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शिमला ,17 नवंबर ! इन्दिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय शिमला के शल्य चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक ने आज यहां बताया कि राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर 18 नवम्बर, 2022 को महाविद्यालय के सभागार में प्रातः 10.30 बजे तीन दिवसीय सम्मेलन का शुभारम्भ करेंगे। उन्होंने बताया कि आईजीएमसी के शल्य चिकित्सा विभाग द्वारा एसोसिएशन ऑफ गैस्ट्रोइन्टेस्टाइनल एण्डोसर्जियन (आईएजीईएस) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इण्डियन फैलोशिप-इन-गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी सर्जरी मिनिमल इन्वेजिज विषय पर आयोजित इस सम्मेलन में देश-विदेश से लगभग 200 प्रतिष्ठित शल्य चिकित्सक हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि 20 नवम्बर, 2022 तक चलने वाले इस तीन दिवसीय सम्मेलन में 18 और 19 नवम्बर को शल्य चिकित्सा से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा व प्रस्तुतियां दी जाएंगी। इस सम्मेलन में प्रतिभागियों के लेप्रोस्कोपिक कौशल को निखारने तथा मिनिमल इनवेसिव सर्जरी की नई चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी। 20 नवम्बर को लाइव वर्कशॉप का आयोजन भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विगत वर्षों के दौरान आईजीएमसी के शल्य चिकित्सा विभाग ने शल्य चिकित्सा से संबंधित कई आयाम स्थापित किए हैं। इस संस्थान के विशेषज्ञों ने देश भर में अपनी अलग पहचान बनाई है। इस सम्मेलन के आयोजन से न केवल विशेषज्ञों को शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में नई तकनीक और चुनौतियों को जानने और समझने का अवसर प्राप्त होगा, बल्कि प्रशिक्षु चिकित्सकों को भी इस विषय से संबंधित नवीनतम जानकारियां प्राप्त होंगी और देश के जाने माने विशेषज्ञों से ज्ञानार्जन का अवसर प्राप्त होगा। निःसन्देह इसका दूरगामी लाभ प्रदेशवासियों को मिलेगा।
शिमला ,17 नवंबर ! इन्दिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय शिमला के शल्य चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक ने आज यहां बताया कि राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर 18 नवम्बर, 2022 को महाविद्यालय के सभागार में प्रातः 10.30 बजे तीन दिवसीय सम्मेलन का शुभारम्भ करेंगे।
उन्होंने बताया कि आईजीएमसी के शल्य चिकित्सा विभाग द्वारा एसोसिएशन ऑफ गैस्ट्रोइन्टेस्टाइनल एण्डोसर्जियन (आईएजीईएस) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इण्डियन फैलोशिप-इन-गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी सर्जरी मिनिमल इन्वेजिज विषय पर आयोजित इस सम्मेलन में देश-विदेश से लगभग 200 प्रतिष्ठित शल्य चिकित्सक हिस्सा लेंगे।
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उन्होंने कहा कि 20 नवम्बर, 2022 तक चलने वाले इस तीन दिवसीय सम्मेलन में 18 और 19 नवम्बर को शल्य चिकित्सा से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा व प्रस्तुतियां दी जाएंगी। इस सम्मेलन में प्रतिभागियों के लेप्रोस्कोपिक कौशल को निखारने तथा मिनिमल इनवेसिव सर्जरी की नई चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी। 20 नवम्बर को लाइव वर्कशॉप का आयोजन भी किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि विगत वर्षों के दौरान आईजीएमसी के शल्य चिकित्सा विभाग ने शल्य चिकित्सा से संबंधित कई आयाम स्थापित किए हैं। इस संस्थान के विशेषज्ञों ने देश भर में अपनी अलग पहचान बनाई है। इस सम्मेलन के आयोजन से न केवल विशेषज्ञों को शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में नई तकनीक और चुनौतियों को जानने और समझने का अवसर प्राप्त होगा, बल्कि प्रशिक्षु चिकित्सकों को भी इस विषय से संबंधित नवीनतम जानकारियां प्राप्त होंगी और देश के जाने माने विशेषज्ञों से ज्ञानार्जन का अवसर प्राप्त होगा। निःसन्देह इसका दूरगामी लाभ प्रदेशवासियों को मिलेगा।
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