- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला , 13 नवंबर [ शिवानी ] ! आज दिनांक 13/11/2025को एसएफआई संजौली इकाई का 38वा सम्मेलन संपन्न हुआ। जिसमें 19 सदस्य कमेटी तथा 7 सदस्य सचिवालय का गठन किया गया, विकास शर्मा को अध्यक्ष और अखिल मांटा को सचिव चुना गया। सम्मेलन का उद्घाटन राज्य सह सचिव कमल शर्मा ने किया , उद्घाटन भाषण में उन्होंने कहा कि आज छात्र राजनीति पर जो हमले किए जा रहे है उसके खिलाफ छात्र समुदाय को लामबंद करने की जरूरत है और उन्होंने अंतराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक परिस्थिति से अवगत कराते हुए कहा कि किस प्रकार आज शिक्षा , रोजगार और वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर दक्षिण पंथ सरकारें हमला कर रही है।इस सम्मेलन में शिमला जिला अध्यक्ष विवेक नेहरा, शिमला शहर के सचिव अंशुल मिन्हास भी उपस्थित रहे। सम्मेलन के समक्ष शहरी अध्यक्ष प्रवेश शर्मा ने अवलोकन करते हुए कहा , कि बीते वर्ष में संगठन ने किस प्रकार से कठिनाइयों का सामना करते हुए आंदोलन को आगे बढ़ाया है और छात्र राजनीति की एहमियत को लेकर सम्मेलन में आए सभी प्रतिनिधियों को अवगत कराया। उन्हें कहा कि देश में आज सरकारी शिक्षा , रोजगार पर भाजपा सरकार लगातार हमले कर रही है जिसके खिलाफ छात्र समुदाय को लामबंद करने की आवश्यकता है। आगे बात रखते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह से अमेरिकी पूँजीवाद ने इस अवधि में 'राज्य पूँजीवाद' की ओर मोड़ लिया, जहाँ सरकार रणनीतिक उद्योगों (जैसे रक्षा और प्रौद्योगिकी) में हस्तक्षेप बढ़ा रही है। ट्रंप के टैरिफ नीतियों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को अराजकता में डाल दिया, जिससे स्टॉक बाजारों में ऐतिहासिक गिरावट आई और व्यापार युद्ध तेज हुए। यह 'प्राधिकारवादी पूँजीवाद' का उदय दर्शाता है, जो शांति के बजाय लाभ को प्राथमिकता देता है। फिलिस्तीन में, अमेरिकी सहायता ने इजरायल को 'अजेय' बनाया, जो पूँजीवादी हितों (तेल और हथियार बाजार) की रक्षा करती हैl यूक्रेन में, मिसाइल अनुमति ने हथियार उद्योग को फायदा पहुँचाया, लेकिन युद्ध को लंबा किया। वैश्विक स्तर पर, अमेरिकी वर्चस्व का पतन तेज हो रहा है—बहुध्रुवीय दुनिया में फिस्कल संकट और व्यापार युद्ध असमानता बढ़ा रहे हैं।आलोचना यह है कि यह पूँजीवाद 'पुराना और अन्यायपूर्ण' है, जो संकटों को लाभ में बदल देता है, जबकि विकासशील देश पीड़ित होते हैं। अंत में नव निर्वाचित अध्यक्ष विकास ने कहा कि आने वाले समय में संगठन संजौली इकाई के अंदर छात्र मांगो को लेकर आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए भरसक प्रयास करेगा और छात्र समुदाय की आवाज़ को बुलंद करेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अंदर पिछले ग्यारह साल से छात्र संघ चुनाव नहीं हुए , छात्र संघ चुनाव की बहाली के लिए आंदोलन करना संगठनों का प्राथमिक कार्य होगा।।
शिमला , 13 नवंबर [ शिवानी ] ! आज दिनांक 13/11/2025
को एसएफआई संजौली इकाई का 38वा सम्मेलन संपन्न हुआ। जिसमें 19 सदस्य कमेटी तथा 7 सदस्य सचिवालय का गठन किया गया, विकास शर्मा को अध्यक्ष और अखिल मांटा को सचिव चुना गया।
सम्मेलन का उद्घाटन राज्य सह सचिव कमल शर्मा ने किया , उद्घाटन भाषण में उन्होंने कहा कि आज छात्र राजनीति पर जो हमले किए जा रहे है उसके खिलाफ छात्र समुदाय को लामबंद करने की जरूरत है और उन्होंने अंतराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक परिस्थिति से अवगत कराते हुए कहा कि किस प्रकार आज शिक्षा , रोजगार और वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर दक्षिण पंथ सरकारें हमला कर रही है।
इस सम्मेलन में शिमला जिला अध्यक्ष विवेक नेहरा, शिमला शहर के सचिव अंशुल मिन्हास भी उपस्थित रहे।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
सम्मेलन के समक्ष शहरी अध्यक्ष प्रवेश शर्मा ने अवलोकन करते हुए कहा , कि बीते वर्ष में संगठन ने किस प्रकार से कठिनाइयों का सामना करते हुए आंदोलन को आगे बढ़ाया है और छात्र राजनीति की एहमियत को लेकर सम्मेलन में आए सभी प्रतिनिधियों को अवगत कराया। उन्हें कहा कि देश में आज सरकारी शिक्षा , रोजगार पर भाजपा सरकार लगातार हमले कर रही है जिसके खिलाफ छात्र समुदाय को लामबंद करने की आवश्यकता है।
आगे बात रखते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह से अमेरिकी पूँजीवाद ने इस अवधि में 'राज्य पूँजीवाद' की ओर मोड़ लिया, जहाँ सरकार रणनीतिक उद्योगों (जैसे रक्षा और प्रौद्योगिकी) में हस्तक्षेप बढ़ा रही है। ट्रंप के टैरिफ नीतियों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को अराजकता में डाल दिया, जिससे स्टॉक बाजारों में ऐतिहासिक गिरावट आई और व्यापार युद्ध तेज हुए। यह 'प्राधिकारवादी पूँजीवाद' का उदय दर्शाता है, जो शांति के बजाय लाभ को प्राथमिकता देता है।
फिलिस्तीन में, अमेरिकी सहायता ने इजरायल को 'अजेय' बनाया, जो पूँजीवादी हितों (तेल और हथियार बाजार) की रक्षा करती हैl यूक्रेन में, मिसाइल अनुमति ने हथियार उद्योग को फायदा पहुँचाया, लेकिन युद्ध को लंबा किया। वैश्विक स्तर पर, अमेरिकी वर्चस्व का पतन तेज हो रहा है—बहुध्रुवीय दुनिया में फिस्कल संकट और व्यापार युद्ध असमानता बढ़ा रहे हैं।आलोचना यह है कि यह पूँजीवाद 'पुराना और अन्यायपूर्ण' है, जो संकटों को लाभ में बदल देता है, जबकि विकासशील देश पीड़ित होते हैं।
अंत में नव निर्वाचित अध्यक्ष विकास ने कहा कि आने वाले समय में संगठन संजौली इकाई के अंदर छात्र मांगो को लेकर आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए भरसक प्रयास करेगा और छात्र समुदाय की आवाज़ को बुलंद करेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अंदर पिछले ग्यारह साल से छात्र संघ चुनाव नहीं हुए , छात्र संघ चुनाव की बहाली के लिए आंदोलन करना संगठनों का प्राथमिक कार्य होगा।।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -