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चम्बा ! मिंजर मेले के उपलक्ष्य व चंबा रिडिस्कवर संस्था के तत्वावधान में बुधवार को बुजुर्ग महिलाओं द्वारा जिला चंबा के पुरातन व्यंजन बनाए गए। व्यंजन बनाने का कार्य चंबा के चमीनू स्थित एचटूओ हाउस व जंवाल विला होम स्टे में किया गया। इन व्यंजनों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 78 वर्षीय शांति देवी, 72 वर्षीय ललिता शर्मा, 72 वर्षीय उषा शर्मा, 68 वर्षीय कांता शर्मा तथा 62 वर्षीय प्रोमिला रैणा द्वारा 40 वर्षीय विकास विक्की, 39 वर्षीय शंकर शर्मा, 38 वर्षीय रेणू शर्मा, 36 वर्षीय अनूप शर्मा, 34 वर्षीय तनविंद्र शर्मा, 32 वर्षीय रमेश, 28 वर्षीय मन्नत राणा तथा 18 वर्षीय विजय तनु को इन्हें बनाना भी सिखाया गया। इनके द्वारा एचटूओ हाउस में व्यंजन बनाए गए। जबकि, निर्मल जंवाल द्वारा जंवाव विला होम स्टे में व्यंजन बनाने का कार्य किया गया। चंबा रिडिस्कवर के संयोजक मनुज शर्मा ने कहा कि बुधवार को जो व्यंजन बनाए गए हैं। उनमें बेआब, पतरोडे, चरोड़ी, बबरू, चबरू, मिठडू, लहसोड़े, देसी माह की दाल व देसी आलू दही वाले आदि व्यंजन शामिल रहे। उन्होंने कहा कि मिंजर मेले के उपलक्ष्य में इस तरह की नई पहल इस उद्देश्य से की गई है कि युवा पीढ़ी भी इन व्यंजनों से वाकिफ हो सके। ऐसा करने से इन व्यंजनों का वर्चस्व बना रहेगा तथा युवा पीढ़ी भी पुरातन संस्कृति से जुड़ी रहेगी। ये व्यंजन किसी खास मौके या त्यौहारों पर बनाए जाते रहे हैं। युवा पीढ़ी में सारंग शर्मा, मैत्रेय, तुषार, मगनदीप तथा नितिज्ञ प्लाह द्वारा इनकी डॉक्यूमेंटेशन की जा रही है। उन्होंने कहा कि लोग चाहे कितने भी मॉर्डन हो जाएं, लेकिन उन्हें हमेशा अपनी संस्कृति से जुड़े रहना चाहिए। चंबा की संस्कृति काफी स्मृद्ध रही है। उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि वे अपनी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि चंबा रिडिस्कवर संस्था द्वारा लगातार चंबा की पुरानी संस्कृति को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है, ताकि कभी भी युवा पीढ़ी अपनी पुरानी संस्कृति को न भूल सके।
चम्बा ! मिंजर मेले के उपलक्ष्य व चंबा रिडिस्कवर संस्था के तत्वावधान में बुधवार को बुजुर्ग महिलाओं द्वारा जिला चंबा के पुरातन व्यंजन बनाए गए। व्यंजन बनाने का कार्य चंबा के चमीनू स्थित एचटूओ हाउस व जंवाल विला होम स्टे में किया गया।
इन व्यंजनों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 78 वर्षीय शांति देवी, 72 वर्षीय ललिता शर्मा, 72 वर्षीय उषा शर्मा, 68 वर्षीय कांता शर्मा तथा 62 वर्षीय प्रोमिला रैणा द्वारा 40 वर्षीय विकास विक्की, 39 वर्षीय शंकर शर्मा, 38 वर्षीय रेणू शर्मा, 36 वर्षीय अनूप शर्मा, 34 वर्षीय तनविंद्र शर्मा, 32 वर्षीय रमेश, 28 वर्षीय मन्नत राणा तथा 18 वर्षीय विजय तनु को इन्हें बनाना भी सिखाया गया।
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इनके द्वारा एचटूओ हाउस में व्यंजन बनाए गए। जबकि, निर्मल जंवाल द्वारा जंवाव विला होम स्टे में व्यंजन बनाने का कार्य किया गया। चंबा रिडिस्कवर के संयोजक मनुज शर्मा ने कहा कि बुधवार को जो व्यंजन बनाए गए हैं। उनमें बेआब, पतरोडे, चरोड़ी, बबरू, चबरू, मिठडू, लहसोड़े, देसी माह की दाल व देसी आलू दही वाले आदि व्यंजन शामिल रहे।
उन्होंने कहा कि मिंजर मेले के उपलक्ष्य में इस तरह की नई पहल इस उद्देश्य से की गई है कि युवा पीढ़ी भी इन व्यंजनों से वाकिफ हो सके। ऐसा करने से इन व्यंजनों का वर्चस्व बना रहेगा तथा युवा पीढ़ी भी पुरातन संस्कृति से जुड़ी रहेगी। ये व्यंजन किसी खास मौके या त्यौहारों पर बनाए जाते रहे हैं।
युवा पीढ़ी में सारंग शर्मा, मैत्रेय, तुषार, मगनदीप तथा नितिज्ञ प्लाह द्वारा इनकी डॉक्यूमेंटेशन की जा रही है। उन्होंने कहा कि लोग चाहे कितने भी मॉर्डन हो जाएं, लेकिन उन्हें हमेशा अपनी संस्कृति से जुड़े रहना चाहिए। चंबा की संस्कृति काफी स्मृद्ध रही है।
उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि वे अपनी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि चंबा रिडिस्कवर संस्था द्वारा लगातार चंबा की पुरानी संस्कृति को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है, ताकि कभी भी युवा पीढ़ी अपनी पुरानी संस्कृति को न भूल सके।
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