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जिला मंडी के उपमंडल करसोग बाजार में यातायात को नियंत्रित करने के लिए लाखों की लागत से लगाई गई ट्रैफिक लाइटें शोपीस बन चुकी है । आपको बता दें कि कुछ वर्षों पहले करसोग मैं लगने वाले जाम से निजात पाने के लिए इन ट्रैफिक लाइटों को प्रशासन ने लगवाया था । इन ट्रैफिक लाइटों को लगभग 10 साल पहले लगवाया गया था लेकिन लेकिन आज यह सिर्फ एक बुत की तरह यहां पर खड़ी है ना तो एक किसी तरह का ट्रैफिक या जाम को रोकने में या उससे निजात पाने में सहायता करती है ना ही किसी तरह का इनका उपयोग किया जाता है । प्रशासन इससे बिलकुल बेखबर है, और आज भी यहां उतना ही जाम लगता है जितना पहले लगा करता था कुछ वर्ष पहले जब यह ट्रैफिक लाइटें यहां पर थी तो पुलिस के सहयोग से करसोग बाजार में सुचारू रूप से ट्रैफिक व्यवस्था को इन लाइट्स से नियंत्रित किया जाता था और एक पुलिसकर्मी बस स्टैंड करसोग और दूसरा पुलिसकर्मी तहसील हेड क्वार्टर करसोग के पास तैनात रहता था और सुचारू रूप से बाजार के ट्रैफिक को नियंत्रित करते रहते थे परंतु आज की स्थिति में सब इसके विपरीत हो चुका है। आजकल के मौजूदा मौजूदा हालात में यहां ट्रैफिक की स्थिति बहुत बिगड़ चुकी है यहां पर प्रतिदिन लोगों की आवाजाही बढ़ती जा रही है और वाहनों की भी आवाजाही में बहुत अधिक बढ़ोतरी हो चुकी है । जिसके कारण आम जनता को आवाजाही में बहुत दिक्कतें का सामना करना पड़ता है करसोंग की आम जनता ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि इन ट्रैफिक लाइटों का इस्तेमाल किया जाए और साथ ही पुलिसकर्मियों को यहां पर तैनात किया जाए ताकि यहां की ट्रैफिक की समस्या को दूर किया जा सकें । क्योंकि आजकल के हालातों को देखकर जाम लगना आम सी बात हो गई है। करसोग की सड़कों पर गाड़ियां घंटों जाम में फंसी रहती है । सड़के छोटी हैं और ट्रकों, कारों ,बाइकों की संख्या की प्रतिदिन आवाजाही बहुत ज्यादा है जिसके कारण यहां पर रहने वाले लोग और जनता को खासी परेशानियों का सामना हर रोज करना पड़ता है लोगों को जाम के चलते समय से दो-दो घंटे ज्यादा का समय लग रहा है । कागजी व चुनावी वादे ही है करसोग शहर की पार्किंग योजना आपको यह बता देंगे करसोग शहर की योजनाएं सिर्फ कागजी व चुनाव स्टंट की है । बजह, करसोग शहर के बाजार में बाइक स्कूटी या कार लेकर निकलने वाले लोग सड़क किनारे कहीं बहाने लगाते हैं तो कहीं पर अपना कब्जा ही जमा लेते हैं और दूरदराज के लोगों को इनका भुगतान करना पड़ता है यहां तक कि कई दुर्घटना भी हो चुकी है अब परेशानियां है कि करसोग शहर से पार्किंग नदारद है, क्यों की प्रशासन तथा सरकार अभी तक इसे जमीन पर नहीं ला सका । सड़क किनारे गाड़ी पार्क नहीं कर सकते ऐसे में बाजार क्या पैदल ही जाएं यह सवाल करसोग यातायात पुलिस से पूछो तो जवाब उनके पास भी नहीं । वही करसोग शहर के बस स्टैंड ,मिडिल बाजार करसोग, तथा तहसील कार्यालय करसोग तक आदि बड़े बाजार हैं परंतु पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है । खासतौर पर मुख्य बाजार करसोग मैं जहां पर लोग शॉपिंग के लिए आते हैं । पिछले कल करसोग बाजार में भी गाड़ियों की काफी आवाजाही हुई थी जिस कारण शहर में जाम की स्थिति बन चुकी थी । स्थानीय जनता की भी प्रशासन से भी यही गुहार है कि इन ट्रैफिक लाइटों के बारे में सोचा जाए तथा पार्किंग की समस्या को खत्म करने के लिए उचित प्रबंध किया जाए ।
