• विपक्ष पर भी किया पलटवार, पूछा- हिमाचल को मिलेंगे पीएम मोदी द्वारा घोषित 1500 करोड़ रुपए • निजी लंदन दौरे को लेकर भी भी स्पष्ट की स्थिति
- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला , 30 सितंबर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को मोबाइल फॉरेंसिक वाहनों का लोकार्पण किया. यह वाहन डायरेक्टोरेट ऑफ़ फॉरेंसिक सर्विस के तहत काम करेंगे. मुख्यमंत्री ने आज कुल छह वाहनों को हरी झंडी दिखाई. हर वाहन की क़ीमत 65 लाख रुपये है, जो अत्याधुनिक तकनीक से लैस है. इसके ज़रिए पुलिस को तेज़ी से जांच करने में मदद मिलेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि नई तकनीक वाले यह वाहन तेजी के साथ जांच सुनिश्चित करने में मददगार साबित होंगे. इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने निजी लंदन दौरे को लेकर भी स्पष्टीकरण दिया. उन्होंने कहा कि यह उनका निजी दौरा था और वे अपनी बेटी के एडमिशन कराने के लिए लंदन गए थे. विपक्ष ने इस पर भी राजनीति की. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने इस निजी दौरे में एक भी सरकारी रुपया ख़र्च नहीं किया है। इसी तरह उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल के विदेश दौरे को लेकर हो रहे विवाद पर भी स्पष्टीकरण दिया. उन्होंने कहा कि जिस अधिसूचना को लेकर विवाद हो रहा है, उसमें किसी अधिकारी के हस्ताक्षर भी नहीं थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी अनुमति के बिना किसी भी विदेशी दौरे पर नहीं जाया जा सकता. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सीमेंट के बढ़े हुए दामों को लेकर भी बयान दिया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सीमेंट पर किसी तरह का कोई टैक्स नहीं लगाया. विपक्ष बेवजह की राजनीति कर रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी का सबसे बड़ा नुक़सान हिमाचल प्रदेश को हुआ. अन्य छोटे राज्यों ने भी जीएसटी से हो रहे नुक़सान के बाद केंद्र सरकार के सामने रखी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को यह बताना चाहिए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1500 करोड़ रुपए का जो विशेष पैकेज घोषित किया था, वह हिमाचल को कब मिलेगा. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश आपदा से जूझ रहा है और राज्य में को अभी पैसों की ज़रूरत है। आने वाले चार से पांच महीने तक हिमाचल पर्यटन विकास निगम और हिमाचल पथ परिवहन निगम के कर्मचारियों को वेतन मिलने में देरी हो सकती है. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने राज्य में आर्थिक तंगी की बात को स्वीकारा है. हालांकि इसके लिए उन्होंने पूर्व भारतीय जनता पार्टी की सरकार के कामों को ज़िम्मेदार ठहराया. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कर्मचारियों को वेतन और रिटायर्ड कर्मचारियों को वक़्त पर पेंशन देने के लिए प्रतिबद्ध है. संभव है कि कुछ महीनों तक की परेशानी हो, लेकिन इसे ठीक करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आर्थिक तंगी के बावजूद प्रदेश भर में आपदा प्रभावितों तक मदद पहुंचाने का भी काम कर रही है.
शिमला , 30 सितंबर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को मोबाइल फॉरेंसिक वाहनों का लोकार्पण किया. यह वाहन डायरेक्टोरेट ऑफ़ फॉरेंसिक सर्विस के तहत काम करेंगे. मुख्यमंत्री ने आज कुल छह वाहनों को हरी झंडी दिखाई. हर वाहन की क़ीमत 65 लाख रुपये है, जो अत्याधुनिक तकनीक से लैस है. इसके ज़रिए पुलिस को तेज़ी से जांच करने में मदद मिलेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि नई तकनीक वाले यह वाहन तेजी के साथ जांच सुनिश्चित करने में मददगार साबित होंगे.
इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने निजी लंदन दौरे को लेकर भी स्पष्टीकरण दिया. उन्होंने कहा कि यह उनका निजी दौरा था और वे अपनी बेटी के एडमिशन कराने के लिए लंदन गए थे. विपक्ष ने इस पर भी राजनीति की. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने इस निजी दौरे में एक भी सरकारी रुपया ख़र्च नहीं किया है।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
इसी तरह उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल के विदेश दौरे को लेकर हो रहे विवाद पर भी स्पष्टीकरण दिया. उन्होंने कहा कि जिस अधिसूचना को लेकर विवाद हो रहा है, उसमें किसी अधिकारी के हस्ताक्षर भी नहीं थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी अनुमति के बिना किसी भी विदेशी दौरे पर नहीं जाया जा सकता.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सीमेंट के बढ़े हुए दामों को लेकर भी बयान दिया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सीमेंट पर किसी तरह का कोई टैक्स नहीं लगाया. विपक्ष बेवजह की राजनीति कर रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी का सबसे बड़ा नुक़सान हिमाचल प्रदेश को हुआ. अन्य छोटे राज्यों ने भी जीएसटी से हो रहे नुक़सान के बाद केंद्र सरकार के सामने रखी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को यह बताना चाहिए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1500 करोड़ रुपए का जो विशेष पैकेज घोषित किया था, वह हिमाचल को कब मिलेगा. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश आपदा से जूझ रहा है और राज्य में को अभी पैसों की ज़रूरत है।
आने वाले चार से पांच महीने तक हिमाचल पर्यटन विकास निगम और हिमाचल पथ परिवहन निगम के कर्मचारियों को वेतन मिलने में देरी हो सकती है. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने राज्य में आर्थिक तंगी की बात को स्वीकारा है. हालांकि इसके लिए उन्होंने पूर्व भारतीय जनता पार्टी की सरकार के कामों को ज़िम्मेदार ठहराया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कर्मचारियों को वेतन और रिटायर्ड कर्मचारियों को वक़्त पर पेंशन देने के लिए प्रतिबद्ध है. संभव है कि कुछ महीनों तक की परेशानी हो, लेकिन इसे ठीक करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आर्थिक तंगी के बावजूद प्रदेश भर में आपदा प्रभावितों तक मदद पहुंचाने का भी काम कर रही है.
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -