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राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज राजभवन से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) और इसके क्रियान्वयन पर वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कुलपतियों के साथ बातचीत की। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के कुलपति प्रो. सिकन्दर कुमार डाॅ. वाय.एस.परमार बागवानी और वाणिकी विश्वविद्यालय नौणी सोलन के कुलपति डाॅ. परविन्दर कौशल, चैधरी सरवण कुमार, हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एच.के. चैधरी, हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर के कुलपति प्रो. एस.पी. बन्सल, अटल चिकित्सा एवं शोध विश्वविद्यालय मण्डी के कुलपति प्रो. (डाॅ.) सुरेन्द्र कश्यप और सरदार वल्लभ भाई पटेल क्लस्चर विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. सी.एल. चन्दन ने भी इस वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में भाग लिया। राज्यपाल ने सभी कुलपतियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत दृष्टि पत्र तैयार कर 15 फरवरी, 2021 तक प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने संस्थानों की रैंकिंग को सुधारने के लिए नीति तैयार करने और उसके तहत कार्य करने का भी सुझाव दिया। उन्होंने महामारी के दौरान विश्वविद्यालय की उपलब्धियों और प्रयासों पर विस्तृत रिपोर्ट भेजने को भी कहा। उन्होंने कहा कि उन्हें कृषि व्यवसाय, खाद्य प्रसंस्करण, कटाई के बाद, तकनीक, स्वास्थ्य देखभाल और कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भविष्य में इंटरनशिप, वर्चुअल इंटरनशिप, पूर्व छात्रों की मदद, आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और राॅबोटिक्स नए सेक्टर होंगे। उन्होंने लोक मित्र केन्द्रों और महिला स्वयं सहायता समूहों को जोड़ने पर बल दिया और कहा कि शोध, रोजगार और उद्यमिता में परिणाम का मापदण्ड होना चाहिए। राज्यपाल ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और विद्यार्थियों को आॅनलाइन शिक्षा प्रदान करने की दिशा में सभी कुलपतियों और विश्वविद्यालय प्रशासन के प्रयासों की सराहना की। सभी कुलपतियों ने वर्चुअल मंच के माध्यम से अपनी कार्य योजना प्रस्तुत की। राज्यपाल के सचिव राकेश कंवर ने राज्यपाल और सभी सदस्यों का स्वागत किया और बैठक का संचालन किया।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज राजभवन से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) और इसके क्रियान्वयन पर वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कुलपतियों के साथ बातचीत की।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के कुलपति प्रो. सिकन्दर कुमार डाॅ. वाय.एस.परमार बागवानी और वाणिकी विश्वविद्यालय नौणी सोलन के कुलपति डाॅ. परविन्दर कौशल, चैधरी सरवण कुमार, हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एच.के. चैधरी, हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर के कुलपति प्रो. एस.पी. बन्सल, अटल चिकित्सा एवं शोध विश्वविद्यालय मण्डी के कुलपति प्रो. (डाॅ.) सुरेन्द्र कश्यप और सरदार वल्लभ भाई पटेल क्लस्चर विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. सी.एल. चन्दन ने भी इस वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में भाग लिया।
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राज्यपाल ने सभी कुलपतियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत दृष्टि पत्र तैयार कर 15 फरवरी, 2021 तक प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने संस्थानों की रैंकिंग को सुधारने के लिए नीति तैयार करने और उसके तहत कार्य करने का भी सुझाव दिया। उन्होंने महामारी के दौरान विश्वविद्यालय की उपलब्धियों और प्रयासों पर विस्तृत रिपोर्ट भेजने को भी कहा।
उन्होंने कहा कि उन्हें कृषि व्यवसाय, खाद्य प्रसंस्करण, कटाई के बाद, तकनीक, स्वास्थ्य देखभाल और कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भविष्य में इंटरनशिप, वर्चुअल इंटरनशिप, पूर्व छात्रों की मदद, आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और राॅबोटिक्स नए सेक्टर होंगे। उन्होंने लोक मित्र केन्द्रों और महिला स्वयं सहायता समूहों को जोड़ने पर बल दिया और कहा कि शोध, रोजगार और उद्यमिता में परिणाम का मापदण्ड होना चाहिए।
राज्यपाल ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और विद्यार्थियों को आॅनलाइन शिक्षा प्रदान करने की दिशा में सभी कुलपतियों और विश्वविद्यालय प्रशासन के प्रयासों की सराहना की। सभी कुलपतियों ने वर्चुअल मंच के माध्यम से अपनी कार्य योजना प्रस्तुत की। राज्यपाल के सचिव राकेश कंवर ने राज्यपाल और सभी सदस्यों का स्वागत किया और बैठक का संचालन किया।
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