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शिमला ! भारत की जनवादी नौजवान सभा शिमला शहरी इकाई द्वारा शिमला शहर के अंदर लोगों को आ रही समस्याओं को लेकर महापौर को ज्ञापन सौंपा गया। कोरोना काल में नगर निगम शिमला द्वारा बढ़ाए जा रहे पानी के बिलों एवं अन्य करों को लेकर डीवाईएफआई ने मेयर शिमला सत्या कौंडल को एक ज्ञापन सौंपा और मांग उठाई की कोरोना काल में पानी और करों में वृद्धि करना जनता के हितों के साथ खिलवाड़ है। बंदर और कुत्ते पहले ही राजधानी शिमला के लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। जिनकी समस्या को तो निगम आज तक हल नहीं कर पाया है। डीवाईएफआई शिमला शहरी सचिव अमित ठाकुर ने कहा कि समस्याओं से निजात दिलाने के बजाय नगर निगम शिमला लोगों पर ओर बोझ डाल रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना में लोकडौन के समय अधिकतर लोग शिमला के बाहर अपने घरों में थे बावजूद इसके कूड़े बिजली व पानी के भारी भरकम बिल उन्हें थमा दिए गए हैं जो कि आम जनता के साथ खिलवाड़ है। उन्होने कहा कि शहर के लोग बंदरों ओर कुतों के आतंक से परेशान है। बंदरो के आतंक से तो कई लोग अपनी जान से भी हाथ धो चुके हैं, परन्तु हर बार नगर निगम इनसे निजात दिलाने के निगम के दावे खोखले साबित हुए हैं। नौजवान सभा ने कहा कि शहर की जनता को इन समस्याओं से जिस प्रकार जूझना पड़ रहा है उन समस्याओं का निपटान शीघ्र अति शीघ्र किया जाए ताकि शहर की जनता को इससे कुछ राहत मिल सके। उधर नगर निगम की मेयर सत्या कौंडल ने कहा के पानी के बड़े हुए बिलों और करों को लेकर आज निगम का हाउस भी बुलाया गया है। जिसमें चर्चा कर प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा इस पर अंतिम निर्णय सरकार को ही लेना है। रही बात बंदरो और कुत्तों की तो इनको मार नहीं सकते है हां निगम बंदरो और कुत्तों की नशबंदी जरूर कर रही है। निगम शहर के लोगों को बंदरो, कुतों से आ रही परेशानियों को लेकर चिंतित है, व इनसे निजात दिलाने में प्रयासरत है।
शिमला ! भारत की जनवादी नौजवान सभा शिमला शहरी इकाई द्वारा शिमला शहर के अंदर लोगों को आ रही समस्याओं को लेकर महापौर को ज्ञापन सौंपा गया। कोरोना काल में नगर निगम शिमला द्वारा बढ़ाए जा रहे पानी के बिलों एवं अन्य करों को लेकर डीवाईएफआई ने मेयर शिमला सत्या कौंडल को एक ज्ञापन सौंपा और मांग उठाई की कोरोना काल में पानी और करों में वृद्धि करना जनता के हितों के साथ खिलवाड़ है। बंदर और कुत्ते पहले ही राजधानी शिमला के लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। जिनकी समस्या को तो निगम आज तक हल नहीं कर पाया है।
डीवाईएफआई शिमला शहरी सचिव अमित ठाकुर ने कहा कि समस्याओं से निजात दिलाने के बजाय नगर निगम शिमला लोगों पर ओर बोझ डाल रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना में लोकडौन के समय अधिकतर लोग शिमला के बाहर अपने घरों में थे बावजूद इसके कूड़े बिजली व पानी के भारी भरकम बिल उन्हें थमा दिए गए हैं जो कि आम जनता के साथ खिलवाड़ है। उन्होने कहा कि शहर के लोग बंदरों ओर कुतों के आतंक से परेशान है। बंदरो के आतंक से तो कई लोग अपनी जान से भी हाथ धो चुके हैं, परन्तु हर बार नगर निगम इनसे निजात दिलाने के निगम के दावे खोखले साबित हुए हैं। नौजवान सभा ने कहा कि शहर की जनता को इन समस्याओं से जिस प्रकार जूझना पड़ रहा है उन समस्याओं का निपटान शीघ्र अति शीघ्र किया जाए ताकि शहर की जनता को इससे कुछ राहत मिल सके।
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उधर नगर निगम की मेयर सत्या कौंडल ने कहा के पानी के बड़े हुए बिलों और करों को लेकर आज निगम का हाउस भी बुलाया गया है। जिसमें चर्चा कर प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा इस पर अंतिम निर्णय सरकार को ही लेना है। रही बात बंदरो और कुत्तों की तो इनको मार नहीं सकते है हां निगम बंदरो और कुत्तों की नशबंदी जरूर कर रही है। निगम शहर के लोगों को बंदरो, कुतों से आ रही परेशानियों को लेकर चिंतित है, व इनसे निजात दिलाने में प्रयासरत है।
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