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मंडी ! प्रदेश सरकार द्वारा नगर परिषद मंडी का दर्जा बढ़ाकर इसे नगर निगम बनाने के निर्णय के बाद अब इसे लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है। शहरी विकास विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक नगर परिषद मंडी के साथ लगती 11 पंचायतों के क्षेत्र को सम्मिलित कर इसे नगर निगम बनाया गया है। इनमें से 4 पंचायतों का पूर्ण और 7 पंचायतों का आंशिक विलय किया गया है। यह जानकारी उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने दी। बता दें, शहरी विकास विभाग ने नगर परिषद मंडी के साथ लगते पटवार वृतों, पंचायतों को शामिल करने के प्रस्ताव को लेकर पहले अधिसूचना जारी कर लोगों से सुझाव एवं आपत्तियां आमंत्रित की थीं। इन क्षेत्रों के लोगों से मिली आपत्तियों एवं सुझावों को लेकर संबंधित एसडीएम ने क्षेत्र में जाकर वस्तुस्थिति का ब्यौरा लिया। लोगों से बातचीत की और इस पर आधारित अपनी फील्ड रिपोर्ट सौंपी थी। ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि लोगों से प्राप्त सुझाव एवं आपत्तियों पर गौर करने के बाद सरकार ने नगर निगम में शामिल करने को लेकर पहले प्रस्तावित कुछ क्षेत्रों को अब इससे बाहर रखा है। उपायुक्त ने कहा कि भविष्य के लिए प्रस्तावित विकास परियोजनाओं से जुड़े क्षेत्रों को ही अभी नगर निगम में लिया गया है। शिवधाम, फोरलेन और रेलवे परियोजना तथा एनडीआरएफ बटालियन जैसी परियोजनाओं से जुड़े क्षेत्रों को निगम में रखा गया है। आने वाले समय में लोगों की अपेक्षाओं व विकास की जरूरत के अनुरूप निगम का दायरा बढ़ाने के विकल्प पर गौर किया जा सकता है। इन पंचायतों का हुआ पूर्ण विलय नेला (नवगठित पंचायत), सनयारड़, बैहना और दौंधी इन चार पंचायतों को पूर्ण रूप से नगर निगम मंडी में शामिल किया गया है। 7 पंचायतों का कुछ भाग नगर निगम में सम्मिलित इसके अलावा भरौण, तल्याहड़, बिजण, तुंग, बाड़ी गुमाणु, चलाह और भडयाल, इन 7 पंचायतों के कुछ भाग को नगर निगम में शामिल किया गया है। इसके अलावा पूर्व अधिसूचना में नगर निगम क्षेत्र में शामिल करने को प्रस्तावित 2 पंचायतों चंडयाल और टिल्ली कहनवाल को अब इससे बाहर रखा गया है। नगर निगम में 22 मोहाल शामिल यदि मोहाल के हिसाब से देखें तो पहले नगर निगम में 25 मोहाल शामिल करने प्रस्तावित थे, जिनमें से अब 3 मोहाल मनयाणा, अरढा और चंडयाल को पूरी तरह इससे बाहर रखा गया है। इस प्रकार अब नगर निगम में साथ लगते 22 मोहाल शामिल किए गए हैं। जिनमें 18 मोहाल पूर्ण रूप से और 4 मोहाल आंशिक रूप से इसमें शामिल किए गए हैं। भडयाल मोहाल को पूरा नगर निगम में शामिल करने की बजाय केवल फोरलेन परियोजना से जुड़ा क्षेत्र ही इसमें शामिल किया गया है। इससे लोगों के घरों-आबादी क्षेत्र को बाहर रखा गया है। वहीं भरौण और दूदर मोहाल, जो ग्राम पंचायत भरौण के तहत आते हैं, के वार्ड भरौण-1 और दूदर-1 को नगर निगम में रखने के साथ ही वार्ड भरौण-2 व 3 और दूदर-2 व 3 वार्ड को बाहर रखा गया है। चलाह पंचायत के वार्ड नंबर 5 और 6 को नगर निगम में शामिल नहीं किया गया है। नगर निगम में जुड़ा 2439 हैक्टेयर क्षेत्र व 14953 आबादी ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि नगर निगम मंडी में 11 पंचायतों के क्षेत्र (पूर्ण व आंशिक दोनों) को मिलाकर कुल 2439 हैक्टेयर क्षेत्र जोड़ा गया है। इस प्रकार मंडी नगर निगम का क्षेत्रफल वर्तमान के 389 हैक्टेयर से बढ़कर 2828 हैक्टेयर हो गया है। साथ ही नए क्षेत्रों के जुड़ने से नगर निगम मंडी की आबादी में 14953 की वृृद्धि से यहां की कुल आबादी वर्तमान के 26422 से बढ़कर 41375 हो गई है। 3 साल तक कर में छूट उपायुक्त ने कहा कि प्रदेश सरकार ने नगर निगम में शामिल होने वाले इन नए इलाकों के लोगों को 3 वर्ष तक भूमि एवं भवन पर कर में छूट देने का निर्णय लिया है। इसके अलावा लोगों के वाजिब-उल-अर्ज में दर्ज हकों को भी सुरक्षित रखा जाएगा।
