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शिमला ! मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आगामी पहली जून से सभी सरकारी कार्यक्रमों व होटलों में पॉलीथीन टेरेफ्थैलेट (पी.ई.टी.) विशेषता वाली 500 मिलीलीटर तक की पानी की छोटी बोतलों के प्रयोग पर प्रतिबंध रहेगा। प्रदेश में प्लास्टिक से पर्यावरण को होने वाले नुकसान के दृष्टिगत यह निर्णय लिया गया है। यह बात मुख्य सचिव ने इस संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। प्रबोध सक्सेना ने कहा कि हिमाचल प्रदेश जीव अनाशित कूड़ा-कचरा (नियंत्रण) अधिनियम, 1995 की धारा-3-क की उपधारा (1) और हिमाचल प्रदेश जीव अनाशित कूड़ा-कचरा नियंत्रण संशोधन अधिनियम 2023 की धारा 2 के तहत राज्य के सभी सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों तथा सरकार के अन्य संगठनों द्वारा आयोजित की जाने वाली बैठकों, सम्मेलनों, कार्यक्रमों के साथ-साथ पर्यटन निगम के होटलों और निजी होटलों में 500 एमएल तक की पी.ई.टी. बोतलों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध रहेगा। उन्होंने कहा कि विकल्प के तौर पर कांच की बोतलें, जल डिस्पेंसर, कियोस्क या स्टील के कंटेनर का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में किसी भी प्रकार का उल्लंघन होने पर विभिन्न नियमों के तहत 500 रुपये से लेकर 25000 रुपये तक का जुर्माना किया जा सकता है। उन्होंने पर्यावरण विज्ञान प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन विभाग, पर्यटन विभाग, शिक्षा विभाग, शहरी विकास विभाग तथा हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्लास्टिक की पी.ई.टी. छोटी बोतलों के उपयोग को रोकने के लिए व्यापक जन-जागरूकता गतिविधियां चलाने के लिए भी निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त पी.ई.टी. बोतलों की रिसाइक्लिंग के लिए प्रभावी कदम उठाने के भी निर्देश दिए। बैठक में विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
शिमला ! मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आगामी पहली जून से सभी सरकारी कार्यक्रमों व होटलों में पॉलीथीन टेरेफ्थैलेट (पी.ई.टी.) विशेषता वाली 500 मिलीलीटर तक की पानी की छोटी बोतलों के प्रयोग पर प्रतिबंध रहेगा। प्रदेश में प्लास्टिक से पर्यावरण को होने वाले नुकसान के दृष्टिगत यह निर्णय लिया गया है। यह बात मुख्य सचिव ने इस संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
प्रबोध सक्सेना ने कहा कि हिमाचल प्रदेश जीव अनाशित कूड़ा-कचरा (नियंत्रण) अधिनियम, 1995 की धारा-3-क की उपधारा (1) और हिमाचल प्रदेश जीव अनाशित कूड़ा-कचरा नियंत्रण संशोधन अधिनियम 2023 की धारा 2 के तहत राज्य के सभी सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों तथा सरकार के अन्य संगठनों द्वारा आयोजित की जाने वाली बैठकों, सम्मेलनों, कार्यक्रमों के साथ-साथ पर्यटन निगम के होटलों और निजी होटलों में 500 एमएल तक की पी.ई.टी. बोतलों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध रहेगा। उन्होंने कहा कि विकल्प के तौर पर कांच की बोतलें, जल डिस्पेंसर, कियोस्क या स्टील के कंटेनर का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में किसी भी प्रकार का उल्लंघन होने पर विभिन्न नियमों के तहत 500 रुपये से लेकर 25000 रुपये तक का जुर्माना किया जा सकता है।
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उन्होंने पर्यावरण विज्ञान प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन विभाग, पर्यटन विभाग, शिक्षा विभाग, शहरी विकास विभाग तथा हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्लास्टिक की पी.ई.टी. छोटी बोतलों के उपयोग को रोकने के लिए व्यापक जन-जागरूकता गतिविधियां चलाने के लिए भी निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त पी.ई.टी. बोतलों की रिसाइक्लिंग के लिए प्रभावी कदम उठाने के भी निर्देश दिए। बैठक में विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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