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हमीरपुर ! सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र लिखकर कहा है कि आड़े वक्त में देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रदेश वासियों की मददगार बनने के बजाय सरकार उन लोगों से आंखें ना चुराए जो अपनी नौकरियां भी गंवा चुके हैं और प्रदेश में बैठकर रोटी के भी मोहताज हो गए हैं। इस पत्र में राजेंद्र राणा ने लिखा है कि हजारों की संख्या में हिमाचल के लोग अपनी रोजी रोटी कमाने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में निजी क्षेत्र में नौकरियां कर रहे हैं और लॉकडाउन की अवधि के दौरान उनमें से बहुत से लोगों की नौकरियां छिन जाने से उनके लिए अपना पेट भरना भी मुश्किल हो गया है । कई लोगों का तो निवाला ही छिन गया है। इन लोगों की तमाम उम्मीदें अब इसी बात पर टिकी है कि कब सरकार उन्हें प्रदेश में अपने घरों को आने आने की अनुमति दें लेकिन सरकार ने जिस तरह परिवहन निगम की बसों को अब प्रदेश के बाहर जाने पर रोक लगाई है , उससे मुसीबत में फंसे हिमाचलियों पर दोहरी मार पड़ी है। राजेंद्र राणा ने कहा है कि अपने तमाम दावों के विपरीत प्रदेश सरकार अन्य राज्यों में फंसे हिमाचल वासियों को ना तो राशन मुहैया करवा पा रही है और ना ही मुसीबत में उनकी मददगार बन पा रही है। अब सरकार उनके प्रदेश में लौटने के दरवाजे भी बंद करने जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बाहर फंसे प्रदेश के लोगों के साथ सरकार को सोतेला सलूक नहीं करना चाहिए। राजेंद्र राणा ने अपने पत्र में इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि एक तरफ तो केंद्र सरकार विदेशों से देशवासियों को वापस लाने के लिए विमान भेज रही है वहीं दूसरी तरफ प्रदेश सरकार ने प्रदेश की बसें प्रदेश से बाहर फंसे लोगों को लाने के लिए ना भेजने का तुगलकी निर्णय लिया है।
हमीरपुर ! सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र लिखकर कहा है कि आड़े वक्त में देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रदेश वासियों की मददगार बनने के बजाय सरकार उन लोगों से आंखें ना चुराए जो अपनी नौकरियां भी गंवा चुके हैं और प्रदेश में बैठकर रोटी के भी मोहताज हो गए हैं। इस पत्र में राजेंद्र राणा ने लिखा है कि हजारों की संख्या में हिमाचल के लोग अपनी रोजी रोटी कमाने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में निजी क्षेत्र में नौकरियां कर रहे हैं और लॉकडाउन की अवधि के दौरान उनमें से बहुत से लोगों की नौकरियां छिन जाने से उनके लिए अपना पेट भरना भी मुश्किल हो गया है । कई लोगों का तो निवाला ही छिन गया है।
इन लोगों की तमाम उम्मीदें अब इसी बात पर टिकी है कि कब सरकार उन्हें प्रदेश में अपने घरों को आने आने की अनुमति दें लेकिन सरकार ने जिस तरह परिवहन निगम की बसों को अब प्रदेश के बाहर जाने पर रोक लगाई है , उससे मुसीबत में फंसे हिमाचलियों पर दोहरी मार पड़ी है। राजेंद्र राणा ने कहा है कि अपने तमाम दावों के विपरीत प्रदेश सरकार अन्य राज्यों में फंसे हिमाचल वासियों को ना तो राशन मुहैया करवा पा रही है और ना ही मुसीबत में उनकी मददगार बन पा रही है। अब सरकार उनके प्रदेश में लौटने के दरवाजे भी बंद करने जा रही है।
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उन्होंने कहा कि प्रदेश के बाहर फंसे प्रदेश के लोगों के साथ सरकार को सोतेला सलूक नहीं करना चाहिए। राजेंद्र राणा ने अपने पत्र में इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि एक तरफ तो केंद्र सरकार विदेशों से देशवासियों को वापस लाने के लिए विमान भेज रही है वहीं दूसरी तरफ प्रदेश सरकार ने प्रदेश की बसें प्रदेश से बाहर फंसे लोगों को लाने के लिए ना भेजने का तुगलकी निर्णय लिया है।
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