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सोलन ! डा. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की कृषि विश्वविद्यालयों और संस्थानों की रैंकिंग में 11वां स्थान हासिल हुआ है। यह रैंकिंग गत सप्ताह नई दिल्ली में आईसीएआर द्वारा जारी की गई। बढ़ी हुई प्रतिस्पर्धा और नए ऑनलाइन रैंकिंग सिस्टम के बावजूद विश्वविद्यालय ने इस वर्ष की रैंकिंग में एक स्थान का सुधार किया है। पिछले साल इस सूची में विश्वविद्यालय को 12वें स्थान पर रखा गया था। जहां तक कि शीर्ष 11 की बात है, तो इसमें तीन संस्थान आईसीएआर के हैं और शेष राज्य/केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय है, जो कि एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। इस सूची में आईसीएआर-नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट करनाल पहले, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना और आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। वर्ष 2016 में शुरू हुई इन रैंकिंग में विश्वविद्यालय लगातार प्रगति कर रहा है। उस समय विश्वविद्यालय को 51वां स्थान हासिल हुआ था। कुलपति डा. परविंदर कौशल ने विश्वविद्यालय के छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को इस उपलब्धि पर बधाई दी और कृषि समुदाय की बेहतरी के लिए उनके प्रयासों की सराहना की। डा. कौशल ने कहा कि विश्वविद्यालय को शिक्षा मंत्रालय की अटल रैंकिंग में सरकारी सहायता प्राप्त विश्वविद्यालयों की श्रेणी के तहत बैंड ए (रैंक 6 से 25) में शामिल किया गया, जिसमें कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों अपनी जगह नहीं बना पाए। इसके अतिरिक्त वैज्ञानिकों, छात्रों, अनुसंधान स्टेशनों ने भी इस वर्ष कई राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल किए। प्रतियोगी परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन इस वर्ष, रैंकिंग में भारत के 67 कृषि विश्वविद्यालयों और संस्थानों को सूची में शामिल किया गया है। कृषि विश्वविद्यालयों को छात्र और संकाय की प्रोफाइल, प्रकाशन, अनुसंधान, प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण आदि जैसे मापदंडों पर आंका गया। विवि के छात्रों ने आईसीएआर नेट, जेआरएफ, एसआरएफ और अन्य राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं सहित विभिन्न मापदंडों पर काफी अच्छा प्रदर्शन किया है।
सोलन ! डा. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की कृषि विश्वविद्यालयों और संस्थानों की रैंकिंग में 11वां स्थान हासिल हुआ है। यह रैंकिंग गत सप्ताह नई दिल्ली में आईसीएआर द्वारा जारी की गई। बढ़ी हुई प्रतिस्पर्धा और नए ऑनलाइन रैंकिंग सिस्टम के बावजूद विश्वविद्यालय ने इस वर्ष की रैंकिंग में एक स्थान का सुधार किया है। पिछले साल इस सूची में विश्वविद्यालय को 12वें स्थान पर रखा गया था।
जहां तक कि शीर्ष 11 की बात है, तो इसमें तीन संस्थान आईसीएआर के हैं और शेष राज्य/केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय है, जो कि एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। इस सूची में आईसीएआर-नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट करनाल पहले, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना और आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। वर्ष 2016 में शुरू हुई इन रैंकिंग में विश्वविद्यालय लगातार प्रगति कर रहा है। उस समय विश्वविद्यालय को 51वां स्थान हासिल हुआ था।
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कुलपति डा. परविंदर कौशल ने विश्वविद्यालय के छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को इस उपलब्धि पर बधाई दी और कृषि समुदाय की बेहतरी के लिए उनके प्रयासों की सराहना की। डा. कौशल ने कहा कि विश्वविद्यालय को शिक्षा मंत्रालय की अटल रैंकिंग में सरकारी सहायता प्राप्त विश्वविद्यालयों की श्रेणी के तहत बैंड ए (रैंक 6 से 25) में शामिल किया गया, जिसमें कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों अपनी जगह नहीं बना पाए। इसके अतिरिक्त वैज्ञानिकों, छात्रों, अनुसंधान स्टेशनों ने भी इस वर्ष कई राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल किए।
इस वर्ष, रैंकिंग में भारत के 67 कृषि विश्वविद्यालयों और संस्थानों को सूची में शामिल किया गया है। कृषि विश्वविद्यालयों को छात्र और संकाय की प्रोफाइल, प्रकाशन, अनुसंधान, प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण आदि जैसे मापदंडों पर आंका गया। विवि के छात्रों ने आईसीएआर नेट, जेआरएफ, एसआरएफ और अन्य राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं सहित विभिन्न मापदंडों पर काफी अच्छा प्रदर्शन किया है।
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