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चम्बा ! हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास निगम के माध्यम से 2 से लेकर 10 प्रतिशत तक की ब्याज दरों पर कई योजनाओं के तहत लाभ लिया जा सकता है। सरकारी प्रवक्ता ने आज यहां जानकारी देते हुए बताया कि पात्र व्यक्ति स्वरोजगार और महिला सशक्तिकरण से जुड़ी योजनाओं के तहत कम ब्याज दरों पर ऋण हासिल करके अपना आर्थिक स्वावलंबन सुनिश्चित कर सकते हैं। अनुसूचित जनजाति के लिए हिम स्वावलंबन योजना में 10 लाख तक का ऋण लिया जा सकता है। पात्र व्यक्ति की वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्र में 98, 000 जबकि शहरी क्षेत्र में 1 लाख 20 हजार रुपए होनी चाहिए। 5 लाख तक के ऋण पर 6 प्रतिशत जबकि 5 लाख से अधिक की ऋण राशि के लिए 8 प्रतिशत ब्याज दर रहती है। निगम अनुसूचित जाति के लिए भी हिम स्वावलंबन योजना चला रहा है। जिसके तहत 50 लाख तक का ऋण लिया जा सकता है। आय सीमा 3 लाख तय की गई है। 5 लाख तक के ऋण पर 6 प्रतिशत, 5 से 10 लाख तक के ऋण पर 8 प्रतिशत , 10 से 20 लाख तक के ऋण पर 9 प्रतिशत जबकि 20 लाख से लेकर 50 लाख तक के ऋण पर 10 प्रतिशत ब्याज दर रहती है। निगम की शिक्षा ऋण योजना के तहत डेढ़ लाख तक का शिक्षा ऋण भी मिलता है । अनुसूचित जाति और जनजाति से संबंधित पात्र व्यक्तियों को 75, 000 तक का ब्याज मुक्त ऋण जबकि उससे अधिक यानी डेढ़ लाख तक की ऋण राशि पर 4 प्रतिशत ब्याज दर रहती है। निगम अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए स्वरोजगार की दो योजनाएं चला रहा है। पहली योजना के तहत 50, 000 तक का ऋण लिया जा सकता है । जिसके लिए ब्याज दर 4 प्रतिशत है। इसमें 10, 000 रुपए का पूंजी अनुदान भी शामिल रहेगा। दूसरी योजना में 50,000 तक की ऋण राशि के लिए 6 प्रतिशत ब्याज दर निश्चित की गई है । इन योजनाओं के लिए आईआरडीपी, बीपीएल या वह परिवार जिनकी वार्षिक आय 35, 000 रुपए है पात्र रहेंगे। इसी पात्रता के साथ हस्तशिल्प विकास योजना में भी 15, 000 का ऋण 2 प्रतिशत ब्याज दर पर उपलब्ध करवाया जाता है। लघु व्यवसाय ऋण योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 3 लाख तक का ऋण प्राप्त किया जा सकता है। ब्याज दर 6 प्रतिशत रहती है। अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए निगम द्वारा आदिवासी महिला सशक्तिकरण योजना चलाई गई है। योजना के तहत 50, 000 तक का ऋण लिया जा सकता है । योजना के लिए आईआरडीपी, बीपीएल या वह परिवार जिनकी वार्षिक आय 35,000 रुपए है पात्र रहेंगे। इस योजना में भी ब्याज दर 4 प्रतिशत है। इन योजनाओं के अलावा लघु व्यवसाय ऋण योजना, अंबेडकर लघु ऋण योजना और लघु विक्रय केंद्र योजना के तहत भी ऋण सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है। दलित वर्ग व्यवसायिक प्रशिक्षण योजना के तहत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए 500 से लेकर 700 रुपए प्रति माह की दर से वजीफा भी दिया जाता है।आईआरडीपी, बीपीएल या वह परिवार जिनकी वार्षिक आय 35,000 रुपए है इसके लिए पात्र रहेंगे । अधिक जानकारी के लिए चंबा जिला मुख्यालय पर स्थित अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास निगम के मुख्य कार्यालय से भी संपर्क किया जा सकता है।
