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शिमला , 06 अगस्त [ विशाल सूद ] : प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के कर्मचारियों ने इस माह का वेतन अब तक न मिलने के विरोध में आज कुलपति कार्यालय के बाहर जोरदार धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में भाग ले रहे कर्मचारियों ने सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन की संवेदनहीनता पर तीखा रोष व्यक्त किया। कर्मचारियों ने बताया कि अगस्त माह प्रारंभ हो चुका है और रक्षाबंधन जैसे महत्वपूर्ण पर्व भी नजदीक है, परंतु उन्हें अब तक वेतन प्राप्त नहीं हुआ है। ऐसी स्थिति में उन्हें अपने परिवार का पालन-पोषण करना कठिन हो रहा है और त्योहारी खर्च उठाना भी असंभव प्रतीत हो रहा है। कर्मचारीयो ने कहा, "वेतन नहीं मिलने से हालात इतने खराब हो गए हैं कि बहनों को रक्षा बंधन पर कुछ देने के बजाय अब उनसे ही अपने खर्चे के लिए पैसे मांगने पड़ रहे हैं। इससे अधिक शर्मनाक स्थिति क्या हो सकती है?" प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने यह भी बताया कि जिन लोगों ने बैंक से लोन ले रखा है, वे ईएमआई नहीं चुका पाने के कारण बैंकों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं और बार-बार किस्त की तारीख बदलवानी पड़ रही है। यह न केवल आर्थिक रूप से, बल्कि मानसिक रूप से भी अत्यंत कष्टदायक स्थिति है। कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र ही वेतन जारी नहीं किया गया, तो वे अपने आंदोलन को और तेज करने के लिए बाध्य होंगे।
शिमला , 06 अगस्त [ विशाल सूद ] : प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के कर्मचारियों ने इस माह का वेतन अब तक न मिलने के विरोध में आज कुलपति कार्यालय के बाहर जोरदार धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में भाग ले रहे कर्मचारियों ने सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन की संवेदनहीनता पर तीखा रोष व्यक्त किया।
कर्मचारियों ने बताया कि अगस्त माह प्रारंभ हो चुका है और रक्षाबंधन जैसे महत्वपूर्ण पर्व भी नजदीक है, परंतु उन्हें अब तक वेतन प्राप्त नहीं हुआ है। ऐसी स्थिति में उन्हें अपने परिवार का पालन-पोषण करना कठिन हो रहा है और त्योहारी खर्च उठाना भी असंभव प्रतीत हो रहा है।
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कर्मचारीयो ने कहा, "वेतन नहीं मिलने से हालात इतने खराब हो गए हैं कि बहनों को रक्षा बंधन पर कुछ देने के बजाय अब उनसे ही अपने खर्चे के लिए पैसे मांगने पड़ रहे हैं। इससे अधिक शर्मनाक स्थिति क्या हो सकती है?"
प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने यह भी बताया कि जिन लोगों ने बैंक से लोन ले रखा है, वे ईएमआई नहीं चुका पाने के कारण बैंकों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं और बार-बार किस्त की तारीख बदलवानी पड़ रही है। यह न केवल आर्थिक रूप से, बल्कि मानसिक रूप से भी अत्यंत कष्टदायक स्थिति है।
कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र ही वेतन जारी नहीं किया गया, तो वे अपने आंदोलन को और तेज करने के लिए बाध्य होंगे।
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