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शिमला , 03 जुलाई [ विशाल सूद ] ! सेना प्रशिक्षण कमान (आरट्रैक) अलंकरण समारोह 2025 का आयोजन शिमला में किया गया। सेना प्रशिक्षण कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी), लेफ्टिनेंट जनरल देवेंद्र शर्मा, पीवीएसएम, एवीएसएम, एसएम ने समारोह की अध्यक्षता की। इस भव्य समारोह के दौरान, प्रशिक्षण वर्ष 2023-24 के लिए प्रतिष्ठानों और व्यक्तियों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया। लेफ्टिनेंट जनरल देवेंद्र शर्मा ने कहा कि नए दौर में युद्ध के तरीके बदल गए हैं। अब युद्ध में ड्रोन जैसी तकनीकों का इस्तेमाल हो रहा है। 2027 तक आरट्रैक ड्रोन सहित 33 नई तकनीकों का परीक्षण अपने जवानों को देगा। जिसके लिए 15 प्रमुख प्रशिक्षण प्रतिष्ठान विशेषज्ञता के केंद्र के रूप में विकसित किए जा रहे हैं। आधुनिकीकरण पर जोर देते हुए आरट्रैक संसाधन प्रबंधन के तहत 57 नई पहल की हैं। इस बुनियादी ढांचे के विकास और प्रशिक्षण में 390 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी। उन्होंने बताया कि आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए आरट्रैक ने वर्ष 2024-25 में 18,000 कर्मियों को प्रशिक्षित दिया गया है, जबकि वर्ष 2025-26 में 21 12,000 कर्मियों को प्रशिक्षित करने की योजना है। ये सभी पहल भारतीय सेना को 'भविष्य के लिए तैयार सेना' में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। लेफ्टिनेंट जनरल शर्मा ने देश के सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका का विशेष उल्लेख किया, उन्होंने बताया कि 1800 से अधिक महिलाएं भारतीय सेना में विभिन्न रैंक और क्षेत्र में गर्व से सेवा कर रही हैं। तीन श्रेणी 'ए' प्रतिष्ठानों और श्रेणी 'ए' प्रतिष्ठानों से संबद्ध दो इकाइयों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रतिष्ठित 'जीओसी-इन-सी सेना प्रशिक्षण कमान इकाई प्रशस्ति पत्र' से सम्मानित किया गया।
शिमला , 03 जुलाई [ विशाल सूद ] ! सेना प्रशिक्षण कमान (आरट्रैक) अलंकरण समारोह 2025 का आयोजन शिमला में किया गया। सेना प्रशिक्षण कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी), लेफ्टिनेंट जनरल देवेंद्र शर्मा, पीवीएसएम, एवीएसएम, एसएम ने समारोह की अध्यक्षता की। इस भव्य समारोह के दौरान, प्रशिक्षण वर्ष 2023-24 के लिए प्रतिष्ठानों और व्यक्तियों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया।
लेफ्टिनेंट जनरल देवेंद्र शर्मा ने कहा कि नए दौर में युद्ध के तरीके बदल गए हैं। अब युद्ध में ड्रोन जैसी तकनीकों का इस्तेमाल हो रहा है। 2027 तक आरट्रैक ड्रोन सहित 33 नई तकनीकों का परीक्षण अपने जवानों को देगा। जिसके लिए 15 प्रमुख प्रशिक्षण प्रतिष्ठान विशेषज्ञता के केंद्र के रूप में विकसित किए जा रहे हैं।
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आधुनिकीकरण पर जोर देते हुए आरट्रैक संसाधन प्रबंधन के तहत 57 नई पहल की हैं। इस बुनियादी ढांचे के विकास और प्रशिक्षण में 390 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी। उन्होंने बताया कि आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए आरट्रैक ने वर्ष 2024-25 में 18,000 कर्मियों को प्रशिक्षित दिया गया है, जबकि वर्ष 2025-26 में 21 12,000 कर्मियों को प्रशिक्षित करने की योजना है। ये सभी पहल भारतीय सेना को 'भविष्य के लिए तैयार सेना' में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। लेफ्टिनेंट जनरल शर्मा ने देश के सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका का विशेष उल्लेख किया, उन्होंने बताया कि 1800 से अधिक महिलाएं भारतीय सेना में विभिन्न रैंक और क्षेत्र में गर्व से सेवा कर रही हैं।
तीन श्रेणी 'ए' प्रतिष्ठानों और श्रेणी 'ए' प्रतिष्ठानों से संबद्ध दो इकाइयों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रतिष्ठित 'जीओसी-इन-सी सेना प्रशिक्षण कमान इकाई प्रशस्ति पत्र' से सम्मानित किया गया।
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