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चम्बा , 05 अक्टूबर [ शिवानी ] ! आज राजकीय बाल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय चम्बा में 14 वां बटालियन नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी, स्कूल सेफ्टी प्रोग्राम के अंतर्गत, जसूर, नूरपुर जिला कांगड़ा स्तिथ क्षेत्रीय कार्यालय से लगभग 25 अधिकारी व कर्मचारियों ने जिसमें इंस्पेक्टर आदेश कुमार, सब इनक्पेक्टर अनिल सिंह की अगुवाई में राजकीय वरिष्ठ बाल माध्यमिक विद्यालय चम्बा में आपदा प्रबंधन के विभिन्न विषयों पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। जिसमें लगभग 700 बच्चों और विद्यालय स्टाफ में लगभग 60 कर्मचारियों ने इस माक ड्रिल से कई महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर के आपदा प्रबधन के गुर सीखे। इस कार्यक्रम में सबसे पहले प्रधानाचार्य महोदय जितेंद्र सिंह जंदरोटियां ने इंस्पेक्टर आदेश कुमार व उनकी टीम का स्वागत किया, इसके बाद एनडीआरएफ टीम ने हार्ट अटैक होने पर सी.पी.आर. किस तरह देना चाहिए इसकी जानकारी दी इसमें बताया गया की सबसे टोल फ्री नंबर पर काल करें। इसके बाद सी पी आर की माक ड्रिल की गई। छोटे बच्चों की स्थिति में हार्ट अटैक होने पर भी मॉक ड्रिल को बताया गया। इसके बाद बताया गया कि खाना खाते समय अचानक गले में खाना फसने पर क्या करना चाहिए, इसकी माक ड्रिंक की गई जिसमें बच्चों को भी शामिल किया गया। इसके बाद एक्सीडेंट होने पर ब्लड कंट्रोल करने के चार तरीकों के बारे में बताया गया ताकि अचानक ब्लड लॉस से बचा जा सके, इसके चार तरीके बताए गए, पहला है डायरेक्ट प्रेशर, दूसरा है एलिवेशन हार्ट लेवक से चोट वाली जगह को उठाना, यानि प्रेशर पॉइंट को दबाना यानि साथ वाली नसो को दबाना, चौथा हैं कॉर्निंकेट यानि कपड़े की मदद से चोट के साथ वाला प्रेशर पॉइंट बाद देना पेन खोलना और छोड़ना हैं और फिर हॉस्पिटल ले जाना हैं। इसके बाद सर पर चोट लगने पर क्या उपाय अपनाने चाहिए उसके बारे में बताया गया। आँख में चोट लगने पर करने वाले उपाए बताये गए इसमें अगर आँख पर चोट लगने से आँख बाहर आ जाए तो उसको डिस्पोजल कप का बाधने के लिए कैसे इस्तेमाल करना हैं ये भी बताया गया। इसके बाद घर में किसी ब्लेंकट, चादर व कट्टे की बोरियों से स्टेचर बनाने की विधि को बताया गया। इसके साथ फ्लड से बचने के उपाए व व्यावहारिक विधियों की विस्तार से चर्चा की गई। इसके साथ आग लगने की स्तिथि में धुएँ से बचने और दम घुटने से कैसे बचे इसके बारे में विस्तार से मोक ड्रिल के माध्यम से बताया गया। इसके साथ ही हिमाचल के सन्दर्भ में भूकंप से बचाव के उपाय बताये जिनमें डेक्स के नीचे जाना, या दीवारो के कोने या पीलर के पास जाना, भगदड़ नहीं मचाना, बेग को अपने सर पर रख कर खुली जगह जाना हैं। हम जानते ही हैं कि भूगोल जैसे महत्वपूर्ण विषय में भी आपदा प्रबंधन के बारे में हमारे पाठ्यक्रम में विद्यालय में बच्चों को आपदा प्रबंधन संबंधी जानकारियां दी जाती हैं, यह जानकारी प्रवक्ता भूगोल राजकीय बाल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय चम्बा धीरज सिंह ठाकुर ने दी, उन्होंने भी इस कार्यक्रम में सहयोग किया। अंत में प्रधानचार्य महोदय जितेंद्र जांदरोटिया ने एनडीआरफ टीम का धन्यवाद किया, और यह बात भी सांझा की हमारे विद्यालय में समय-समय पर सरकार की आदेश अनुसार विशेष तौर पर भूकंप की मॉक ड्रिल होती रहती है, और बच्चों को आपदा के वि भिन्न रूपों के बारे में बताया और कहां कि हमारा चम्बा जो पश्चिमी हिमालय का प्रदेश है यहां पर भूकंप आने की प्रबल संभावना रहती है अतः हम सबको इसकी मानसिक रूप से पूर्व तैयारी कर उचित बचाव के उपाय खोजने चाहिए, उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन के बारे में हमें पूर्ण रूप से जागरूक होना चाहिए और अंत में सबका धन्यवाद किया। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
चम्बा , 05 अक्टूबर [ शिवानी ] ! आज राजकीय बाल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय चम्बा में 14 वां बटालियन नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी, स्कूल सेफ्टी प्रोग्राम के अंतर्गत, जसूर, नूरपुर जिला कांगड़ा स्तिथ क्षेत्रीय कार्यालय से लगभग 25 अधिकारी व कर्मचारियों ने जिसमें इंस्पेक्टर आदेश कुमार, सब इनक्पेक्टर अनिल सिंह की अगुवाई में राजकीय वरिष्ठ बाल माध्यमिक विद्यालय चम्बा में आपदा प्रबंधन के विभिन्न विषयों पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। जिसमें लगभग 700 बच्चों और विद्यालय स्टाफ में लगभग 60 कर्मचारियों ने इस माक ड्रिल से कई महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर के आपदा प्रबधन के गुर सीखे।
इस कार्यक्रम में सबसे पहले प्रधानाचार्य महोदय जितेंद्र सिंह जंदरोटियां ने इंस्पेक्टर आदेश कुमार व उनकी टीम का स्वागत किया, इसके बाद एनडीआरएफ टीम ने हार्ट अटैक होने पर सी.पी.आर. किस तरह देना चाहिए इसकी जानकारी दी इसमें बताया गया की सबसे टोल फ्री नंबर पर काल करें। इसके बाद सी पी आर की माक ड्रिल की गई। छोटे बच्चों की स्थिति में हार्ट अटैक होने पर भी मॉक ड्रिल को बताया गया।
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इसके बाद बताया गया कि खाना खाते समय अचानक गले में खाना फसने पर क्या करना चाहिए, इसकी माक ड्रिंक की गई जिसमें बच्चों को भी शामिल किया गया। इसके बाद एक्सीडेंट होने पर ब्लड कंट्रोल करने के चार तरीकों के बारे में बताया गया ताकि अचानक ब्लड लॉस से बचा जा सके, इसके चार तरीके बताए गए, पहला है डायरेक्ट प्रेशर, दूसरा है एलिवेशन हार्ट लेवक से चोट वाली जगह को उठाना, यानि प्रेशर पॉइंट को दबाना यानि साथ वाली नसो को दबाना, चौथा हैं कॉर्निंकेट यानि कपड़े की मदद से चोट के साथ वाला प्रेशर पॉइंट बाद देना पेन खोलना और छोड़ना हैं और फिर हॉस्पिटल ले जाना हैं।
इसके बाद सर पर चोट लगने पर क्या उपाय अपनाने चाहिए उसके बारे में बताया गया। आँख में चोट लगने पर करने वाले उपाए बताये गए इसमें अगर आँख पर चोट लगने से आँख बाहर आ जाए तो उसको डिस्पोजल कप का बाधने के लिए कैसे इस्तेमाल करना हैं ये भी बताया गया।
इसके बाद घर में किसी ब्लेंकट, चादर व कट्टे की बोरियों से स्टेचर बनाने की विधि को बताया गया। इसके साथ फ्लड से बचने के उपाए व व्यावहारिक विधियों की विस्तार से चर्चा की गई।
इसके साथ आग लगने की स्तिथि में धुएँ से बचने और दम घुटने से कैसे बचे इसके बारे में विस्तार से मोक ड्रिल के माध्यम से बताया गया। इसके साथ ही हिमाचल के सन्दर्भ में भूकंप से बचाव के उपाय बताये जिनमें डेक्स के नीचे जाना, या दीवारो के कोने या पीलर के पास जाना, भगदड़ नहीं मचाना, बेग को अपने सर पर रख कर खुली जगह जाना हैं।
हम जानते ही हैं कि भूगोल जैसे महत्वपूर्ण विषय में भी आपदा प्रबंधन के बारे में हमारे पाठ्यक्रम में विद्यालय में बच्चों को आपदा प्रबंधन संबंधी जानकारियां दी जाती हैं, यह जानकारी प्रवक्ता भूगोल राजकीय बाल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय चम्बा धीरज सिंह ठाकुर ने दी, उन्होंने भी इस कार्यक्रम में सहयोग किया।
अंत में प्रधानचार्य महोदय जितेंद्र जांदरोटिया ने एनडीआरफ टीम का धन्यवाद किया, और यह बात भी सांझा की हमारे विद्यालय में समय-समय पर सरकार की आदेश अनुसार विशेष तौर पर भूकंप की मॉक ड्रिल होती रहती है, और बच्चों को आपदा के वि भिन्न रूपों के बारे में बताया और कहां कि हमारा चम्बा जो पश्चिमी हिमालय का प्रदेश है यहां पर भूकंप आने की प्रबल संभावना रहती है अतः हम सबको इसकी मानसिक रूप से पूर्व तैयारी कर उचित बचाव के उपाय खोजने चाहिए, उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन के बारे में हमें पूर्ण रूप से जागरूक होना चाहिए और अंत में सबका धन्यवाद किया।
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