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चम्बा में दो वर्षीय मासूम ने कोरोना को मात देकर वीरवार को अपने घर पहुंच गई। नन्हीं बच्ची के ठीक होने के पीछे मां की हिम्मत की दास्तां भी छिपी है। मां को अपनी मासूम बेटी से ही वायरस मिला। दरअसल, बच्ची के पाॅजिटिव आने के बाद मां ने उसकी उंगली नहीं छोड़ी। सरकार ने भी नन्हीं बच्ची के साथ मां को रहने की इजाजत दे दी थी। सलूणी के हिमगिरि की रहने वाली बच्ची के जब संक्रमित होने की खबर जब 9 मई को सामने आई थी तो हर कोई व्यथित हुए बिना नहीं रह सका था। चंद रोज बाद मां की रिपोर्ट भी पाॅजिटिव हो गई। आयुर्वैदिक अस्पताल बालू में दाखिल बच्ची की आज जब रिपोर्ट नेगेटिव आई तो लाजमी तौर पर मां के चेहरे पर लंबा सुकून फैल गया होगा। साथ ही समूचा स्टाफ भी थैंक गाॅड कह रहा होगा। जानकारी के मुताबिक आज जब मां ने अपनी दुधमुंही बच्ची को घर जाने के लिए अपने से अलग किया तो हिम्मती मां की आंखें नम थी। इस पल को देखकर वहां मौजूद स्टाफ भी भावुक हो गया। संभव है कि सबसे छोटी उम्र में इस मासूम बच्ची ने ही कोरोना को मात देने में सफलता पाई होगी। यह सौ फीसदी तय है कि मां के हौंसले की वजह से ही यह संभव हो पाया। बताते चले कि बालू अस्पताल तक बच्ची व उसकी मां को ईएमटी भूपेंद्र जागवान व पायलट मुकेश ने 9 मई को पहुंचाया था।
चम्बा में दो वर्षीय मासूम ने कोरोना को मात देकर वीरवार को अपने घर पहुंच गई। नन्हीं बच्ची के ठीक होने के पीछे मां की हिम्मत की दास्तां भी छिपी है। मां को अपनी मासूम बेटी से ही वायरस मिला। दरअसल, बच्ची के पाॅजिटिव आने के बाद मां ने उसकी उंगली नहीं छोड़ी। सरकार ने भी नन्हीं बच्ची के साथ मां को रहने की इजाजत दे दी थी। सलूणी के हिमगिरि की रहने वाली बच्ची के जब संक्रमित होने की खबर जब 9 मई को सामने आई थी तो हर कोई व्यथित हुए बिना नहीं रह सका था। चंद रोज बाद मां की रिपोर्ट भी पाॅजिटिव हो गई।
आयुर्वैदिक अस्पताल बालू में दाखिल बच्ची की आज जब रिपोर्ट नेगेटिव आई तो लाजमी तौर पर मां के चेहरे पर लंबा सुकून फैल गया होगा। साथ ही समूचा स्टाफ भी थैंक गाॅड कह रहा होगा। जानकारी के मुताबिक आज जब मां ने अपनी दुधमुंही बच्ची को घर जाने के लिए अपने से अलग किया तो हिम्मती मां की आंखें नम थी। इस पल को देखकर वहां मौजूद स्टाफ भी भावुक हो गया।
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संभव है कि सबसे छोटी उम्र में इस मासूम बच्ची ने ही कोरोना को मात देने में सफलता पाई होगी। यह सौ फीसदी तय है कि मां के हौंसले की वजह से ही यह संभव हो पाया। बताते चले कि बालू अस्पताल तक बच्ची व उसकी मां को ईएमटी भूपेंद्र जागवान व पायलट मुकेश ने 9 मई को पहुंचाया था।
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