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बिलासपुर ! स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के तत्वधान में ग्राम पंचायत बल्हचुराणी में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। इसकी अध्यक्षता स्वास्थ्य शिक्षक दीप कुमार ने की। इस अवसर पर उन्होंने पर्यावरण की सुरक्षा व संरक्षण की महत्ता पर प्रकाश डाला।उन्होंने बताया कि स्वस्थ और सुरक्षित पर्यावरण के बिना समाज की कल्पना भी अधूरी है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण दिवस लोगों को पर्यावरण की रक्षा व पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति सचेत करने का काम करता है। उन्होंने बताया कि हर वर्ष नई थीम के साथ पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष 2021 का थीम ‘परिस्थिति की तंत्र बहाली’ है। उन्होंने बताया कि परिस्थिति की तंत्र बहाली कई तरीकों से हो सकती है जैसे पेड़ लगाना, शहर को हरा-भरा रखना, बगीचों को फिर से बनाना, नदियों और तटों की सफाई करना आदि है। उन्होंने कहा कि आज के दिन सभी लोगों को प्रण करना चाहिए कि वे पर्यावरण दिवस पर एक पेड़ अवश्य लगाएं और उसकी देखरेख करे। उन्होंने बताया कि हमारे पूर्वज पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर हमसे ज्यादा जागरूक थे। वह हमेशा पीपल, बरगद व नीम के पेड़ लगाते थे इनमें से पीपल 24 घंटे, बरगद 18 घंटे व नीम 16 घंटे आॅक्सीजन देते है। इसके अलावा इन तीनों पेड़ो का जीवन काल काफी लम्बा होता है। यह पौधे लम्बे समय तक हमारे पर्यावरण को साफ-सुथरा रखते है। उन्होंने बताया कि हर घर में पूजी जाने वाली तुलसी भी 24 घंटे आक्सीजन प्रदान करती है।
बिलासपुर ! स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के तत्वधान में ग्राम पंचायत बल्हचुराणी में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। इसकी अध्यक्षता स्वास्थ्य शिक्षक दीप कुमार ने की। इस अवसर पर उन्होंने पर्यावरण की सुरक्षा व संरक्षण की महत्ता पर प्रकाश डाला।उन्होंने बताया कि स्वस्थ और सुरक्षित पर्यावरण के बिना समाज की कल्पना भी अधूरी है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण दिवस लोगों को पर्यावरण की रक्षा व पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति सचेत करने का काम करता है।
उन्होंने बताया कि हर वर्ष नई थीम के साथ पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष 2021 का थीम ‘परिस्थिति की तंत्र बहाली’ है। उन्होंने बताया कि परिस्थिति की तंत्र बहाली कई तरीकों से हो सकती है जैसे पेड़ लगाना, शहर को हरा-भरा रखना, बगीचों को फिर से बनाना, नदियों और तटों की सफाई करना आदि है। उन्होंने कहा कि आज के दिन सभी लोगों को प्रण करना चाहिए कि वे पर्यावरण दिवस पर एक पेड़ अवश्य लगाएं और उसकी देखरेख करे।
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उन्होंने बताया कि हमारे पूर्वज पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर हमसे ज्यादा जागरूक थे। वह हमेशा पीपल, बरगद व नीम के पेड़ लगाते थे इनमें से पीपल 24 घंटे, बरगद 18 घंटे व नीम 16 घंटे आॅक्सीजन देते है। इसके अलावा इन तीनों पेड़ो का जीवन काल काफी लम्बा होता है। यह पौधे लम्बे समय तक हमारे पर्यावरण को साफ-सुथरा रखते है। उन्होंने बताया कि हर घर में पूजी जाने वाली तुलसी भी 24 घंटे आक्सीजन प्रदान करती है।
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