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चम्बा ! चम्बा मुख्यालय के साथ लगते क्षेत्र बालू से लेकर कियाणी तक आवारा पशुओं का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। इन आवारा पशुओं की वजह से जहां लोगों को चोटिल होने का खतरा रहता है वहीं इन आवारा पशुओं की वजह से यातायात अबरुद्ध हो रहा है । चम्बा-तीसा मार्ग से रोजना सेंकडो वाहन आते जाते हैं। और हमेशा ही इन आवारा पशुओ की वजह से इन बाहन चालकों को दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता है। आस पास के गांव के लोग अपने मवेशियों को सड़क के किनारे छोड़ जाते हैं लोगो के घरों में जब तक तो गाये दूध देती रहती है तब तो वह माता होती है जब गाय दूध देना छोड़ देती है तो उसे आवारा घूमने के लिए छोड़ देते हैं। यह आवारा पशु रात के समय लोगों के खेतों में उनकी फसल को भी बर्वाद करते हैं।बालू से लेकर कियानी तक आवारा पशु की वजह से काफी दुर्घटनाएं भी हुई है। स्थानीय लोगों ने बताया की बालू से कियाणी तक के एरिया में आवारा पशुओं से काफी दिक्कत हो रही है। उन्होंने बताया की यह आवारा पशु सड़क पर घूमते रहते हैं। जिसकी वजह से यहां हमेशा दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है। उन्होंने बताया कि कई बार इन आवारा मवेशियों की वजह से वाहन चालकों को भी चोटें आई हैं साथ ही इन पशुओं को भी वाहन से चोटें आई हैं। उन्होंने कहा की प्रशासन को चाहिए कि इनके लिए गौ सदन बनाए ताकि इन आवारा पशुओं को वहां सुरक्षित रखा जाए।
चम्बा ! चम्बा मुख्यालय के साथ लगते क्षेत्र बालू से लेकर कियाणी तक आवारा पशुओं का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। इन आवारा पशुओं की वजह से जहां लोगों को चोटिल होने का खतरा रहता है वहीं इन आवारा पशुओं की वजह से यातायात अबरुद्ध हो रहा है । चम्बा-तीसा मार्ग से रोजना सेंकडो वाहन आते जाते हैं। और हमेशा ही इन आवारा पशुओ की वजह से इन बाहन चालकों को दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता है। आस पास के गांव के लोग अपने मवेशियों को सड़क के किनारे छोड़ जाते हैं लोगो के घरों में जब तक तो गाये दूध देती रहती है तब तो वह माता होती है जब गाय दूध देना छोड़ देती है तो उसे आवारा घूमने के लिए छोड़ देते हैं। यह आवारा पशु रात के समय लोगों के खेतों में उनकी फसल को भी बर्वाद करते हैं।बालू से लेकर कियानी तक आवारा पशु की वजह से काफी दुर्घटनाएं भी हुई है।
स्थानीय लोगों ने बताया की बालू से कियाणी तक के एरिया में आवारा पशुओं से काफी दिक्कत हो रही है। उन्होंने बताया की यह आवारा पशु सड़क पर घूमते रहते हैं। जिसकी वजह से यहां हमेशा दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है। उन्होंने बताया कि कई बार इन आवारा मवेशियों की वजह से वाहन चालकों को भी चोटें आई हैं साथ ही इन पशुओं को भी वाहन से चोटें आई हैं। उन्होंने कहा की प्रशासन को चाहिए कि इनके लिए गौ सदन बनाए ताकि इन आवारा पशुओं को वहां सुरक्षित रखा जाए।
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