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सिरमौर ,[ नाहन ] 03 जनवरी ! प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना जिला के श्रमिकों, कामगारों तथा शिल्पकारों की आर्थिकी को संबल प्रदान करने की दिशा में एक कारगर योजना है। केन्द्र सरकार द्वारा कामगारों व शिल्पकारों को आर्थिक सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से इस योजना की शुरूआत की गई है। सिरमौर जिला में योजना के प्रभावी कार्यान्वयन को लेकर एक समीक्षा बैठक में उपायुक्त सुमित खिमटा ने कहा कि योजना का क्रियान्वयन जिला उद्योग केन्द्र के माध्यम से किया जाएगा। जिला में योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के लिये श्रमिकों, कामगारों व शिल्पकारों को प्रोत्साहित करने तथा उन्हें योजना के घटकों के बारे में जागरूक करने की आवश्यकता है। इसके लिये उन्होंने उद्योग विभाग को जागरूकता शिविर लगाने को कहा। सुमित खिमटा ने कहा कि सरकार उद्यमशीलता को बढ़ावा देने पर बल दे रही है और जन कल्याण की अनेक योजनाओं को आरंभ किया गया है ताकि ग्रामीण आर्थिकी मजबूत हो। इसके लिये योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों तक समयबद्ध सुनिश्चित बनाना संबंधित हितधारकों व विभागों का दायित्व है। उन्होंने कहा कि श्रमिक वर्ग का ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान है और इन वर्गों की आर्थिक सम्पन्नता को सुनिश्चित बनाना जरूरी है और इसके लिये सरकार की योजनाओं को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने के लिये संबंधित विभागों को इमानदार प्रयास करने चाहिए। उपायुक्त ने कहा कि पांच साल की अवधि के लिए 13,000 करोड़ रूपए की लागत वाली इस योजना के पहले चरण में 18 पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को शामिल किया गया है। इनमे बढई, लोहार , हथोडा एंव औजार बनाने वाले, कुम्हार, सुनार, पत्थर की कारीगरी करने वाले, चर्मकार, राज मिस्त्री, नौका बनाने वाले , दरी, झाड़ू एंव टोकरी बनाने वाले, धोबी, नाई, दर्जी, मछली पकड़ने का जाल बनाने वाले आदि शामिल हैं। क्या है योजना के फायदे सुमित खिमटा ने कहा कि योजना के तहत कारीगरों एंव शिल्पकारों को पी एम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र प्रदान कर मान्यता दी जाएगी और पहचान पत्र भी प्रदान किया जाएगा। इसके आलावा आधुनिक उपकरण खरीदने के लिए 15 हज़ार रूपए की मदद की जाएगी। योजना के बाद प्रथम चरण में एक लाख रूपए तक का कर्ज दिया जाएगा जिस पर रियायती ब्याज (अधिकतम 5 प्रतिशत) देय होगा। व्यवसाय को व्यवस्थित करने के बाद दुसरे चरण में दो लाख रूपए का रियायती ऋण प्रदान किया जाएगा। इसके आलावा कारीगरों को डिजिटल लेन देन में प्रोत्साहन और मार्किट सपोर्ट प्रदान की जाएगी। क्या है आवेदन की प्रक्रिया विश्वकर्मा योजना में आवेदन ग्राम पंचायत स्तर पर किसी भी सी० एस० सी० (कॉमन सर्विस सेंटरस ), लोक मित्र केन्द्रों के माध्यम से किया जा सकता है। इसमें आवेदनकर्ता को अपने मूलभूत दस्तावेज साथ ले जाने होंगे जिनमें आधार कार्ड, आधार लिंक्ड मोबाइल नंबर, बैंक डिटेल्स, राशन कार्ड, इसके आलावा अन्य दस्तावेज जैसे अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र, पेन कार्ड इत्यादि भी साथ ले जा सकते हैं। जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक साक्षी सती ने अवगत करवाया कि जिला सिरमौर में अब तक विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत विभिन्न पंचायतों से लगभग 200 के करीब आवेदन अनुमोदित होने के बाद प्राप्त हुए हैं। जिसमे से लगभग 80 आवेदनों को जिलाधीश की अध्यक्षता में समिति द्वारा अनुमोदित करने के उपरांत राज्य स्तरीय समिति को भेज दिया गया है । इस योजना को सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों के द्वारा लागू किया जा रहा है व इसके लिए पेन कार्ड की अनिवार्यता नहीं है। उपायुक्त ने जिला के पात्र कामगारों व शिल्पकारों से योजना के अंतर्गत सहायता प्राप्त करने के लिये आगे आने की अपील की है। इस संबंध में जिला उधोग केन्द्र से भी जानकारी हासिल की जा सकती है। .
