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सुंदरनगर ! आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने वाले नवीन गुलेरिया पेशे से एमसीए हैं और वर्ष 2003 मे बेंगलुरु से 2003 में शिक्षा प्राप्त करने के बाद 2006 से 2010 तक बतौर प्रोजेक्ट लीड के पद पर कार्यरत रहे। इसके उपरांत नवीन चंडीगढ़ में भी 2010-13 तक नौकरी की। वहीं इस कार्य से जुड़े निशांत गुलेरिया भी बैंकिंग और मार्केटिंग में एमबीए हैं। नवीन गुलेरिया ने सुंदरनगर आकर उनकी अपने छोटे भाई निशांत गुलेरिया के साथ कुछ हट कर कार्य करने की इच्छा जाहिर है। नौकरी छोड़ने के बाद 2015 में सुंदरनगर के बच्चों को साफ्टवेयर ट्रेनिंग भी दी और वर्ष 2016 से आरगेनिक खेती शुरू कर और किसानों को जागरूक करना शुरू कर दिया। वर्तमान में दोनों भाईयों ने सैंकड़ों किसानों को पौधारोपण से जैविक खाद, स्प्रे, फलावरिंग और फ्रोटनिंग तक आर्गेनिक उत्पाद मुहैया करवाए जा रहे हैं। जानकारी देते हुए नवीन गुलेरिया ने कहा कि हम दोनों भाईयों द्वारा भागदौड़ करके आर्गेनिक खेती को एक नई दिशा दी है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल से किसानों और बागवानों को ऑर्गेनिक खेती व बागवानी के बारे में खुद किसानों के पास जाकर समझा रहे है। उन्होंन कहा कि पहले प्रदेश में केमिकल खेती होती थी और आर्गेनिक खेती को लेकर अपने खेतों में ट्रायल किया गया। उन्होंने कहा कि उन्हें इस फिल्ड में कोई अनुभव नहीं था और अनुभवों से ही सब सीखा। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याएं जान कर उनकी समस्या का निदान किया। उन्होंने कहा कि इससे हजारों किसानों को लाभ पहुंचा चुके हैं। आज इन्हीं के प्रयास प्रदेश के कई जिलों में किसान रसायन खेती छोड़ चुके है। वहीं इस ऑर्गेनिक खेती से किसानों को बाजार में भी अच्छे दाम मिल रहे है। उपभोक्ता भी इनके उत्पाद हाथो हाथ खरीद रहे है।
सुंदरनगर ! आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने वाले नवीन गुलेरिया पेशे से एमसीए हैं और वर्ष 2003 मे बेंगलुरु से 2003 में शिक्षा प्राप्त करने के बाद 2006 से 2010 तक बतौर प्रोजेक्ट लीड के पद पर कार्यरत रहे। इसके उपरांत नवीन चंडीगढ़ में भी 2010-13 तक नौकरी की। वहीं इस कार्य से जुड़े निशांत गुलेरिया भी बैंकिंग और मार्केटिंग में एमबीए हैं। नवीन गुलेरिया ने सुंदरनगर आकर उनकी अपने छोटे भाई निशांत गुलेरिया के साथ कुछ हट कर कार्य करने की इच्छा जाहिर है। नौकरी छोड़ने के बाद 2015 में सुंदरनगर के बच्चों को साफ्टवेयर ट्रेनिंग भी दी और वर्ष 2016 से आरगेनिक खेती शुरू कर और किसानों को जागरूक करना शुरू कर दिया।
वर्तमान में दोनों भाईयों ने सैंकड़ों किसानों को पौधारोपण से जैविक खाद, स्प्रे, फलावरिंग और फ्रोटनिंग तक आर्गेनिक उत्पाद मुहैया करवाए जा रहे हैं। जानकारी देते हुए नवीन गुलेरिया ने कहा कि हम दोनों भाईयों द्वारा भागदौड़ करके आर्गेनिक खेती को एक नई दिशा दी है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल से किसानों और बागवानों को ऑर्गेनिक खेती व बागवानी के बारे में खुद किसानों के पास जाकर समझा रहे है। उन्होंन कहा कि पहले प्रदेश में केमिकल खेती होती थी और आर्गेनिक खेती को लेकर अपने खेतों में ट्रायल किया गया। उन्होंने कहा कि उन्हें इस फिल्ड में कोई अनुभव नहीं था और अनुभवों से ही सब सीखा। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याएं जान कर उनकी समस्या का निदान किया। उन्होंने कहा कि इससे हजारों किसानों को लाभ पहुंचा चुके हैं। आज इन्हीं के प्रयास प्रदेश के कई जिलों में किसान रसायन खेती छोड़ चुके है। वहीं इस ऑर्गेनिक खेती से किसानों को बाजार में भी अच्छे दाम मिल रहे है। उपभोक्ता भी इनके उत्पाद हाथो हाथ खरीद रहे है।
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