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शिमला ! एक ओर जहां शिक्षामंत्री निजी स्कूलों से फीस नहीं लेने की बात कर रहे हैं तो वहीं कई स्कूलों ने फीस की मांग भी करनी शुरू कर दी है। इतना ही नहीं कई स्कूलों ने फीस में बढ़ोत्तरी भी शुरू कर दी है। अभिभावकों को ऑनलाइन मोड में फीस जमा करने को कहा जा रहा है। सरकार के निर्देशों के बावजूद तीस अप्रैल से पहले फीस जमा करवाने की मांग करने वाले निजी स्कूलों को उच्च शिक्षा निदेशालय ने आखिरी चेतावनी जारी की है। वीरवार को उच्च शिक्षा निदेशालय ने निजी स्कूलों की ओर से अभिभावकों को बार-बार फीस जमा करवाने के एसएमएस भेजने पर कड़ा संज्ञान लिया है। शिक्षा बोर्ड ने सभी निजी स्कूलों को आखिरी चेतावनी जारी करते हुए आगाह किया गया है कि तीस अप्रैल तक फीस जमा करवाने की अवधि को बढ़ाया जाए। इसके बावजूद प्रदेश के कई निजी स्कूल अभिभावकों को एसएमएस कर आजकल ही फीस जमा करवाने को कह रहे हैं। जिसके चलते उच्च शिक्षा निदेशालय को वीरवार को चेतावनी पत्र जारी करने पड़े हैं। शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने कहा कि आजकल पूरे प्रदेश में लॉकडाउन की स्थिति है, ऐसे में निजी स्कूल फीस जमा करवाने के लिए अभिभावकों पर बेवजह दबाव ना बनाएं। शिक्षा विभाग सभी निजी स्कूलों को ईमेल की गई थी। आदेशों में स्पष्ट किया गया था कि प्रदेश के सभी आईसीएसई, सीबीएसई तथा हिमाचल प्रदेश से संबंध निजी स्कूलों को इन आदेशों की अनुपालना करनी होगी। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए प्रदेश में कर्फ्यू लागू होने तथा देश में घोषित लॉकडाउन के चलते फीस जमा करवाने में पेश आने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए यह फैसला लिया था। बता दें विभाग चाहे तो सभी निजी स्कूलों को इस बात के लिए कड़े आदेश दे सकता है क्योंकि निजी स्कूलों की मान्यता भले ही सीबीएसइ या आइसीएसइ देती है लेकिन स्कूल संचालन के लिए एनओसी के तहत मान्यता शिक्षा विभाग ही देता है। गौरतलब है अब से पहले भी शिक्षा विभाग की ओर से निजी स्कूलों की फीस नियंत्रण पर कठोर कदम उठाने की बात कही गयी है, लेकिन अब तक स्थिति ज्यों की त्यों है। अब देखना ये है कि निजी स्कूलों को कोरोना के चलते फीस न लेने शिक्षा विभाग के आदेश का पालन कितने निजी स्कूल करतें है।
शिमला ! एक ओर जहां शिक्षामंत्री निजी स्कूलों से फीस नहीं लेने की बात कर रहे हैं तो वहीं कई स्कूलों ने फीस की मांग भी करनी शुरू कर दी है। इतना ही नहीं कई स्कूलों ने फीस में बढ़ोत्तरी भी शुरू कर दी है। अभिभावकों को ऑनलाइन मोड में फीस जमा करने को कहा जा रहा है।
सरकार के निर्देशों के बावजूद तीस अप्रैल से पहले फीस जमा करवाने की मांग करने वाले निजी स्कूलों को उच्च शिक्षा निदेशालय ने आखिरी चेतावनी जारी की है। वीरवार को उच्च शिक्षा निदेशालय ने निजी स्कूलों की ओर से अभिभावकों को बार-बार फीस जमा करवाने के एसएमएस भेजने पर कड़ा संज्ञान लिया है। शिक्षा बोर्ड ने सभी निजी स्कूलों को आखिरी चेतावनी जारी करते हुए आगाह किया गया है कि तीस अप्रैल तक फीस जमा करवाने की अवधि को बढ़ाया जाए।
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इसके बावजूद प्रदेश के कई निजी स्कूल अभिभावकों को एसएमएस कर आजकल ही फीस जमा करवाने को कह रहे हैं। जिसके चलते उच्च शिक्षा निदेशालय को वीरवार को चेतावनी पत्र जारी करने पड़े हैं। शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने कहा कि आजकल पूरे प्रदेश में लॉकडाउन की स्थिति है, ऐसे में निजी स्कूल फीस जमा करवाने के लिए अभिभावकों पर बेवजह दबाव ना बनाएं।
शिक्षा विभाग सभी निजी स्कूलों को ईमेल की गई थी। आदेशों में स्पष्ट किया गया था कि प्रदेश के सभी आईसीएसई, सीबीएसई तथा हिमाचल प्रदेश से संबंध निजी स्कूलों को इन आदेशों की अनुपालना करनी होगी। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए प्रदेश में कर्फ्यू लागू होने तथा देश में घोषित लॉकडाउन के चलते फीस जमा करवाने में पेश आने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए यह फैसला लिया था।
बता दें विभाग चाहे तो सभी निजी स्कूलों को इस बात के लिए कड़े आदेश दे सकता है क्योंकि निजी स्कूलों की मान्यता भले ही सीबीएसइ या आइसीएसइ देती है लेकिन स्कूल संचालन के लिए एनओसी के तहत मान्यता शिक्षा विभाग ही देता है।
गौरतलब है अब से पहले भी शिक्षा विभाग की ओर से निजी स्कूलों की फीस नियंत्रण पर कठोर कदम उठाने की बात कही गयी है, लेकिन अब तक स्थिति ज्यों की त्यों है। अब देखना ये है कि निजी स्कूलों को कोरोना के चलते फीस न लेने शिक्षा विभाग के आदेश का पालन कितने निजी स्कूल करतें है।
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