घटनाओं का एक कारण हो सकता है। केंद्र और राज्य सरकारों को सामूहिक रूप से ऐसी घटनाओं के कारणों का अध्ययन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मंडी जिला के थुनाग, जंजैहली और बगस्याड़ क्षेत्रों में भी भारी नुकसान हुआ है। प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक सेवाओं को बहाली के लिए कर्मचारी समर्पित भाव से काम में जुटे हुए हैं। मंडी जिला में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 34 अन्य लापता हैं।
शिमला, 2 जुलाई [ विशाल सूद ] ! प्रदेश कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल ने कहा है कि प्रदेश में खासकर मंडी जिला में बादल फटने से हुए प्रभावित व विस्थापित लोगों के साथ प्रदेश सरकार व देश की कांग्रेस कंधा से कंधा मिलाकर खड़ी है। उन्होंने कहा कि यह त्रासदी सदी की सबसे बड़ी त्रासदी है जिसमें एक ही जिला में 10 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 34 लोग लापता है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हर प्रभावित परिवारों की हर संभव मदद करेगी और केंद्र सरकार को भी इस मुश्किल की घड़ी में हर संभव सहायता करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आपदा के इस मुश्किल दौर में व्यक्तिगत रूप से मैं प्रभावित परिवारों के साथ हूं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रशासन को प्रभावितों को हर संभव व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के पास जमीन नहीं बची है उन्हें मुख्यमंत्री द्वारा जमीन देने का आश्वासन दिया है। केंद्र सरकार से भी वन भूमि में जमीन देने की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन भी ऐसी बड़ी घटनाओं का एक कारण हो सकता है। केंद्र और राज्य सरकारों को सामूहिक रूप से ऐसी घटनाओं के कारणों का अध्ययन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मंडी जिला के थुनाग, जंजैहली और बगस्याड़ क्षेत्रों में भी भारी नुकसान हुआ है। प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक सेवाओं को बहाली के लिए कर्मचारी समर्पित भाव से काम में जुटे हुए हैं। मंडी जिला में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 34 अन्य लापता हैं।
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