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कुल्लू । डॉ.यशबंत सिंह परमार मेडिकल कॉलेज नाहन से पूरी करेंगीं अपनी पढ़ाई । कहते हैं कि "मन में अगर कुछ कर गुजरने का जुनून हो तो मंजिलें भी अपने आप आपके क़दम चूमती हैं" जी हां उपरोक्त पंक्तियां जिला कुल्लू उपमंडल आनी के ग्राम पंचायत खन्नी के खुन्न गाँव क़ी डिंपल ठाकुर पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं, बचपन से ही डॉक्टर बनने क़ा सपना संजोए थी डिंपल, जो एमबीबीएस में चयन के साथ साकार भी हो गया, इनकी इस उपलब्धि से पूरे जलोडी क्षेत्र क़ा नाम रोशन हो गया है। बताते चलें कि डिंपल ठाकुर का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ है,इनके पिता डोला सिंह सब- पोस्टमास्टर के पद पर बड़ागाँव में कार्यरत हैं व माता रुकमणी देवी गृहणी हैं। डिंपल ठाकुर क़ी प्रारम्भिक शिक्षा (पहली से आठवीं तक) सनशाइन पब्लिक स्कूल रैईबाग से तदोपरांत मैट्रिक रामपुर पब्लिक स्कूल नोगली से तथा +2 सिगमा स्कूल ऑफ साइंस डकोलढ़ से पूरी क़ी, ए.एस विद्या मंदिर संजौली से कोचिंग ली और बीडीएस में सिलेक्ट हुई। डिंपल ठाकुर पर बचपन से ही डॉक्टर बनने क़ी जिद्द सवार थी और शायद इसी जिद्द ने डिंपल को इस मुक़ाम तक पहुंचा दिया। "जान लगा दो या जाने दो" इस प्रेरणास्पद वाक्य ने इनके मनोबल को ऊंचा रखा,और यही वाक्य इनकी सफ़लता का मँत्र भी बन गया।बताते चलें कि (एनइइटी यूजी 2020 ) में 475 अंक लेकर 11वां रैंक हासिल किया।डिंपल ठाकुर क़ी इस उपलब्धि से पूरे जलोडी क्षेत्र में ख़ुशी क़ी लहर है। अपनी इस उपलब्धि का श्रेय डिंपल ठाकुर ने अपने माता-पिता,बड़े भाई-बहन व गुरुओं को दिया है,इस मुक़ाम तक पहुंचाने में इन सभी ने भरसक योगदान दिया है।
कुल्लू । डॉ.यशबंत सिंह परमार मेडिकल कॉलेज नाहन से पूरी करेंगीं अपनी पढ़ाई । कहते हैं कि "मन में अगर कुछ कर गुजरने का जुनून हो तो मंजिलें भी अपने आप आपके क़दम चूमती हैं" जी हां उपरोक्त पंक्तियां जिला कुल्लू उपमंडल आनी के ग्राम पंचायत खन्नी के खुन्न गाँव क़ी डिंपल ठाकुर पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं, बचपन से ही डॉक्टर बनने क़ा सपना संजोए थी डिंपल, जो एमबीबीएस में चयन के साथ साकार भी हो गया, इनकी इस उपलब्धि से पूरे जलोडी क्षेत्र क़ा नाम रोशन हो गया है।
बताते चलें कि डिंपल ठाकुर का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ है,इनके पिता डोला सिंह सब- पोस्टमास्टर के पद पर बड़ागाँव में कार्यरत हैं व माता रुकमणी देवी गृहणी हैं।
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डिंपल ठाकुर क़ी प्रारम्भिक शिक्षा (पहली से आठवीं तक) सनशाइन पब्लिक स्कूल रैईबाग से तदोपरांत मैट्रिक रामपुर पब्लिक स्कूल नोगली से तथा +2 सिगमा स्कूल ऑफ साइंस डकोलढ़ से पूरी क़ी, ए.एस विद्या मंदिर संजौली से कोचिंग ली और बीडीएस में सिलेक्ट हुई।
डिंपल ठाकुर पर बचपन से ही डॉक्टर बनने क़ी जिद्द सवार थी और शायद इसी जिद्द ने डिंपल को इस मुक़ाम तक पहुंचा दिया। "जान लगा दो या जाने दो" इस प्रेरणास्पद वाक्य ने इनके मनोबल को ऊंचा रखा,और यही वाक्य इनकी सफ़लता का मँत्र भी बन गया।बताते चलें कि (एनइइटी यूजी 2020 ) में 475 अंक लेकर 11वां रैंक हासिल किया।डिंपल ठाकुर क़ी इस उपलब्धि से पूरे जलोडी क्षेत्र में ख़ुशी क़ी लहर है।
अपनी इस उपलब्धि का श्रेय डिंपल ठाकुर ने अपने माता-पिता,बड़े भाई-बहन व गुरुओं को दिया है,इस मुक़ाम तक पहुंचाने में इन सभी ने भरसक योगदान दिया है।
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