- विज्ञापन (Article Top Ad) -
मंडी ! डीएफओ मंडी एस.एस कश्यप ने बताया कि मंडी जिला की 10 तहसीलों में रसीस मकाक बंदरों को पीड़क जंतु घोषित किया गया है। इसे लेकर केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने अधिसूचना जारी की है। उन्होंने बताया कि हिमाचल सरकार ने वनों से बाहर के क्षेत्रों में रीसस मकाक (मकाका मुलाटा) बंदरों की अत्यधिक संख्या के कारण बड़े पैमाने पर खेती के विनाश होने सहित जीवन व संपत्ति की हानि की रिपोर्ट कंेद्र सरकार को भेजी थी। उसके आधार पर केंद्रीय मंत्रालय ने यह अधिसूचना जारी की है। एस.एस. कश्यप ने बताया कि हिमाचल में 91 तहसीलों में रसीस मकाक बंदरों को पीड़क जंतु घोषित किया गया है। इनमंे मंडी जिला की 10 तहसीलें भी शामिल हैं। इनमें मंडी, चच्योट, थुनाग, करसोग, जोगिन्दर नगर, पधर, लड़भड़ोल, सरकाघाट, धर्मपुर और सुन्दरनगर को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि इन 10 तहसीलों में निजी भूमि में नुकसान करने पर रसीस मकाक बंदरों को मारा जा सकता है। उसके तुरंत बाद इस बारे नजदीक के वन अधिकारी-कर्मचारी को जानकारी उपलब्ध करवानी होगी। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि रसीस मकाक बंदरों को सरकारी व वन भूमि में मारने की अनुमति नहीं होगी। यह अनुमति केवल उक्त 10 तहसीलों में निजी भूमि में बंदरों के नुकसान करने पर होगी। यह अनुमति एक वर्ष तक के लिए रहेगी।
मंडी ! डीएफओ मंडी एस.एस कश्यप ने बताया कि मंडी जिला की 10 तहसीलों में रसीस मकाक बंदरों को पीड़क जंतु घोषित किया गया है। इसे लेकर केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने अधिसूचना जारी की है।
उन्होंने बताया कि हिमाचल सरकार ने वनों से बाहर के क्षेत्रों में रीसस मकाक (मकाका मुलाटा) बंदरों की अत्यधिक संख्या के कारण बड़े पैमाने पर खेती के विनाश होने सहित जीवन व संपत्ति की हानि की रिपोर्ट कंेद्र सरकार को भेजी थी। उसके आधार पर केंद्रीय मंत्रालय ने यह अधिसूचना जारी की है।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
एस.एस. कश्यप ने बताया कि हिमाचल में 91 तहसीलों में रसीस मकाक बंदरों को पीड़क जंतु घोषित किया गया है। इनमंे मंडी जिला की 10 तहसीलें भी शामिल हैं। इनमें मंडी, चच्योट, थुनाग, करसोग, जोगिन्दर नगर, पधर, लड़भड़ोल, सरकाघाट, धर्मपुर और सुन्दरनगर को शामिल किया गया है।
उन्होंने कहा कि इन 10 तहसीलों में निजी भूमि में नुकसान करने पर रसीस मकाक बंदरों को मारा जा सकता है। उसके तुरंत बाद इस बारे नजदीक के वन अधिकारी-कर्मचारी को जानकारी उपलब्ध करवानी होगी।
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि रसीस मकाक बंदरों को सरकारी व वन भूमि में मारने की अनुमति नहीं होगी। यह अनुमति केवल उक्त 10 तहसीलों में निजी भूमि में बंदरों के नुकसान करने पर होगी। यह अनुमति एक वर्ष तक के लिए रहेगी।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -