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बद्दी ! लॉकडाउन के दौरान अनेक कारखाने बंद हो चुके हैं तथा अनेकों उद्योगों पर संकट के बादल छाये हुए हैं। क्योंकि दो महीनों से लगी तालाबंदी ने बाजार में जरूरी बस्तुओं को छोडकर बहुत सी चीजों की मांग पर विपरीत असर डाला है। इसी क्रम में बददी के थाना स्थित आईसक्रीम बनाने वाली कम्पनी ने सोमवार को फैक्टरी गेट पर कम्पनी मेे कार्यरत सभी कामगारों को नौकरी से निकालने तथा फैक्टरी को पूरी तरह से बंद करने का नोटिस थमा दिया। कामगारों रामकुमार, पीके मिश्रा, सन्तोष राणा, अमरदीप, गौरव शुक्ला, देवेन्द्र, सतवीर, अनुप दुबे, कृष्णा आदि ने बताया कि हमारी कंपनी 21 मार्च तक लगातार चल रही थी किंतु जब से लाकडाउन हुआ है उस दिन से बंद थी और हमें कंपनी में आने की अनुमति नहीं थी हालांकि हम सभी कर्मचारी साथ के गांव में किराये के कमरों में रहते हैं और हमें आशा थी कि 17 मई के बाद हमारी कंपनी शुरू हो जाएगी। आज जब हम सुबह फैक्टरी पहुंचे तो गेट का दरवाजा बंद किया गया था तथा गेट पर फैक्टरी को पूर्ण रूप से बंद करने तथा हमें नौकरी से निकालने का नोटिस चिपका पडा था। इन मजदूरों को कहना है कि हम पिछले 10 से 12 सालों से यहां कार्य कर रहे हैं तथा 21 मार्च तक कंपनी के पास भरपूर काम था फिर अचानक से अब यह काम न होने की बात कैसे कर सकते हैं। इन मजदूरों का यह भी आरोप है कि रात के समय में ठेकेदार के लोगों द्वारा यहां से स्टोर किया हुआ सामान उठाया जा रहा है। भारतीय मजदूर संघ जिला सोलन के महासचिव गोपाल चौधरी का कहना है कि आईसक्रीम कंपनी में लगभग 110 कर्मचारियों को बिना किसी पूर्व सूचना के बाहर का रास्ता दिखाया गया है। जबकि यह कर्मचारी पिछले लंबे समय से यहां पर कार्यरत हैं हमारी प्रशासन व श्रम विभाग से मांग है कि बेरोजगार हुए मजदूरों को उचित न्याय दिलाया जाये क्योंकि इनके पास लंबे सालों का क्रीम फैक्टरी में काम करने का अनुभव है तथा सभी परिवार के साथ यहां किराये के कमरो में रहते हैं और अब इनके बेरोजगार होने के साथ साथ खने पीने तथा घर का खर्च चलाने की समस्या पैदा हो गई है।
बद्दी ! लॉकडाउन के दौरान अनेक कारखाने बंद हो चुके हैं तथा अनेकों उद्योगों पर संकट के बादल छाये हुए हैं। क्योंकि दो महीनों से लगी तालाबंदी ने बाजार में जरूरी बस्तुओं को छोडकर बहुत सी चीजों की मांग पर विपरीत असर डाला है। इसी क्रम में बददी के थाना स्थित आईसक्रीम बनाने वाली कम्पनी ने सोमवार को फैक्टरी गेट पर कम्पनी मेे कार्यरत सभी कामगारों को नौकरी से निकालने तथा फैक्टरी को पूरी तरह से बंद करने का नोटिस थमा दिया।
कामगारों रामकुमार, पीके मिश्रा, सन्तोष राणा, अमरदीप, गौरव शुक्ला, देवेन्द्र, सतवीर, अनुप दुबे, कृष्णा आदि ने बताया कि हमारी कंपनी 21 मार्च तक लगातार चल रही थी किंतु जब से लाकडाउन हुआ है उस दिन से बंद थी और हमें कंपनी में आने की अनुमति नहीं थी हालांकि हम सभी कर्मचारी साथ के गांव में किराये के कमरों में रहते हैं और हमें आशा थी कि 17 मई के बाद हमारी कंपनी शुरू हो जाएगी। आज जब हम सुबह फैक्टरी पहुंचे तो गेट का दरवाजा बंद किया गया था तथा गेट पर फैक्टरी को पूर्ण रूप से बंद करने तथा हमें नौकरी से निकालने का नोटिस चिपका पडा था।
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इन मजदूरों को कहना है कि हम पिछले 10 से 12 सालों से यहां कार्य कर रहे हैं तथा 21 मार्च तक कंपनी के पास भरपूर काम था फिर अचानक से अब यह काम न होने की बात कैसे कर सकते हैं। इन मजदूरों का यह भी आरोप है कि रात के समय में ठेकेदार के लोगों द्वारा यहां से स्टोर किया हुआ सामान उठाया जा रहा है।
भारतीय मजदूर संघ जिला सोलन के महासचिव गोपाल चौधरी का कहना है कि आईसक्रीम कंपनी में लगभग 110 कर्मचारियों को बिना किसी पूर्व सूचना के बाहर का रास्ता दिखाया गया है। जबकि यह कर्मचारी पिछले लंबे समय से यहां पर कार्यरत हैं हमारी प्रशासन व श्रम विभाग से मांग है कि बेरोजगार हुए मजदूरों को उचित न्याय दिलाया जाये क्योंकि इनके पास लंबे सालों का क्रीम फैक्टरी में काम करने का अनुभव है तथा सभी परिवार के साथ यहां किराये के कमरो में रहते हैं और अब इनके बेरोजगार होने के साथ साथ खने पीने तथा घर का खर्च चलाने की समस्या पैदा हो गई है।
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