मंडी ! प्रदेश सरकार द्वारा नगर परिषद मंडी का दर्जा बढ़ाकर इसे नगर निगम बनाने के निर्णय के बाद अब इसे लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है। शहरी विकास विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक नगर परिषद मंडी के साथ लगती 11 पंचायतों के क्षेत्र को सम्मिलित कर इसे नगर निगम बनाया गया है। इनमें से 4 पंचायतों का पूर्ण और 7 पंचायतों का आंशिक विलय किया गया है। यह जानकारी उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने दी।
बता दें, शहरी विकास विभाग ने नगर परिषद मंडी के साथ लगते पटवार वृतों, पंचायतों को शामिल करने के प्रस्ताव को लेकर पहले अधिसूचना जारी कर लोगों से सुझाव एवं आपत्तियां आमंत्रित की थीं। इन क्षेत्रों के लोगों से मिली आपत्तियों एवं सुझावों को लेकर संबंधित एसडीएम ने क्षेत्र में जाकर वस्तुस्थिति का ब्यौरा लिया। लोगों से बातचीत की और इस पर आधारित अपनी फील्ड रिपोर्ट सौंपी थी।
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ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि लोगों से प्राप्त सुझाव एवं आपत्तियों पर गौर करने के बाद सरकार ने नगर निगम में शामिल करने को लेकर पहले प्रस्तावित कुछ क्षेत्रों को अब इससे बाहर रखा है। उपायुक्त ने कहा कि भविष्य के लिए प्रस्तावित विकास परियोजनाओं से जुड़े क्षेत्रों को ही अभी नगर निगम में लिया गया है। शिवधाम, फोरलेन और रेलवे परियोजना तथा एनडीआरएफ बटालियन जैसी परियोजनाओं से जुड़े क्षेत्रों को निगम में रखा गया है। आने वाले समय में लोगों की अपेक्षाओं व विकास की जरूरत के अनुरूप निगम का दायरा बढ़ाने के विकल्प पर गौर किया जा सकता है।
नेला (नवगठित पंचायत), सनयारड़, बैहना और दौंधी इन चार पंचायतों को पूर्ण रूप से नगर निगम मंडी में शामिल किया गया है।
इसके अलावा भरौण, तल्याहड़, बिजण, तुंग, बाड़ी गुमाणु, चलाह और भडयाल, इन 7 पंचायतों के कुछ भाग को नगर निगम में शामिल किया गया है। इसके अलावा पूर्व अधिसूचना में नगर निगम क्षेत्र में शामिल करने को प्रस्तावित 2 पंचायतों चंडयाल और टिल्ली कहनवाल को अब इससे बाहर रखा गया है।
यदि मोहाल के हिसाब से देखें तो पहले नगर निगम में 25 मोहाल शामिल करने प्रस्तावित थे, जिनमें से अब 3 मोहाल मनयाणा, अरढा और चंडयाल को पूरी तरह इससे बाहर रखा गया है। इस प्रकार अब नगर निगम में साथ लगते 22 मोहाल शामिल किए गए हैं। जिनमें 18 मोहाल पूर्ण रूप से और 4 मोहाल आंशिक रूप से इसमें शामिल किए गए हैं। भडयाल मोहाल को पूरा नगर निगम में शामिल करने की बजाय केवल फोरलेन परियोजना से जुड़ा क्षेत्र ही इसमें शामिल किया गया है। इससे लोगों के घरों-आबादी क्षेत्र को बाहर रखा गया है। वहीं भरौण और दूदर मोहाल, जो ग्राम पंचायत भरौण के तहत आते हैं, के वार्ड भरौण-1 और दूदर-1 को नगर निगम में रखने के साथ ही वार्ड भरौण-2 व 3 और दूदर-2 व 3 वार्ड को बाहर रखा गया है। चलाह पंचायत के वार्ड नंबर 5 और 6 को नगर निगम में शामिल नहीं किया गया है।
ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि नगर निगम मंडी में 11 पंचायतों के क्षेत्र (पूर्ण व आंशिक दोनों) को मिलाकर कुल 2439 हैक्टेयर क्षेत्र जोड़ा गया है। इस प्रकार मंडी नगर निगम का क्षेत्रफल वर्तमान के 389 हैक्टेयर से बढ़कर 2828 हैक्टेयर हो गया है। साथ ही नए क्षेत्रों के जुड़ने से नगर निगम मंडी की आबादी में 14953 की वृृद्धि से यहां की कुल आबादी वर्तमान के 26422 से बढ़कर 41375 हो गई है।
उपायुक्त ने कहा कि प्रदेश सरकार ने नगर निगम में शामिल होने वाले इन नए इलाकों के लोगों को 3 वर्ष तक भूमि एवं भवन पर कर में छूट देने का निर्णय लिया है। इसके अलावा लोगों के वाजिब-उल-अर्ज में दर्ज हकों को भी सुरक्षित रखा जाएगा।
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