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शिमला ! कांगड़ा जयसिंहपुर का जवान 2002 में असम में शहीद हुआ था । उनकी शहादत पर उन्हें कीर्ति चक्र से नवाजा गया। उसी वक़्त तत्कालीन सरकार ने शहीद के नाम पर स्मारक बनाने और स्कूल का नाम रखने की घोषणा की थी। लेकिन 18 साल के बाद भी सरकार ने दोनों वायदे पूरे नहीं किए। नाराज़ शहीद अनिल का परिवार आज कीर्ति चक्र लौटाने राजभवन पहुंच गया। https://www.facebook.com/Khabar.Himachal.Shimla/videos/726509894574743/ शहीद की मां राजकुमारी का कहना है कि 23 साल के बेटे ने 2002 में असम में अपनी शहादत दी थी। उस वक़्त वीरभद्र सरकार ने अनिल के नाम पर स्कूल का नाम रखने और स्मारक बनाने का वायदा किया था जो आज तक पूरा नहीं हुआ। 18 साल तक वायदे पूरे न करना शहीदों का अपमान है इसलिए वह कीर्ति चक्र लौटने आई हैं। उधर सामाजिक कार्यकर्ता संजय शर्मा जो इस परिवार को लेकर राजभवन पहुंचे ने बताया कि ये एक शहीद परिवार को बात नही है प्रदेश में ऐसे कितने शहीद है जिनके साथ सरकार वादाखिलाफी कर रही है। इसलिए नाराज़गी है यही वजह है कि इस परिवार को कीर्ति चक्र लौटने राजभवन आना पड़ा है। संयोग से इसी बीच मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे थे। शहीद के परिवार को देखकर उन्होंने गाड़ी रोकी और शहीद परिवार को आश्वासन दिया।
शिमला ! कांगड़ा जयसिंहपुर का जवान 2002 में असम में शहीद हुआ था । उनकी शहादत पर उन्हें कीर्ति चक्र से नवाजा गया। उसी वक़्त तत्कालीन सरकार ने शहीद के नाम पर स्मारक बनाने और स्कूल का नाम रखने की घोषणा की थी। लेकिन 18 साल के बाद भी सरकार ने दोनों वायदे पूरे नहीं किए। नाराज़ शहीद अनिल का परिवार आज कीर्ति चक्र लौटाने राजभवन पहुंच गया।
https://www.facebook.com/Khabar.Himachal.Shimla/videos/726509894574743/ शहीद की मां राजकुमारी का कहना है कि 23 साल के बेटे ने 2002 में असम में अपनी शहादत दी थी। उस वक़्त वीरभद्र सरकार ने अनिल के नाम पर स्कूल का नाम रखने और स्मारक बनाने का वायदा किया था जो आज तक पूरा नहीं हुआ। 18 साल तक वायदे पूरे न करना शहीदों का अपमान है इसलिए वह कीर्ति चक्र लौटने आई हैं।- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
उधर सामाजिक कार्यकर्ता संजय शर्मा जो इस परिवार को लेकर राजभवन पहुंचे ने बताया कि ये एक शहीद परिवार को बात नही है प्रदेश में ऐसे कितने शहीद है जिनके साथ सरकार वादाखिलाफी कर रही है। इसलिए नाराज़गी है यही वजह है कि इस परिवार को कीर्ति चक्र लौटने राजभवन आना पड़ा है। संयोग से इसी बीच मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे थे। शहीद के परिवार को देखकर उन्होंने गाड़ी रोकी और शहीद परिवार को आश्वासन दिया।
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