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चम्बा ! सुंदर शिक्षा परमार्थ न्यास के तत्वधान से कला सृजन पाठशाला द्वारा गजानन माधव मुक्तिबोध जयंती के उपलक्ष्य पर साहित्य में जीवन की पुनर्रचना केन्द्रित करोना कब जाओगे विषय पर वीडियो मंच के माध्यम से रचना-पाठ एवं लेख-पाठ का आयोजन किया। इस अवसर पर मंच के अध्यक्ष शर्त शर्मा ने सभी सदस्यों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम के संचालन को विधिवत आगे बढ़ाया। इस अवसर पर सभी कवियों ने अपनी-अपनी रचनाओं से सभी को मंत्रमुग्ध किया। इस संध्या में मोनिका शर्मा ने करोना कब जाओगे शीर्षक कविता के माध्यम से किस तरह से करोना ने पूरे संसार में हलचल मचा दी। रेखा शम्मी रश्मि ने किचन से कविता की ओर तथा वो बच्चे कविता का पाठ करके सबको मंत्रमुग्ध किया। पल्लवी शर्मा ने बदलता संसार कविता का पाठ किया। अजय यादव ने करोना कब जाओगे कविता के माध्यम से संदेश दिया कि अब हमें करोना के साथ ही जीना सीखना पड़ेगा। इन्होंने करोना को मानवीकरण रूप में प्रस्तुत किया। भूपेंद्र जसरोटिया ने अपने अनूठे अंदाज में चंबयाली कविता ढूंढजलिया नी लाणी तथा करोना मुकाणा भाई, करोना मुकाणा' रैप गाकर सभी को झूमने पर विवश कर दिया। शर्त शर्मा ने चंबयाली कविता अपणे देस्सा दिखणे जो मन मेरा करदा पाठ के माध्यम से चंबा के लोक जीवन और लोक रंग से चंबा से दूर बैठे चंबा वासियो को भावुक कर दिया। इस अवसर पर जहां हैदराबाद से स्वाति महाजन ने जुड़कर मंच के सदस्यों का उत्साह वर्धन करते हुए कुछ सुझाव भी दिए। वहीं दिल्ली से जुड़े प्रियंवदा त्यागी ने चलिए अपनी गाड़ी पर लगाम लगाते कविता द्वारा प्रकृति प्रेम को उजागर किया। पारूल जसरोटिया ने 'कोरोना कब जाओगे पर मानवीय संकट को दर्शाता लेख पढ़ कर अनेक तथ्य प्रस्तुत किए। डीसी शर्मा ने काटा जो वक्त तुम्हारे साथ व 'बिक रही थी हर चीज़' कविता पढ़ कर विद्यार्थी जीवन की झलक पेश की। इस अवसर पर मंच का संचालन राजकीय महाविद्यालय के हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ संतोष कुमार ने किया। उन्होंने मुक्तिबोध के जीवन वृत के साथ मुक्तिबोध की रचना धर्मिता पर अपना ज्ञानवर्धक लेख पढ़ा। अपने वक्तव्य में 'कला सृजन पाठशाला' के अध्यक्ष शर्त शर्मा ने कहा कि निकट भविष्य में पाठशाला के सदस्य अपनी रचनाओं की एक कविता-पुस्तक और एक लेख-पुस्तक छापेंगे जिसमें किसी भी सदस्य को आर्थिक सहयोग नहीं बल्कि रचनात्मक सहयोग देना है के साथ धन्यवाद करते हुए मीनाक्षी टडंन, अदिति ठाकुर, सावित्री शर्मा, प्रेम लाल सूर्यवंशी, आकृति, रमेश कुमार, नेहा शर्मा आदि उपस्थित रहे।
चम्बा ! सुंदर शिक्षा परमार्थ न्यास के तत्वधान से कला सृजन पाठशाला द्वारा गजानन माधव मुक्तिबोध जयंती के उपलक्ष्य पर साहित्य में जीवन की पुनर्रचना केन्द्रित करोना कब जाओगे विषय पर वीडियो मंच के माध्यम से रचना-पाठ एवं लेख-पाठ का आयोजन किया। इस अवसर पर मंच के अध्यक्ष शर्त शर्मा ने सभी सदस्यों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम के संचालन को विधिवत आगे बढ़ाया।
इस अवसर पर सभी कवियों ने अपनी-अपनी रचनाओं से सभी को मंत्रमुग्ध किया। इस संध्या में मोनिका शर्मा ने करोना कब जाओगे शीर्षक कविता के माध्यम से किस तरह से करोना ने पूरे संसार में हलचल मचा दी। रेखा शम्मी रश्मि ने किचन से कविता की ओर तथा वो बच्चे कविता का पाठ करके सबको मंत्रमुग्ध किया।
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पल्लवी शर्मा ने बदलता संसार कविता का पाठ किया। अजय यादव ने करोना कब जाओगे कविता के माध्यम से संदेश दिया कि अब हमें करोना के साथ ही जीना सीखना पड़ेगा। इन्होंने करोना को मानवीकरण रूप में प्रस्तुत किया। भूपेंद्र जसरोटिया ने अपने अनूठे अंदाज में चंबयाली कविता ढूंढजलिया नी लाणी तथा करोना मुकाणा भाई, करोना मुकाणा' रैप गाकर सभी को झूमने पर विवश कर दिया।
शर्त शर्मा ने चंबयाली कविता अपणे देस्सा दिखणे जो मन मेरा करदा पाठ के माध्यम से चंबा के लोक जीवन और लोक रंग से चंबा से दूर बैठे चंबा वासियो को भावुक कर दिया। इस अवसर पर जहां हैदराबाद से स्वाति महाजन ने जुड़कर मंच के सदस्यों का उत्साह वर्धन करते हुए कुछ सुझाव भी दिए। वहीं दिल्ली से जुड़े प्रियंवदा त्यागी ने चलिए अपनी गाड़ी पर लगाम लगाते कविता द्वारा प्रकृति प्रेम को उजागर किया।
पारूल जसरोटिया ने 'कोरोना कब जाओगे पर मानवीय संकट को दर्शाता लेख पढ़ कर अनेक तथ्य प्रस्तुत किए। डीसी शर्मा ने काटा जो वक्त तुम्हारे साथ व 'बिक रही थी हर चीज़' कविता पढ़ कर विद्यार्थी जीवन की झलक पेश की। इस अवसर पर मंच का संचालन राजकीय महाविद्यालय के हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ संतोष कुमार ने किया। उन्होंने मुक्तिबोध के जीवन वृत के साथ मुक्तिबोध की रचना धर्मिता पर अपना ज्ञानवर्धक लेख पढ़ा।
अपने वक्तव्य में 'कला सृजन पाठशाला' के अध्यक्ष शर्त शर्मा ने कहा कि निकट भविष्य में पाठशाला के सदस्य अपनी रचनाओं की एक कविता-पुस्तक और एक लेख-पुस्तक छापेंगे जिसमें किसी भी सदस्य को आर्थिक सहयोग नहीं बल्कि रचनात्मक सहयोग देना है के साथ धन्यवाद करते हुए मीनाक्षी टडंन, अदिति ठाकुर, सावित्री शर्मा, प्रेम लाल सूर्यवंशी, आकृति, रमेश कुमार, नेहा शर्मा आदि उपस्थित रहे।
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