जिला मंडी के उपमंडल करसोग बाजार में यातायात को नियंत्रित करने के लिए लाखों की लागत से लगाई गई ट्रैफिक लाइटें शोपीस बन चुकी है । आपको बता दें कि कुछ वर्षों पहले करसोग मैं लगने वाले जाम से निजात पाने के लिए इन ट्रैफिक लाइटों को प्रशासन ने लगवाया था ।
इन ट्रैफिक लाइटों को लगभग 10 साल पहले लगवाया गया था लेकिन लेकिन आज यह सिर्फ एक बुत की तरह यहां पर खड़ी है ना तो एक किसी तरह का ट्रैफिक या जाम को रोकने में या उससे निजात पाने में सहायता करती है ना ही किसी तरह का इनका उपयोग किया जाता है । प्रशासन इससे बिलकुल बेखबर है, और आज भी यहां उतना ही जाम लगता है जितना पहले लगा करता था कुछ वर्ष पहले जब यह ट्रैफिक लाइटें यहां पर थी तो पुलिस के सहयोग से करसोग बाजार में सुचारू रूप से ट्रैफिक व्यवस्था को इन लाइट्स से नियंत्रित किया जाता था और एक पुलिसकर्मी बस स्टैंड करसोग और दूसरा पुलिसकर्मी तहसील हेड क्वार्टर करसोग के पास तैनात रहता था और सुचारू रूप से बाजार के ट्रैफिक को नियंत्रित करते रहते थे परंतु आज की स्थिति में सब इसके विपरीत हो चुका है।
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आजकल के मौजूदा मौजूदा हालात में यहां ट्रैफिक की स्थिति बहुत बिगड़ चुकी है यहां पर प्रतिदिन लोगों की आवाजाही बढ़ती जा रही है और वाहनों की भी आवाजाही में बहुत अधिक बढ़ोतरी हो चुकी है । जिसके कारण आम जनता को आवाजाही में बहुत दिक्कतें का सामना करना पड़ता है करसोंग की आम जनता ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि इन ट्रैफिक लाइटों का इस्तेमाल किया जाए और साथ ही पुलिसकर्मियों को यहां पर तैनात किया जाए ताकि यहां की ट्रैफिक की समस्या को दूर किया जा सकें । क्योंकि आजकल के हालातों को देखकर जाम लगना आम सी बात हो गई है। करसोग की सड़कों पर गाड़ियां घंटों जाम में फंसी रहती है ।
सड़के छोटी हैं और ट्रकों, कारों ,बाइकों की संख्या की प्रतिदिन आवाजाही बहुत ज्यादा है जिसके कारण यहां पर रहने वाले लोग और जनता को खासी परेशानियों का सामना हर रोज करना पड़ता है लोगों को जाम के चलते समय से दो-दो घंटे ज्यादा का समय लग रहा है । कागजी व चुनावी वादे ही है करसोग शहर की पार्किंग योजना आपको यह बता देंगे करसोग शहर की योजनाएं सिर्फ कागजी व चुनाव स्टंट की है । बजह, करसोग शहर के बाजार में बाइक स्कूटी या कार लेकर निकलने वाले लोग सड़क किनारे कहीं बहाने लगाते हैं तो कहीं पर अपना कब्जा ही जमा लेते हैं और दूरदराज के लोगों को इनका भुगतान करना पड़ता है यहां तक कि कई दुर्घटना भी हो चुकी है अब परेशानियां है कि करसोग शहर से पार्किंग नदारद है, क्यों की प्रशासन तथा सरकार अभी तक इसे जमीन पर नहीं ला सका ।
सड़क किनारे गाड़ी पार्क नहीं कर सकते ऐसे में बाजार क्या पैदल ही जाएं यह सवाल करसोग यातायात पुलिस से पूछो तो जवाब उनके पास भी नहीं । वही करसोग शहर के बस स्टैंड ,मिडिल बाजार करसोग, तथा तहसील कार्यालय करसोग तक आदि बड़े बाजार हैं परंतु पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है । खासतौर पर मुख्य बाजार करसोग मैं जहां पर लोग शॉपिंग के लिए आते हैं ।
पिछले कल करसोग बाजार में भी गाड़ियों की काफी आवाजाही हुई थी जिस कारण शहर में जाम की स्थिति बन चुकी थी । स्थानीय जनता की भी प्रशासन से भी यही गुहार है कि इन ट्रैफिक लाइटों के बारे में सोचा जाए तथा पार्किंग की समस्या को खत्म करने के लिए उचित प्रबंध किया जाए ।
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