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बद्दी ! चितकारा यूनिवर्सिटी ने चितकारा इंटरनेशनल स्कूल के सहयोग से जाने माने फिल्म अभिनेता वाइस आर्टिस्ट व थिएटर पर्सनेलिटी बोमन ईरानी से ऑनलाइन बातचीत सत्र करवाया गया। लर्न परस्पेक्टिव ए नेरेटिव वाई आर्टिस्ट एक्सट्राआर्डिनेरी विषय पर करवाए सत्र में बोमन ईरानी ने अपने विचारों को सांझा किया। इसका संचालन स्कूल की प्रिसीपल डॉ. नियति चितकारा ने किया। उन्होंने छात्रों व शिक्षकों के सवालों के जबाव दिए। थ्री इडियट में वायरस की भूमिका निभाने वाले व मुनाभाई एमबीबीएस में डॉक्टर जेएस अस्थाना व पीके में ईमानदार चैनल प्रमुख की भूमिकाओं के जरिए अपनी धाक जमाने वाले बोमन ने अपना करियर के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बोमन ने सभी उदमीयन व इन सर्विस शिक्षकं की जिज्ञासाओं को भी अपने जबाव के जरिए शांत किया। उन्होंने कहा कि टीचिग एक तरह से अभियान की तरह है। एक शिक्षक को आनलाइन क्लास में आर्ट व थिएट्रिक्ल साइंस का इस्तेमाल करते हुए अपने छात्रों के साथ एकाग्रता से संवाद करना चाहिए।उन्होंने कहा कि हास्य परिहास के साथ संवेदनशीलता को भी पढाई में शामिल करना चाहिए। चितकारा यूनिवर्सिटी की प्रो चांसलर डा. मधु चितकारा के सवाल पर कि जब उन्होंने बीरू सहस्त्रबुद्दे व डा. अस्थाना की भूमिका की भी तब उनका शिक्षकों के बारे में क्या विचार था, उन्होंने कहा कि वे शिक्षकों के प्रति बहुत ही आदर व सम्मान का भाव रखते हैं। उन्होंने कहा कि वे रोजाना 80 से 85 छात्रों को स्क्रीन राइटिंग के बारे में पढ़ा रहे हैं ताकि वे फिल्म इंडस्ट्री को कुछ वापस कर सकें। उन शिक्षकों के बारे में वह क्या सलाह दैंगे जिन्होंने कोविड बीमारी के बाद आनलाइन टीचिंग की तरफ रुख कर लिया है तो ईरानी ने कहा कि उनको कंफर्ट जोन से बाहर निकलना चाहिए और समय के अनुसार बदलना चाहिए। हम सभी शिक्षक मिलकर उन चुनौतियों का सामना करें जो कि उनके सामने आकर खड़ी हो गई हैं।
बद्दी ! चितकारा यूनिवर्सिटी ने चितकारा इंटरनेशनल स्कूल के सहयोग से जाने माने फिल्म अभिनेता वाइस आर्टिस्ट व थिएटर पर्सनेलिटी बोमन ईरानी से ऑनलाइन बातचीत सत्र करवाया गया। लर्न परस्पेक्टिव ए नेरेटिव वाई आर्टिस्ट एक्सट्राआर्डिनेरी विषय पर करवाए सत्र में बोमन ईरानी ने अपने विचारों को सांझा किया। इसका संचालन स्कूल की प्रिसीपल डॉ. नियति चितकारा ने किया। उन्होंने छात्रों व शिक्षकों के सवालों के जबाव दिए। थ्री इडियट में वायरस की भूमिका निभाने वाले व मुनाभाई एमबीबीएस में डॉक्टर जेएस अस्थाना व पीके में ईमानदार चैनल प्रमुख की भूमिकाओं के जरिए अपनी धाक जमाने वाले बोमन ने अपना करियर के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बोमन ने सभी उदमीयन व इन सर्विस शिक्षकं की जिज्ञासाओं को भी अपने जबाव के जरिए शांत किया।
उन्होंने कहा कि टीचिग एक तरह से अभियान की तरह है। एक शिक्षक को आनलाइन क्लास में आर्ट व थिएट्रिक्ल साइंस का इस्तेमाल करते हुए अपने छात्रों के साथ एकाग्रता से संवाद करना चाहिए।उन्होंने कहा कि हास्य परिहास के साथ संवेदनशीलता को भी पढाई में शामिल करना चाहिए। चितकारा यूनिवर्सिटी की प्रो चांसलर डा. मधु चितकारा के सवाल पर कि जब उन्होंने बीरू सहस्त्रबुद्दे व डा. अस्थाना की भूमिका की भी तब उनका शिक्षकों के बारे में क्या विचार था, उन्होंने कहा कि वे शिक्षकों के प्रति बहुत ही आदर व सम्मान का भाव रखते हैं। उन्होंने कहा कि वे रोजाना 80 से 85 छात्रों को स्क्रीन राइटिंग के बारे में पढ़ा रहे हैं ताकि वे फिल्म इंडस्ट्री को कुछ वापस कर सकें। उन शिक्षकों के बारे में वह क्या सलाह दैंगे जिन्होंने कोविड बीमारी के बाद आनलाइन टीचिंग की तरफ रुख कर लिया है तो ईरानी ने कहा कि उनको कंफर्ट जोन से बाहर निकलना चाहिए और समय के अनुसार बदलना चाहिए। हम सभी शिक्षक मिलकर उन चुनौतियों का सामना करें जो कि उनके सामने आकर खड़ी हो गई हैं।
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