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ऊना , 06 जून [ विशाल सूद ] ! कुटलैहड़ के ऐतिहासिक जिला स्तरीय पिपलू मेले के दूसरे दिन हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बतौर मुख्य अतिथि भाग लेकर आयोजन की गरिमा को नई ऊंचाई दी। उन्होंने श्री नरसिंह देव मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की। इस दौरान कुटलैहड़ के विधायक विवेक शर्मा और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती मृदु शर्मा भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में चिंतपूर्णी के विधायक श सुदर्शन सिंह बबलू तथा पूर्व विधायक गणेश दत्त बरवाल विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए।जाये पठानिया ने अपने संबोधन में कहा कि पिपलू मेला न केवल हमारी सांस्कृतिक विरासत का प्रतिबिंब है, बल्कि यह हिमाचल की सामाजिक एकता, धार्मिक आस्था और सामूहिक चेतना का उत्सव भी है। उन्होंने सरकार द्वारा मेले को राज्यस्तरीय दर्जा प्रदान करने के निर्णय की प्रशंसा करते हुए इसे लोक संस्कृति को संरक्षण देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने हिमाचल को समृद्ध संस्कृति का दर्पण बताते हुए कहा कि हिमाचल केवल देवभूमि ही नहीं बल्कि वीरभूमि भी है। यहां की जनता धार्मिक मूल्यों से जुड़ी है और जब भी देश को ज़रूरत पड़ी, प्रदेश के जवानों ने आगे बढ़कर बलिदान दिया। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में शहीद हुए कांगड़ा के जवान को श्रद्धांजलि देते हुए उनके सर्वोच्च बलिदान का जिक्र किया। पठानिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश संसाधनों से समृद्ध है, लेकिन उन पर राज्य का पूर्ण अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि वे हर फोरम पर इस बात को उठ रहे हैं कि हिमाचल में संसाधन तो अपने हैं पर उन पर अपना अधिकार नहीं है । इसमें केंद्र की ओर से समानुपातिक हिस्सा प्रदेश को मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि इस विषय पर में राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा, इसमें लोकतंत्र की मजबूती, संसाधनों पर राज्यों के अधिकार, दल-बदल कानून को अधिक कड़ा बनाने और मूल्य आधारित राजनीति जैसे अहम विषयों पर व्यापक विमर्श किया जाएगा।
ऊना , 06 जून [ विशाल सूद ] ! कुटलैहड़ के ऐतिहासिक जिला स्तरीय पिपलू मेले के दूसरे दिन हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बतौर मुख्य अतिथि भाग लेकर आयोजन की गरिमा को नई ऊंचाई दी। उन्होंने श्री नरसिंह देव मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की। इस दौरान कुटलैहड़ के विधायक विवेक शर्मा और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती मृदु शर्मा भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में चिंतपूर्णी के विधायक श सुदर्शन सिंह बबलू तथा पूर्व विधायक गणेश दत्त बरवाल विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए।जाये पठानिया ने अपने संबोधन में कहा कि पिपलू मेला न केवल हमारी सांस्कृतिक विरासत का प्रतिबिंब है, बल्कि यह हिमाचल की सामाजिक एकता, धार्मिक आस्था और सामूहिक चेतना का उत्सव भी है। उन्होंने सरकार द्वारा मेले को राज्यस्तरीय दर्जा प्रदान करने के निर्णय की प्रशंसा करते हुए इसे लोक संस्कृति को संरक्षण देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।
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उन्होंने हिमाचल को समृद्ध संस्कृति का दर्पण बताते हुए कहा कि हिमाचल केवल देवभूमि ही नहीं बल्कि वीरभूमि भी है। यहां की जनता धार्मिक मूल्यों से जुड़ी है और जब भी देश को ज़रूरत पड़ी, प्रदेश के जवानों ने आगे बढ़कर बलिदान दिया। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में शहीद हुए कांगड़ा के जवान को श्रद्धांजलि देते हुए उनके सर्वोच्च बलिदान का जिक्र किया।
पठानिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश संसाधनों से समृद्ध है, लेकिन उन पर राज्य का पूर्ण अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि वे हर फोरम पर इस बात को उठ रहे हैं कि हिमाचल में संसाधन तो अपने हैं पर उन पर अपना अधिकार नहीं है । इसमें केंद्र की ओर से समानुपातिक हिस्सा प्रदेश को मिलना चाहिए।
उन्होंने बताया कि इस विषय पर में राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा, इसमें लोकतंत्र की मजबूती, संसाधनों पर राज्यों के अधिकार, दल-बदल कानून को अधिक कड़ा बनाने और मूल्य आधारित राजनीति जैसे अहम विषयों पर व्यापक विमर्श किया जाएगा।
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