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मंडी , 18 सितंबर [ विशाल सूद ] ! प्रदेश में ग्राम रोजगार सेवकों का गंभीर शोषण हो रहा है, जिससे उनके परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। उन्हें समय पर वेतन नहीं मिल रहा है। इन हालातों से तंग आकर प्रदेश के सभी ग्राम रोजगार सेवक अब सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन शुरू करने की तैयारी में हैं। संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि उन्हें चार से पांच महीने के अंतराल पर वेतन मिलता है, जिससे परिवार का गुजारा चलाना बेहद मुश्किल हो गया है। कई सेवक अपनी ड्यूटी के बाद शाम पांच बजे के बाद छोटे-मोटे काम करके अतिरिक्त आय जुटाने को मजबूर हैं। उन्होंने यह भी बताया कि यदि उनके माता-पिता, भाई-बहन मदद न करते, तो कई परिवारों के सामने भूखे मरने की नौबत आ जाती। संघ के अनुसार, प्रदेश में कुल 1033 ग्राम रोजगार सेवक नियुक्त किए गए थे, जिनमें से तीन की मृत्यु हो चुकी है और एक हाल ही में आपदा का शिकार हो गया। कुल 69 रोजगार सेवकों को दैनिक वेतन भोगी बनाया जाना था, लेकिन उनकी कोई भी मांग पूरी नहीं की जा रही है। प्रदेश अध्यक्ष मुनीष कुमार ने बताया कि वर्तमान में उनकी कुल संख्या 1029 है। सरकार का कहना है कि उनके पास इन 69 लोगों को दैनिक वेतन भोगी बनाने के लिए कोई प्रावधान नहीं है। इसके अलावा, 8 लोगों को नियमित किया जाना था, वह प्रक्रिया भी लंबित है। मुनीष कुमार ने सरकार से निवेदन किया कि वह उनकी समस्याओं और मजबूरियों को समझे और उनकी मांगों को जल्द पूरा करके उन्हें उनका हक दे। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे 'करो या मरो' का आंदोलन शुरू कर देंगे।
मंडी , 18 सितंबर [ विशाल सूद ] ! प्रदेश में ग्राम रोजगार सेवकों का गंभीर शोषण हो रहा है, जिससे उनके परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। उन्हें समय पर वेतन नहीं मिल रहा है। इन हालातों से तंग आकर प्रदेश के सभी ग्राम रोजगार सेवक अब सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन शुरू करने की तैयारी में हैं।
संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि उन्हें चार से पांच महीने के अंतराल पर वेतन मिलता है, जिससे परिवार का गुजारा चलाना बेहद मुश्किल हो गया है। कई सेवक अपनी ड्यूटी के बाद शाम पांच बजे के बाद छोटे-मोटे काम करके अतिरिक्त आय जुटाने को मजबूर हैं।
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उन्होंने यह भी बताया कि यदि उनके माता-पिता, भाई-बहन मदद न करते, तो कई परिवारों के सामने भूखे मरने की नौबत आ जाती। संघ के अनुसार, प्रदेश में कुल 1033 ग्राम रोजगार सेवक नियुक्त किए गए थे, जिनमें से तीन की मृत्यु हो चुकी है और एक हाल ही में आपदा का शिकार हो गया। कुल 69 रोजगार सेवकों को दैनिक वेतन भोगी बनाया जाना था, लेकिन उनकी कोई भी मांग पूरी नहीं की जा रही है।
प्रदेश अध्यक्ष मुनीष कुमार ने बताया कि वर्तमान में उनकी कुल संख्या 1029 है। सरकार का कहना है कि उनके पास इन 69 लोगों को दैनिक वेतन भोगी बनाने के लिए कोई प्रावधान नहीं है। इसके अलावा, 8 लोगों को नियमित किया जाना था, वह प्रक्रिया भी लंबित है।
मुनीष कुमार ने सरकार से निवेदन किया कि वह उनकी समस्याओं और मजबूरियों को समझे और उनकी मांगों को जल्द पूरा करके उन्हें उनका हक दे। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे 'करो या मरो' का आंदोलन शुरू कर देंगे।
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