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शिमला ! हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं की वोटर लिस्ट तैयार करने में बरती गई लापरवाही पर राज्य चुनाव आयोग ने सख्त कदम उठाया है। आयोग ने एक पंचायत इंस्पेक्टर, एक पंचायत सब इंस्पेक्टर और सात पंचायत सचिवों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इनमें भरमौर खंड के तहत तीन और निहरी खंड के तहत चार पंचायत सचिव शामिल हैं। इसके साथ ही आयोग ने निहरी और भरमौर के खंड विकास अधिकारियों (BDO) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और 25 अक्टूबर तक जवाब देने के निर्देश दिए हैं। यह कार्रवाई चुनावी कार्यों में ढिलाई बरतने और दिशा-निर्देशों की अवहेलना के आरोपों के आधार पर की गई है। निलंबन अवधि के दौरान संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को जिला पंचायत अधिकारी (DPO) कार्यालय में तैनात किया गया है। राज्य निर्वाचन आयुक्त अनिल खाची ने कहा, “वोटर लिस्ट में अनियमितताएं सामने आने के बाद यह कार्रवाई की गई है। भविष्य में इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। *Lपुराने प्रारूप से बनी नई वोटर लिस्ट ने खोली पोल ग्राम सभा में जांच के दौरान सामने आई गलती, 2022 का प्रारूप निकला सक्रियराज्य निर्वाचन आयोग, केंद्रीय चुनाव आयोग (ECI) की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट को आधार बनाकर पंचायत चुनावों के लिए सूची तैयार करता है। फाइनल वोटर लिस्ट जारी करने से पहले यह प्रारूप ग्राम सभाओं में रखा जाता है ताकि स्थानीय लोग उसमें संभावित गलतियों की पहचान कर सकें — जैसे मृत व्यक्तियों के नाम, वार्ड परिवर्तन, नामों में त्रुटि या किसी पात्र मतदाता का नाम छूट जाना। लेकिन जांच के दौरान यह पाया गया कि ग्राम सभा में रखी गई वोटर लिस्ट का प्रारूप पुराना, यानी 2022 का संस्करण था। इस गंभीर लापरवाही को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने बीडीओ निहरी और बीडीओ भरमौर से स्पष्टीकरण मांगा है और दोनों से 25 अक्टूबर तक रिपोर्ट देने को कहा गया है।
शिमला ! हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं की वोटर लिस्ट तैयार करने में बरती गई लापरवाही पर राज्य चुनाव आयोग ने सख्त कदम उठाया है। आयोग ने एक पंचायत इंस्पेक्टर, एक पंचायत सब इंस्पेक्टर और सात पंचायत सचिवों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इनमें भरमौर खंड के तहत तीन और निहरी खंड के तहत चार पंचायत सचिव शामिल हैं।
इसके साथ ही आयोग ने निहरी और भरमौर के खंड विकास अधिकारियों (BDO) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और 25 अक्टूबर तक जवाब देने के निर्देश दिए हैं। यह कार्रवाई चुनावी कार्यों में ढिलाई बरतने और दिशा-निर्देशों की अवहेलना के आरोपों के आधार पर की गई है। निलंबन अवधि के दौरान संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को जिला पंचायत अधिकारी (DPO) कार्यालय में तैनात किया गया है।
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राज्य निर्वाचन आयुक्त अनिल खाची ने कहा, “वोटर लिस्ट में अनियमितताएं सामने आने के बाद यह कार्रवाई की गई है। भविष्य में इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
*Lपुराने प्रारूप से बनी नई वोटर लिस्ट ने खोली पोल ग्राम सभा में जांच के दौरान सामने आई गलती, 2022 का प्रारूप निकला सक्रियराज्य निर्वाचन आयोग, केंद्रीय चुनाव आयोग (ECI) की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट को आधार बनाकर पंचायत चुनावों के लिए सूची तैयार करता है। फाइनल वोटर लिस्ट जारी करने से पहले यह प्रारूप ग्राम सभाओं में रखा जाता है ताकि स्थानीय लोग उसमें संभावित गलतियों की पहचान कर सकें — जैसे मृत व्यक्तियों के नाम, वार्ड परिवर्तन, नामों में त्रुटि या किसी पात्र मतदाता का नाम छूट जाना।
लेकिन जांच के दौरान यह पाया गया कि ग्राम सभा में रखी गई वोटर लिस्ट का प्रारूप पुराना, यानी 2022 का संस्करण था। इस गंभीर लापरवाही को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने बीडीओ निहरी और बीडीओ भरमौर से स्पष्टीकरण मांगा है और दोनों से 25 अक्टूबर तक रिपोर्ट देने को कहा गया है।
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