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चंबा ! उपायुक्त एवं अध्यक्ष जिला स्तरीय आपराधिक क्षति राहत एवं पुनर्वास बोर्ड विवेक भाटिया ने आज बचत भवन में जिला स्तरीय आपराधिक क्षति राहत एवं पुनर्वास बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि जिला बाल संरक्षण इकाई को पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामलों के हरेक पीड़ित तक अपनी पहुंच सुनिश्चित करनी होगी ताकि सभी पीड़ितों को नियमानुसार आपराधिक क्षति राहत मुहैया करने के अलावा उनके पुनर्वास की दिशा में भी व्यावहारिक कदम उठाए जा सकें। उपायुक्त ने जिला बाल संरक्षण इकाई को यह निर्देश भी दिए की इसको लेकर एक व्यवस्थित मैकेनिज्म तैयार करने की जरूरत है तभी अपेक्षित परिणाम प्राप्त हो सकेंगे। उपायुक्त ने जिला बाल संरक्षण अधिकारी को कहा कि पीड़ितों के लिए स्किल अपग्रेडेशन और उनकी वित्तीय मदद के अलावा मेडिकल काउंसलिंग को लेकर भी कार्य योजना के तहत सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। उपायुक्त ने कहा कि नाबालिग पीड़ितों को उनकी आंतरिक मजबूरी और अन्य समस्याओं से निकालने के लिए सहानुभूति के साथ इनसे सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण संबंध कायम किए जाने को लेकर भी पूरी गंभीरता बरती जाए। निरंतर मेडिकल काउंसलिंग, स्किल अपग्रेडेशन और आर्थिक सहायता देने के लिए व्यवहारिक तौर पर कार्य करते हुए शिक्षा और प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वाबलंबी बनाया जा सकता है। बैठक में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी पंकज के अलावा पुलिस उपाधीक्षक अजय कपूर, जिला बाल संरक्षण अधिकारी वाईके मरवाह और जिला स्तरीय आपराधिक क्षति राहत और पुनर्वास बोर्ड के अन्य सदस्य भी मौजूद रहे।
चंबा ! उपायुक्त एवं अध्यक्ष जिला स्तरीय आपराधिक क्षति राहत एवं पुनर्वास बोर्ड विवेक भाटिया ने आज बचत भवन में जिला स्तरीय आपराधिक क्षति राहत एवं पुनर्वास बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि जिला बाल संरक्षण इकाई को पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामलों के हरेक पीड़ित तक अपनी पहुंच सुनिश्चित करनी होगी ताकि सभी पीड़ितों को नियमानुसार आपराधिक क्षति राहत मुहैया करने के अलावा उनके पुनर्वास की दिशा में भी व्यावहारिक कदम उठाए जा सकें।
उपायुक्त ने जिला बाल संरक्षण इकाई को यह निर्देश भी दिए की इसको लेकर एक व्यवस्थित मैकेनिज्म तैयार करने की जरूरत है तभी अपेक्षित परिणाम प्राप्त हो सकेंगे।
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उपायुक्त ने जिला बाल संरक्षण अधिकारी को कहा कि पीड़ितों के लिए स्किल अपग्रेडेशन और उनकी वित्तीय मदद के अलावा मेडिकल काउंसलिंग को लेकर भी कार्य योजना के तहत सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। उपायुक्त ने कहा कि नाबालिग पीड़ितों को उनकी आंतरिक मजबूरी और अन्य समस्याओं से निकालने के लिए सहानुभूति के साथ इनसे सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण संबंध कायम किए जाने को लेकर भी पूरी गंभीरता बरती जाए।
निरंतर मेडिकल काउंसलिंग, स्किल अपग्रेडेशन और आर्थिक सहायता देने के लिए व्यवहारिक तौर पर कार्य करते हुए शिक्षा और प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वाबलंबी बनाया जा सकता है।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी पंकज के अलावा पुलिस उपाधीक्षक अजय कपूर, जिला बाल संरक्षण अधिकारी वाईके मरवाह और जिला स्तरीय आपराधिक क्षति राहत और पुनर्वास बोर्ड के अन्य सदस्य भी मौजूद रहे।
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