सिरमौर ,[ नाहन ] 03 जनवरी ! प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना जिला के श्रमिकों, कामगारों तथा शिल्पकारों की आर्थिकी को संबल प्रदान करने की दिशा में एक कारगर योजना है। केन्द्र सरकार द्वारा कामगारों व शिल्पकारों को आर्थिक सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से इस योजना की शुरूआत की गई है।
सिरमौर जिला में योजना के प्रभावी कार्यान्वयन को लेकर एक समीक्षा बैठक में उपायुक्त सुमित खिमटा ने कहा कि योजना का क्रियान्वयन जिला उद्योग केन्द्र के माध्यम से किया जाएगा। जिला में योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के लिये श्रमिकों, कामगारों व शिल्पकारों को प्रोत्साहित करने तथा उन्हें योजना के घटकों के बारे में जागरूक करने की आवश्यकता है। इसके लिये उन्होंने उद्योग विभाग को जागरूकता शिविर लगाने को कहा।
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सुमित खिमटा ने कहा कि सरकार उद्यमशीलता को बढ़ावा देने पर बल दे रही है और जन कल्याण की अनेक योजनाओं को आरंभ किया गया है ताकि ग्रामीण आर्थिकी मजबूत हो। इसके लिये योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों तक समयबद्ध सुनिश्चित बनाना संबंधित हितधारकों व विभागों का दायित्व है। उन्होंने कहा कि श्रमिक वर्ग का ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान है और इन वर्गों की आर्थिक सम्पन्नता को सुनिश्चित बनाना जरूरी है और इसके लिये सरकार की योजनाओं को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने के लिये संबंधित विभागों को इमानदार प्रयास करने चाहिए।
उपायुक्त ने कहा कि पांच साल की अवधि के लिए 13,000 करोड़ रूपए की लागत वाली इस योजना के पहले चरण में 18 पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को शामिल किया गया है। इनमे बढई, लोहार , हथोडा एंव औजार बनाने वाले, कुम्हार, सुनार, पत्थर की कारीगरी करने वाले, चर्मकार, राज मिस्त्री, नौका बनाने वाले , दरी, झाड़ू एंव टोकरी बनाने वाले, धोबी, नाई, दर्जी, मछली पकड़ने का जाल बनाने वाले आदि शामिल हैं।
क्या है योजना के फायदे सुमित खिमटा ने कहा कि योजना के तहत कारीगरों एंव शिल्पकारों को पी एम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र प्रदान कर मान्यता दी जाएगी और पहचान पत्र भी प्रदान किया जाएगा। इसके आलावा आधुनिक उपकरण खरीदने के लिए 15 हज़ार रूपए की मदद की जाएगी। योजना के बाद प्रथम चरण में एक लाख रूपए तक का कर्ज दिया जाएगा जिस पर रियायती ब्याज (अधिकतम 5 प्रतिशत) देय होगा। व्यवसाय को व्यवस्थित करने के बाद दुसरे चरण में दो लाख रूपए का रियायती ऋण प्रदान किया जाएगा। इसके आलावा कारीगरों को डिजिटल लेन देन में प्रोत्साहन और मार्किट सपोर्ट प्रदान की जाएगी।
क्या है आवेदन की प्रक्रिया विश्वकर्मा योजना में आवेदन ग्राम पंचायत स्तर पर किसी भी सी० एस० सी० (कॉमन सर्विस सेंटरस ), लोक मित्र केन्द्रों के माध्यम से किया जा सकता है। इसमें आवेदनकर्ता को अपने मूलभूत दस्तावेज साथ ले जाने होंगे जिनमें आधार कार्ड, आधार लिंक्ड मोबाइल नंबर, बैंक डिटेल्स, राशन कार्ड, इसके आलावा अन्य दस्तावेज जैसे अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र, पेन कार्ड इत्यादि भी साथ ले जा सकते हैं।
जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक साक्षी सती ने अवगत करवाया कि जिला सिरमौर में अब तक विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत विभिन्न पंचायतों से लगभग 200 के करीब आवेदन अनुमोदित होने के बाद प्राप्त हुए हैं। जिसमे से लगभग 80 आवेदनों को जिलाधीश की अध्यक्षता में समिति द्वारा अनुमोदित करने के उपरांत राज्य स्तरीय समिति को भेज दिया गया है । इस योजना को सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों के द्वारा लागू किया जा रहा है व इसके लिए पेन कार्ड की अनिवार्यता नहीं है।
उपायुक्त ने जिला के पात्र कामगारों व शिल्पकारों से योजना के अंतर्गत सहायता प्राप्त करने के लिये आगे आने की अपील की है। इस संबंध में जिला उधोग केन्द्र से भी जानकारी हासिल की जा सकती है। .
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