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सिरमौर , 09 सितंबर [ विशाल सूद ] ! पंजाब में आई भीषण बाढ़ ने जहाँ चारों ओर तबाही मचा दी है, वहीं हिमाचल–उत्तराखंड की सीमा पर बसा पांवटा साहिब आज इंसानियत और भाईचारे की मिसाल बनकर सामने आया। ऐतिहासिक गुरुद्वारा परिसर में हुई एक ऐतिहासिक बैठक में हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई समुदाय के लोग एकजुट हुए और बाढ़ पीड़ितों की हर संभव मदद का संकल्प लिया। पांवटा साहिब में सभी धर्मों के लोग मिलकर राहत राशि इकट्ठी करेंगे।पंजाब में प्रभावित परिवारों को भेजे जाएंगे गर्म कपड़े, बच्चों की ड्रेस, किताबें और दवाइयाँ।राहत सिर्फ एक बार नहीं, बल्कि हालात सुधरने तक लगातार भेजी जाएगी। ज़रूरत पड़ी तो जेवर तक दान करेंगे सिख समाज ने कहा – “गुरु घर से सेवा का दरवाज़ा कभी बंद नहीं होता।”इंसानियत सबसे बड़ा धर्म बैठक में मौजूद सभी धर्मों के प्रतिनिधियों ने एक स्वर में कहा हमारा धर्म अलग हो सकता है, लेकिन इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है। जब तक पंजाब के लोग फिर से खड़े नहीं हो जाते, तब तक पांवटा साहिब उनकी ढाल बना रहेगा।”
सिरमौर , 09 सितंबर [ विशाल सूद ] ! पंजाब में आई भीषण बाढ़ ने जहाँ चारों ओर तबाही मचा दी है, वहीं हिमाचल–उत्तराखंड की सीमा पर बसा पांवटा साहिब आज इंसानियत और भाईचारे की मिसाल बनकर सामने आया। ऐतिहासिक गुरुद्वारा परिसर में हुई एक ऐतिहासिक बैठक में हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई समुदाय के लोग एकजुट हुए और बाढ़ पीड़ितों की हर संभव मदद का संकल्प लिया।
पांवटा साहिब में सभी धर्मों के लोग मिलकर राहत राशि इकट्ठी करेंगे।पंजाब में प्रभावित परिवारों को भेजे जाएंगे गर्म कपड़े, बच्चों की ड्रेस, किताबें और दवाइयाँ।राहत सिर्फ एक बार नहीं, बल्कि हालात सुधरने तक लगातार भेजी जाएगी।
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ज़रूरत पड़ी तो जेवर तक दान करेंगे सिख समाज ने कहा – “गुरु घर से सेवा का दरवाज़ा कभी बंद नहीं होता।”इंसानियत सबसे बड़ा धर्म
बैठक में मौजूद सभी धर्मों के प्रतिनिधियों ने एक स्वर में कहा हमारा धर्म अलग हो सकता है, लेकिन इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है। जब तक पंजाब के लोग फिर से खड़े नहीं हो जाते, तब तक पांवटा साहिब उनकी ढाल बना रहेगा।”
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