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सुंदरनगर ! घाटे में चल रहे बीएसएनएल की कार्रवाई का असर हिमाचल के एकमात्र ट्रेनिंग सेंटर पर भी पड़ा है। सुंदरनगर में स्थापित भारत संचार निगम लिमिटेड का हिमाचल प्रदेश में चल रहे इकलौते ट्रेनिंग सेंटर पर ताला लग गया है। करीब 26 वर्षों से चलाए जा रहे इस ट्रेनिंग सेंटर में अब बीएसएनएल कर्मियों को ट्रेनिंग की सुविधा नहीं मिलेगी। इसके लिए अब उन्हें हिमाचल से बाहर जयपुर, राजपुरा और जबलपुर जाना होगा। ट्रेनिंग सेंटर बंद होने के कारण बीएसएनएल पर पड़ रहे अतिरिक्त वित्तीय बोझ को कम करना बताया जा रहा है। इसी वर्ष पहली फरवरी को इस ट्रेनिंग सेंटर को बंद कर दिया गया। अब खाली पड़े ट्रेनिंग सेंटर के भवन को किसी सरकारी या गैर सरकारी कंपनी को किराए पर देने की बात की जा रही है। 26 वर्षों की इस अवधि में ट्रेनिंग सेंटर में हिमाचल के साथ ही बाहरी राज्यों से भी कई कर्मचारी यहां पर प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। इस ट्रेनिंग सेंटर में वरिष्ठ दूरसंचार कार्यालय सहायक, जेई, टेलीकॉम टैक्निशियन, सहायक टेलीकॉम टैक्निशियन, चपरासी और ऑनलाइन अपग्रेडेशन ट्रेनिंग होती थी। लेकिन अब उन्हें यह सुविधा हिमाचल में नहीं मिल पाएगी। 1994 में स्थापित हुआ ट्रेनिंग सेंटर बीएसएनएल का यह ट्रेनिंग सेंटर 1994 में बीबीएमबी कालोनी में स्थापित हुआ था। कई वर्ष यहां के एक प्राइवेट भवन में चलाने के बाद इसे वर्ष 2001-02 में अपने भवन में शिफ्ट कर दिया गया। देश में 85 हजार कर्मियों को दी गई है वीआरएस देश में करीब 85 हजार कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृति दी गई है। हिमाचल में यह संख्या 12 हजार के करीब है। बीएसएनएल अतिरिक्त खर्चों को कम करने के लिए कर्मचारियों को वीआरएस दी गई। इसी के तहत इस ट्रेनिंग सेंटर को भी बंद किया गया है। अब इस ट्रेनिंग सेंटर की जरुरत नहीं है। ट्रेनिंग के लिए जयपुर, राजपुरा और जबलपुर में ट्रेनिंग सेंटर हैं। कर्मचारियों की वीआरएस के बाद अब इसकी जरुरत नहीं रह गई है। इसलिए इसे बंद करने का फैसला लिया गया है।
सुंदरनगर ! घाटे में चल रहे बीएसएनएल की कार्रवाई का असर हिमाचल के एकमात्र ट्रेनिंग सेंटर पर भी पड़ा है। सुंदरनगर में स्थापित भारत संचार निगम लिमिटेड का हिमाचल प्रदेश में चल रहे इकलौते ट्रेनिंग सेंटर पर ताला लग गया है। करीब 26 वर्षों से चलाए जा रहे इस ट्रेनिंग सेंटर में अब बीएसएनएल कर्मियों को ट्रेनिंग की सुविधा नहीं मिलेगी। इसके लिए अब उन्हें हिमाचल से बाहर जयपुर, राजपुरा और जबलपुर जाना होगा। ट्रेनिंग सेंटर बंद होने के कारण बीएसएनएल पर पड़ रहे अतिरिक्त वित्तीय बोझ को कम करना बताया जा रहा है।
इसी वर्ष पहली फरवरी को इस ट्रेनिंग सेंटर को बंद कर दिया गया। अब खाली पड़े ट्रेनिंग सेंटर के भवन को किसी सरकारी या गैर सरकारी कंपनी को किराए पर देने की बात की जा रही है। 26 वर्षों की इस अवधि में ट्रेनिंग सेंटर में हिमाचल के साथ ही बाहरी राज्यों से भी कई कर्मचारी यहां पर प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। इस ट्रेनिंग सेंटर में वरिष्ठ दूरसंचार कार्यालय सहायक, जेई, टेलीकॉम टैक्निशियन, सहायक टेलीकॉम टैक्निशियन, चपरासी और ऑनलाइन अपग्रेडेशन ट्रेनिंग होती थी। लेकिन अब उन्हें यह सुविधा हिमाचल में नहीं मिल पाएगी।
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बीएसएनएल का यह ट्रेनिंग सेंटर 1994 में बीबीएमबी कालोनी में स्थापित हुआ था। कई वर्ष यहां के एक प्राइवेट भवन में चलाने के बाद इसे वर्ष 2001-02 में अपने भवन में शिफ्ट कर दिया गया।
देश में करीब 85 हजार कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृति दी गई है। हिमाचल में यह संख्या 12 हजार के करीब है। बीएसएनएल अतिरिक्त खर्चों को कम करने के लिए कर्मचारियों को वीआरएस दी गई। इसी के तहत इस ट्रेनिंग सेंटर को भी बंद किया गया है।
अब इस ट्रेनिंग सेंटर की जरुरत नहीं है। ट्रेनिंग के लिए जयपुर, राजपुरा और जबलपुर में ट्रेनिंग सेंटर हैं। कर्मचारियों की वीआरएस के बाद अब इसकी जरुरत नहीं रह गई है। इसलिए इसे बंद करने का फैसला लिया गया है।
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