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शिमला ! लाॅकडाउन के तहत घरेलू हिंसा के मामलों के संबंध में जानकारी देने के लिए सामाजिक, न्याय व अधिकारिता विभाग द्वारा व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर 76500-66994 आरंभ की गई है। संयुक्त निदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग डाॅ. भावना ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान घर से बाहर निकलने पर प्रतिबंध है इसलिए पीड़ित महिलाओं द्वारा घरेलू हिंसा से जुड़ी शिकायतें इस नंबर पर दर्ज करवाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि यह सेवा 24 घंटे उपलब्ध रहेगी। सभी जिला मुख्यालयों पर आश्रय स्थल स्थापित किए गए हैं, जिनके माध्यम से पीड़ित महिला को आपातकाल प्रतिक्रिया, बचाव सेवाएं, चिकित्सा सहायता अथवा प्राथमिकी दर्ज करवाने में सहायता अथवा मनोवैज्ञानिक एवं सामाजिक समर्थन और परामर्श तथा अस्थाई आश्रय आदि सेवाएं भी प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि पीड़ित महिलाएं संबंधित जिला के जिला कार्यक्रम अधिकारी या बाल संरक्षण अधिकारी से इन सेवाओं का लाभ लेने के लिए संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि अधिनियम के तहत आईसीडीएस पर्यवेक्षकों को अपने-अपने क्षेत्र के लिए संरक्षण अधिकारी घोषित किया गया है, जिनके पास पीड़ित महिलाएं शिकायतें दर्ज करवा सकती हैं।
शिमला ! लाॅकडाउन के तहत घरेलू हिंसा के मामलों के संबंध में जानकारी देने के लिए सामाजिक, न्याय व अधिकारिता विभाग द्वारा व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर 76500-66994 आरंभ की गई है। संयुक्त निदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग डाॅ. भावना ने आज यहां यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान घर से बाहर निकलने पर प्रतिबंध है इसलिए पीड़ित महिलाओं द्वारा घरेलू हिंसा से जुड़ी शिकायतें इस नंबर पर दर्ज करवाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि यह सेवा 24 घंटे उपलब्ध रहेगी। सभी जिला मुख्यालयों पर आश्रय स्थल स्थापित किए गए हैं, जिनके माध्यम से पीड़ित महिला को आपातकाल प्रतिक्रिया, बचाव सेवाएं, चिकित्सा सहायता अथवा प्राथमिकी दर्ज करवाने में सहायता अथवा मनोवैज्ञानिक एवं सामाजिक समर्थन और परामर्श तथा अस्थाई आश्रय आदि सेवाएं भी प्रदान की जाएगी।
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उन्होंने बताया कि पीड़ित महिलाएं संबंधित जिला के जिला कार्यक्रम अधिकारी या बाल संरक्षण अधिकारी से इन सेवाओं का लाभ लेने के लिए संपर्क कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि अधिनियम के तहत आईसीडीएस पर्यवेक्षकों को अपने-अपने क्षेत्र के लिए संरक्षण अधिकारी घोषित किया गया है, जिनके पास पीड़ित महिलाएं शिकायतें दर्ज करवा सकती हैं।
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