चम्बा ! हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास निगम के माध्यम से 2 से लेकर 10 प्रतिशत तक की ब्याज दरों पर कई योजनाओं के तहत लाभ लिया जा सकता है। सरकारी प्रवक्ता ने आज यहां जानकारी देते हुए बताया कि पात्र व्यक्ति स्वरोजगार और महिला सशक्तिकरण से जुड़ी योजनाओं के तहत कम ब्याज दरों पर ऋण हासिल करके अपना आर्थिक स्वावलंबन सुनिश्चित कर सकते हैं। अनुसूचित जनजाति के लिए हिम स्वावलंबन योजना में 10 लाख तक का ऋण लिया जा सकता है। पात्र व्यक्ति की वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्र में 98, 000 जबकि शहरी क्षेत्र में 1 लाख 20 हजार रुपए होनी चाहिए। 5 लाख तक के ऋण पर 6 प्रतिशत जबकि 5 लाख से अधिक की ऋण राशि के लिए 8 प्रतिशत ब्याज दर रहती है। निगम अनुसूचित जाति के लिए भी हिम स्वावलंबन योजना चला रहा है। जिसके तहत 50 लाख तक का ऋण लिया जा सकता है। आय सीमा 3 लाख तय की गई है। 5 लाख तक के ऋण पर 6 प्रतिशत, 5 से 10 लाख तक के ऋण पर 8 प्रतिशत , 10 से 20 लाख तक के ऋण पर 9 प्रतिशत जबकि 20 लाख से लेकर 50 लाख तक के ऋण पर 10 प्रतिशत ब्याज दर रहती है। निगम की शिक्षा ऋण योजना के तहत डेढ़ लाख तक का शिक्षा ऋण भी मिलता है । अनुसूचित जाति और जनजाति से संबंधित पात्र व्यक्तियों को 75, 000 तक का ब्याज मुक्त ऋण जबकि उससे अधिक यानी डेढ़ लाख तक की ऋण राशि पर 4 प्रतिशत ब्याज दर रहती है। निगम अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए स्वरोजगार की दो योजनाएं चला रहा है।
पहली योजना के तहत 50, 000 तक का ऋण लिया जा सकता है । जिसके लिए ब्याज दर 4 प्रतिशत है। इसमें 10, 000 रुपए का पूंजी अनुदान भी शामिल रहेगा। दूसरी योजना में 50,000 तक की ऋण राशि के लिए 6 प्रतिशत ब्याज दर निश्चित की गई है । इन योजनाओं के लिए आईआरडीपी, बीपीएल या वह परिवार जिनकी वार्षिक आय 35, 000 रुपए है पात्र रहेंगे। इसी पात्रता के साथ हस्तशिल्प विकास योजना में भी 15, 000 का ऋण 2 प्रतिशत ब्याज दर पर उपलब्ध करवाया जाता है। लघु व्यवसाय ऋण योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 3 लाख तक का ऋण प्राप्त किया जा सकता है। ब्याज दर 6 प्रतिशत रहती है। अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए निगम द्वारा आदिवासी महिला सशक्तिकरण योजना चलाई गई है। योजना के तहत 50, 000 तक का ऋण लिया जा सकता है । योजना के लिए आईआरडीपी, बीपीएल या वह परिवार जिनकी वार्षिक आय 35,000 रुपए है पात्र रहेंगे। इस योजना में भी ब्याज दर 4 प्रतिशत है। इन योजनाओं के अलावा लघु व्यवसाय ऋण योजना, अंबेडकर लघु ऋण योजना और लघु विक्रय केंद्र योजना के तहत भी ऋण सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है। दलित वर्ग व्यवसायिक प्रशिक्षण योजना के तहत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए 500 से लेकर 700 रुपए प्रति माह की दर से वजीफा भी दिया जाता है।आईआरडीपी, बीपीएल या वह परिवार जिनकी वार्षिक आय 35,000 रुपए है इसके लिए पात्र रहेंगे । अधिक जानकारी के लिए चंबा जिला मुख्यालय पर स्थित अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास निगम के मुख्य कार्यालय से भी संपर्क किया जा सकता है।
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