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चम्बा ! सेवानिवृत्त कल्याण मंच हिमाचल पथ परिवहन निगम चंबा के उपाध्यक्ष भूपिद्र जसरोटिया ने मांगों को लेकर उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री व निदेशक हिमाचल पथ परिवहन निगम को ज्ञापन भेजे। उन्होंने कहा कि जिस तरह से चंबा, देहरा व पालमपुर में हिमाचल पथ परिवहन के डिपो में भ्रष्टाचार के मामले उजागर हुए हैं, उसे देखते हुए अंदेशा है कि सभी 27 डिपो की समग्र जांच करवाई जाए तो करोड़ों का भ्रष्टाचार उजागर हो सकता है। वर्दी, स्टेशनरी, कंप्यूटर खरीद, रिपेयर, बस पुर्जो की खरीद, चालक-परिचालक व तकनीकी कर्मचारियों के एरियर, ओवरटाइम, नाइट आदि समग्र जांच करवाई जाए। ऐसे भ्रष्टाचार के कारण पूरा कर्मचारी वर्ग मानसिक परेशानी से गुजर रहा है। क्योंकि पैसा तो यह बड़े-बड़े भ्रष्टाचारी खा जाते हैं और सेवानिवृत्त कर्मचारी और वर्तमान में कार्यरत कर्मचारी आर्थिक तंगी से परेशान हैं। 30 से 35 वर्ष नौकरी करने के बाद कई सालों से देय भत्ते नहीं मिल रहे हैं। कार्यरत कर्मचारियों को भी समय पर ओवरटाइम, रात्रि भत्ता नहीं मिलता। कुछ कर्मचारी सेवानिवृत्ति बाद गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, कुछ स्वर्ग सिधार गए हैं। अपनी ही खून-पसीने की कमाई भीख की तरह मांगनी पड़ रही है। यह सब भ्रष्टाचार के कारण हो रहा है। निगम भी हमेशा घाटे में रहता है। उन्होंने मांग की कि जल्द सभी डिपो में जांच की जाए और सेवानिवृत्त कर्मचारियों की देय राशि जल्द दी जाए।।
चम्बा ! सेवानिवृत्त कल्याण मंच हिमाचल पथ परिवहन निगम चंबा के उपाध्यक्ष भूपिद्र जसरोटिया ने मांगों को लेकर उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री व निदेशक हिमाचल पथ परिवहन निगम को ज्ञापन भेजे। उन्होंने कहा कि जिस तरह से चंबा, देहरा व पालमपुर में हिमाचल पथ परिवहन के डिपो में भ्रष्टाचार के मामले उजागर हुए हैं, उसे देखते हुए अंदेशा है कि सभी 27 डिपो की समग्र जांच करवाई जाए तो करोड़ों का भ्रष्टाचार उजागर हो सकता है।
वर्दी, स्टेशनरी, कंप्यूटर खरीद, रिपेयर, बस पुर्जो की खरीद, चालक-परिचालक व तकनीकी कर्मचारियों के एरियर, ओवरटाइम, नाइट आदि समग्र जांच करवाई जाए। ऐसे भ्रष्टाचार के कारण पूरा कर्मचारी वर्ग मानसिक परेशानी से गुजर रहा है। क्योंकि पैसा तो यह बड़े-बड़े भ्रष्टाचारी खा जाते हैं और सेवानिवृत्त कर्मचारी और वर्तमान में कार्यरत कर्मचारी आर्थिक तंगी से परेशान हैं। 30 से 35 वर्ष नौकरी करने के बाद कई सालों से देय भत्ते नहीं मिल रहे हैं।
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कार्यरत कर्मचारियों को भी समय पर ओवरटाइम, रात्रि भत्ता नहीं मिलता। कुछ कर्मचारी सेवानिवृत्ति बाद गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, कुछ स्वर्ग सिधार गए हैं। अपनी ही खून-पसीने की कमाई भीख की तरह मांगनी पड़ रही है। यह सब भ्रष्टाचार के कारण हो रहा है। निगम भी हमेशा घाटे में रहता है। उन्होंने मांग की कि जल्द सभी डिपो में जांच की जाए और सेवानिवृत्त कर्मचारियों की देय राशि जल्द दी जाए।।
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