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शिमला, 03 ऑक्टूबर [ विशाल सूद ] ! राज्य भर के 108 और 102 के लगभग 1400 कर्मचार 24 घंटे की हड़ताल पर हैं। शिमला में भी एंबुलेंस कर्मियों ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। एम्बुलेंस कर्मी काम के बदले कम वेतन देने का आरोप लगा रहे हैं। कर्मियों का कहना है कि लगातार उन्हें शोषण का शिकार होना पड़ रहा है। प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने सरकार से जल्द उनकी मांगें पूरा करने की मांग उठाई है। प्रदेश में 108 एवं 102 एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन (संबंधित सीटू) ने सरकार और प्रबंधन की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ 24 घंटे की हड़ताल शुरू कर दी है। यह हड़ताल 2 अक्तूबर रात 8 बजे से 3 अक्तूबर रात 8 बजे तक जारी रहेगी।यूनियन का आरोप है कि नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत मेडसवान फाउंडेशन के अधीन कार्यरत कर्मचारियों के सात वर्षों से शोषण हो रहा है। कर्मचारियों को सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन तक नहीं मिल रहा है। उनसे 12 घंटे की ड्यूटी ली जाती है लेकिन ओवरटाइम का भुगतान नहीं किया जाता। सीटू नेता विजेंद्र मेहरा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय, लेबर कोर्ट और श्रम कार्यालय के आदेशों के बावजूद भी उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। यूनियन नेताओं पर मानसिक दबाव बनाकर उन्हें नौकरी से इस्तीफा देने या तबादला स्वीकार करने के लिए मजबूर किया जाता है। कई कर्मचारियों को बिना कारण महीनों तक ड्यूटी से बाहर रखा जाता है। वहीं, छुट्टियों, ईपीएफ और ईएसआई के क्रियान्वयन में भी भारी अनियमितताएं हैं। जीवीके ईएमआरआई कंपनी से सेवाएं समाप्त होने के बाद छंटनी भत्ता, ग्रेच्यूटी और नोटिस पे जैसी सुविधाओं का भुगतान नहीं किया गया। सरकार और प्रबंधन का रवैया अड़ियल है और श्रम कानूनों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। मजबूरन उन्हें सड़कों पर उतरना पड़ रहा है।
शिमला, 03 ऑक्टूबर [ विशाल सूद ] ! राज्य भर के 108 और 102 के लगभग 1400 कर्मचार 24 घंटे की हड़ताल पर हैं। शिमला में भी एंबुलेंस कर्मियों ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। एम्बुलेंस कर्मी काम के बदले कम वेतन देने का आरोप लगा रहे हैं। कर्मियों का कहना है कि लगातार उन्हें शोषण का शिकार होना पड़ रहा है। प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने सरकार से जल्द उनकी मांगें पूरा करने की मांग उठाई है।
प्रदेश में 108 एवं 102 एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन (संबंधित सीटू) ने सरकार और प्रबंधन की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ 24 घंटे की हड़ताल शुरू कर दी है। यह हड़ताल 2 अक्तूबर रात 8 बजे से 3 अक्तूबर रात 8 बजे तक जारी रहेगी।यूनियन का आरोप है कि नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत मेडसवान फाउंडेशन के अधीन कार्यरत कर्मचारियों के सात वर्षों से शोषण हो रहा है। कर्मचारियों को सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन तक नहीं मिल रहा है। उनसे 12 घंटे की ड्यूटी ली जाती है लेकिन ओवरटाइम का भुगतान नहीं किया जाता।
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सीटू नेता विजेंद्र मेहरा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय, लेबर कोर्ट और श्रम कार्यालय के आदेशों के बावजूद भी उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। यूनियन नेताओं पर मानसिक दबाव बनाकर उन्हें नौकरी से इस्तीफा देने या तबादला स्वीकार करने के लिए मजबूर किया जाता है। कई कर्मचारियों को बिना कारण महीनों तक ड्यूटी से बाहर रखा जाता है। वहीं, छुट्टियों, ईपीएफ और ईएसआई के क्रियान्वयन में भी भारी अनियमितताएं हैं।
जीवीके ईएमआरआई कंपनी से सेवाएं समाप्त होने के बाद छंटनी भत्ता, ग्रेच्यूटी और नोटिस पे जैसी सुविधाओं का भुगतान नहीं किया गया। सरकार और प्रबंधन का रवैया अड़ियल है और श्रम कानूनों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। मजबूरन उन्हें सड़कों पर उतरना पड़ रहा है।
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