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शिमला ! हिमाचल प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने पर्यटन निवेश प्रोत्साहन परिषद की स्थापना को मंज़ूरी प्रदान की है। परिषद् परियोजना अनुमोदन में तेज़ी लाने और व्यापक निवेशक सुविधा प्रदान करने के लिए एक एकल-खिड़की तंत्र के रूप में कार्य करेगी। परिषद 50 करोड़ रुपये और इससे अधिक की निवेश पर्यटन परियोजनाओं के मूल्यांकन और अनुमोदन के लिए एक समर्पित मंच के रूप में कार्य करेगी। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित इस परिषद् को पर्यटन विभाग के अंतर्गत एक निवेश प्रोत्साहन प्रकोष्ठ द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी।निवेशक हितैषी राज्य के लक्ष्य को हासिल करने के लिए परिषद् न्यूनतम विनियमन, अधिकतम सुविधा और समयबद्ध निर्णय लेने के सिद्धांतों द्वारा संचालित होगी। एकरूपता और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए, लोक निर्माण विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राजस्व, टीसीपी, अग्निशमन सेवाएं और जल शक्ति जैसे विभागों में दस्तावेज़ प्रस्तुत करने के लिए एकीकृत प्रारूप लागू किए जाएंगे। एक सक्रिय प्रणाली का निर्माण करना इस पहल की प्रमुख विशेषता है, जिसमें परियोजना की तैयारी का दायित्व सरकार पर होगा। इससेे राज्य में संभावित निवेशकों के लिए प्रवेश संबंधी बाधाओं में उल्लेखनीय कमी आएगी। इसके अलावा, वैधानिक अनुमोदन (जैसे, धारा 118 या पर्यावरणीय मंज़ूरी) से जुड़े मामलों को छोड़कर, परियोजनाओं को निर्धारित समय सीमा के भीतर मंज़ूरी न मिलने पर स्वीकृत माना जाएगा। प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि पर्यटन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख अंग है। यह क्षेत्र प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोज़गार सृजन, आय सृजन और संतुलित क्षेत्रीय विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है। सरकारी स्तर पर परियोजनाओं की मंज़ूरी में विलम्ब और निवेशकों के लिए सुविधाओं की कमी के कारण इस क्षेत्र के विकास की बाधा को दूर करने में यह मील पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में परिषद् सुव्यवस्थित और पारदर्शी तरीके से पर्यटन में निवेश को आकर्षित करेगी। पर्यटन प्रस्तावों की जांच और अनुमोदन के लिए राज्य-स्तरीय शीर्ष निकाय समयबद्ध तरीके से मासिक बैठकें आयोजित करेगा। अनुमोदनों के अलावा, परिषद पर्यटन क्षेत्र में समग्र निवेश माहौल को बेहतर बनाने और हिमाचल प्रदेश को एक प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने के लिए प्रक्रियात्मक और नीतिगत सुधारों की भी सिफारिश करेगी। उन्होंने कहा कि यह पहल पारदर्शिता, दक्षता और व्यापार में सुगमता की सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित कर रही है जिससे हिमाचल प्रदेश को एक विश्व स्तरीय पर्यटन हब के रूप में स्थापित करने में गति मिलेगी।
शिमला ! हिमाचल प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने पर्यटन निवेश प्रोत्साहन परिषद की स्थापना को मंज़ूरी प्रदान की है। परिषद् परियोजना अनुमोदन में तेज़ी लाने और व्यापक निवेशक सुविधा प्रदान करने के लिए एक एकल-खिड़की तंत्र के रूप में कार्य करेगी। परिषद 50 करोड़ रुपये और इससे अधिक की निवेश पर्यटन परियोजनाओं के मूल्यांकन और अनुमोदन के लिए एक समर्पित मंच के रूप में कार्य करेगी। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित इस परिषद् को पर्यटन विभाग के अंतर्गत एक निवेश प्रोत्साहन प्रकोष्ठ द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी।
निवेशक हितैषी राज्य के लक्ष्य को हासिल करने के लिए परिषद् न्यूनतम विनियमन, अधिकतम सुविधा और समयबद्ध निर्णय लेने के सिद्धांतों द्वारा संचालित होगी। एकरूपता और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए, लोक निर्माण विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राजस्व, टीसीपी, अग्निशमन सेवाएं और जल शक्ति जैसे विभागों में दस्तावेज़ प्रस्तुत करने के लिए एकीकृत प्रारूप लागू किए जाएंगे।
एक सक्रिय प्रणाली का निर्माण करना इस पहल की प्रमुख विशेषता है, जिसमें परियोजना की तैयारी का दायित्व सरकार पर होगा। इससेे राज्य में संभावित निवेशकों के लिए प्रवेश संबंधी बाधाओं में उल्लेखनीय कमी आएगी। इसके अलावा, वैधानिक अनुमोदन (जैसे, धारा 118 या पर्यावरणीय मंज़ूरी) से जुड़े मामलों को छोड़कर, परियोजनाओं को निर्धारित समय सीमा के भीतर मंज़ूरी न मिलने पर स्वीकृत माना जाएगा।
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प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि पर्यटन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख अंग है। यह क्षेत्र प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोज़गार सृजन, आय सृजन और संतुलित क्षेत्रीय विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है। सरकारी स्तर पर परियोजनाओं की मंज़ूरी में विलम्ब और निवेशकों के लिए सुविधाओं की कमी के कारण इस क्षेत्र के विकास की बाधा को दूर करने में यह मील पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में परिषद् सुव्यवस्थित और पारदर्शी तरीके से पर्यटन में निवेश को आकर्षित करेगी।
पर्यटन प्रस्तावों की जांच और अनुमोदन के लिए राज्य-स्तरीय शीर्ष निकाय समयबद्ध तरीके से मासिक बैठकें आयोजित करेगा। अनुमोदनों के अलावा, परिषद पर्यटन क्षेत्र में समग्र निवेश माहौल को बेहतर बनाने और हिमाचल प्रदेश को एक प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने के लिए प्रक्रियात्मक और नीतिगत सुधारों की भी सिफारिश करेगी।
उन्होंने कहा कि यह पहल पारदर्शिता, दक्षता और व्यापार में सुगमता की सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित कर रही है जिससे हिमाचल प्रदेश को एक विश्व स्तरीय पर्यटन हब के रूप में स्थापित करने में गति मिलेगी।
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