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चम्बा ! एक तरफ पूरे देश में इस वैश्विक महामारी कोरोना कोविड-19 के योद्धाओं को फूल बरसा कर सम्मानित किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर हिमाचल में प्रशासनिक अधिकारियों को सम्मानित करने के बजाय राजनीति का शिकार होना पड़ रहा है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी सचिव रमेश राव ने जारी बयान में कहा कि प्रदेश सरकार विपक्ष पर राजनीति का आरोप लगाती आ रही है। जबकि हकीकत यह है कि विपक्ष मात्र जनहित के मुद्दों की बात उठा रहा है पर खुद प्रदेश सरकार इस आपदा में राजनीति के रंग में रंग गई है। अधिकारी अगर नेताओं और पदाधिकारियों की बात नहीं मानें तो तो उनकी ट्रांसफर की जा रही है। पत्रकार बंधु अगर सरकार की पोल खोलें तो उन पर एफआईआर दर्ज की जा रही है। राव ने कहा कि एक होनहार और ईमानदार आईएएस अधिकारी किरण भडाना के तबादले का वह विरोध करते हैं। बात सिर्फ इतनी थी कि उस अधिकारी ने सरकार और एमएचए की गाइडलाइंस को फॉलो किया। गाइडलाइन इस प्रकार है कि अगर कोई रेड ज़ोन से आएगा तो उसे संस्थागत क्वारंटाइन किया जाएगा। ऐसा ही एक परिवार हमीरपुर जिले के नादौन उपमंडल में आया तो मैडम ने संस्थागत निगरानी के आदेश जारी किए। लेकिन तथाकथित भाजपा नेता ने अपना सुझाव थोप दिया कि इनको होम क्वारेन्टीन करो क्योंकि ये जनाब के रिश्तेदार थे। लेकिन एसडीएम मैडम ने डीसी हमीरपुर के आदेशों का हवाला दिया तो जनाब को गुस्सा आ गया और नतीजा आपके सामने है । मैडम को चम्बा के सलूणी ट्रांसफर कर दिया और अन्य तीन अधिकारियों के भी तबादले किए गए जिसका भी वह विरोध करते हैं। राव ने आगे कहा कि जहां एक तरफ पूरा देश व प्रदेश कोरोना महामारी से जूझ रहा है। वहीं बैजनाथ विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक, रात दिन अपनी जान को जोखिम में डालकर लोगों की सेवा करने वाले ईमानदार डीएसपी बैजनाथ पूर्ण चन्द के तबादले के लिए जोर शोर से पीछे पडे हुए हैं। वहीं बिलासपुर में भी पुलिस के जवान को भी इस राजनीति के शिकार होना पड़ा। राव के मुताबिक उनका सरकार के मुखिया से निवेदन है कि वह इस आपदा की घड़ी में जनता को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाकर राहत पहुंचाएं न कि तबादलों का खेल खेलें।
चम्बा ! एक तरफ पूरे देश में इस वैश्विक महामारी कोरोना कोविड-19 के योद्धाओं को फूल बरसा कर सम्मानित किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर हिमाचल में प्रशासनिक अधिकारियों को सम्मानित करने के बजाय राजनीति का शिकार होना पड़ रहा है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी सचिव रमेश राव ने जारी बयान में कहा कि प्रदेश सरकार विपक्ष पर राजनीति का आरोप लगाती आ रही है।
जबकि हकीकत यह है कि विपक्ष मात्र जनहित के मुद्दों की बात उठा रहा है पर खुद प्रदेश सरकार इस आपदा में राजनीति के रंग में रंग गई है। अधिकारी अगर नेताओं और पदाधिकारियों की बात नहीं मानें तो तो उनकी ट्रांसफर की जा रही है। पत्रकार बंधु अगर सरकार की पोल खोलें तो उन पर एफआईआर दर्ज की जा रही है।
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राव ने कहा कि एक होनहार और ईमानदार आईएएस अधिकारी किरण भडाना के तबादले का वह विरोध करते हैं। बात सिर्फ इतनी थी कि उस अधिकारी ने सरकार और एमएचए की गाइडलाइंस को फॉलो किया। गाइडलाइन इस प्रकार है कि अगर कोई रेड ज़ोन से आएगा तो उसे संस्थागत क्वारंटाइन किया जाएगा।
ऐसा ही एक परिवार हमीरपुर जिले के नादौन उपमंडल में आया तो मैडम ने संस्थागत निगरानी के आदेश जारी किए। लेकिन तथाकथित भाजपा नेता ने अपना सुझाव थोप दिया कि इनको होम क्वारेन्टीन करो क्योंकि ये जनाब के रिश्तेदार थे। लेकिन एसडीएम मैडम ने डीसी हमीरपुर के आदेशों का हवाला दिया तो जनाब को गुस्सा आ गया और नतीजा आपके सामने है ।
मैडम को चम्बा के सलूणी ट्रांसफर कर दिया और अन्य तीन अधिकारियों के भी तबादले किए गए जिसका भी वह विरोध करते हैं। राव ने आगे कहा कि जहां एक तरफ पूरा देश व प्रदेश कोरोना महामारी से जूझ रहा है। वहीं बैजनाथ विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक, रात दिन अपनी जान को जोखिम में डालकर लोगों की सेवा करने वाले ईमानदार डीएसपी बैजनाथ पूर्ण चन्द के तबादले के लिए जोर शोर से पीछे पडे हुए हैं।
वहीं बिलासपुर में भी पुलिस के जवान को भी इस राजनीति के शिकार होना पड़ा। राव के मुताबिक उनका सरकार के मुखिया से निवेदन है कि वह इस आपदा की घड़ी में जनता को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाकर राहत पहुंचाएं न कि तबादलों का खेल खेलें।
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