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शिमला , 18 सितंबर [ विशाल सूद ] ! एक ओर हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक आपदा की विभीषिका झेल रहा है। बादल फटने, भूस्खलन और बाढ़ जैसी घटनाओं ने प्रदेशभर में हाहाकार मचा दिया है। सैकड़ों निर्दोष लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, हजारों परिवार बेघर हो गए हैं और प्रदेश के लोग खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। भारतीय जनता पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र राणा ने कहा कि ऐसे संकट के समय जब जनता अपने चुने हुए जनप्रतिनिधियों से राहत, सांत्वना और सहयोग की उम्मीद करती है, तब प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू विदेश यात्रा पर निकल पड़े। यह कदम न केवल असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा है बल्कि यह दर्शाता है कि मुख्यमंत्री को प्रदेश की जनता के दर्द और संवेदनाओं से कोई सरोकार नहीं है। राजेंद्र राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह आचरण हिमाचल प्रदेश की जनता के साथ विश्वासघात है। यह वही जनता है जिसने विश्वास करके उन्हें सत्ता सौंपी, लेकिन आज जब जनता पर आपदा टूट रही है तो मुख्यमंत्री ने जनता को बेसहारा छोड़ दिया। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या संकट की इस घड़ी में मुख्यमंत्री का कर्तव्य विदेश यात्रा करना है? क्या हिमाचल प्रदेश की पीड़ित जनता उनकी प्राथमिकता में नहीं आती? क्या जनता के आंसुओं और चीखों से भी ऊपर उनकी निजी और पारिवारिक चिंताएं हैं? राजेंद्र राणा ने कहा कि भाजपा स्पष्ट करना चाहती है कि यह समय राजनैतिक लाभ-हानि का नहीं बल्कि जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने का है। मगर दुर्भाग्य है कि हिमाचल प्रदेश को एक ऐसा मुख्यमंत्री मिला है, जो संकट की इस घड़ी में सबसे बड़ी गैर-जिम्मेदारी और संवेदनहीनता का परिचय दे रहा है।
शिमला , 18 सितंबर [ विशाल सूद ] ! एक ओर हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक आपदा की विभीषिका झेल रहा है। बादल फटने, भूस्खलन और बाढ़ जैसी घटनाओं ने प्रदेशभर में हाहाकार मचा दिया है। सैकड़ों निर्दोष लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, हजारों परिवार बेघर हो गए हैं और प्रदेश के लोग खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं।
भारतीय जनता पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र राणा ने कहा कि ऐसे संकट के समय जब जनता अपने चुने हुए जनप्रतिनिधियों से राहत, सांत्वना और सहयोग की उम्मीद करती है, तब प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू विदेश यात्रा पर निकल पड़े। यह कदम न केवल असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा है बल्कि यह दर्शाता है कि मुख्यमंत्री को प्रदेश की जनता के दर्द और संवेदनाओं से कोई सरोकार नहीं है।
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राजेंद्र राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह आचरण हिमाचल प्रदेश की जनता के साथ विश्वासघात है। यह वही जनता है जिसने विश्वास करके उन्हें सत्ता सौंपी, लेकिन आज जब जनता पर आपदा टूट रही है तो मुख्यमंत्री ने जनता को बेसहारा छोड़ दिया।
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या संकट की इस घड़ी में मुख्यमंत्री का कर्तव्य विदेश यात्रा करना है?
क्या हिमाचल प्रदेश की पीड़ित जनता उनकी प्राथमिकता में नहीं आती?
क्या जनता के आंसुओं और चीखों से भी ऊपर उनकी निजी और पारिवारिक चिंताएं हैं?
राजेंद्र राणा ने कहा कि भाजपा स्पष्ट करना चाहती है कि यह समय राजनैतिक लाभ-हानि का नहीं बल्कि जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने का है। मगर दुर्भाग्य है कि हिमाचल प्रदेश को एक ऐसा मुख्यमंत्री मिला है, जो संकट की इस घड़ी में सबसे बड़ी गैर-जिम्मेदारी और संवेदनहीनता का परिचय दे रहा है।
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