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चम्बा , 17 ऑक्टूबर [ शिवानी ] ! आज पंडित जवाहर लाल नेहरू राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल चम्बा के सभागार हाल में ट्रामा दिवस, सीपीआर दिवस और रोड सेफटी सप्ताह का आयोजन किया गया। इस मौके पर पंडित जवाहरलाल नेहरू सरकारी मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल के प्राचार्य डाॅ पंकज गुप्ता भी विशेष रूप से मौजूद रहे। इस मौके पर पंडित जवाहरलाल नेहरू सरकारी मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल के प्राचार्य डाॅ पंकज गुप्ता ने प्रशिक्षुओं डाक्टरों को संबोधित करते हुए कहा कि 17 अक्टूबर का दिन हर साल वल्र्ड ट्रॉमा डे के रूप में मनाया जाने लगा। इस दिन को मनाने का उद्देश्य ट्रॉमा से शिकार व्यक्ति की उचित देखभाल के लिए लोगों को जागरूक करना है। किसी भी हादसे के दौरान व्यक्ति को समय पर ट्रॉमा से निकालने के महत्व को बढ़ावा देना है। डाॅ पंकज गुप्ता ने कहा कि ट्रॉमा के कारणों, लक्षणों और रोकथाम के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना ज्यादातर सड़क दुर्घटना के कारण ही ट्रॉमा के मामले सामने आते हैं, इसलिए वल्र्ड ट्रॉमा डे मनाने का मुख्य उद्देश्य सड़क सुरक्षा उपायों को बढ़ावा देना है। जैसे नशे में गाड़ी चलाने से बचना, गाड़ी चलाते समय सीट बेल्ट पहनना, ड्राइविंग के नियमों को फॉलो करना। ट्रॉमा से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से प्रभावित होता है। इसलिए, इस समस्या से पीड़ित लोगों को समर्थन देने और संसाधन उपलब्ध कराने पर जोर दिया जाता है। डाॅ पंकज गुप्ता ने यह भी कहा कि सड़क सुरक्षा नियमों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए। वाहन चलाते समय, चेतावनी चिह्नों और यातायात संकेतों पर पूरा ध्यान दें। दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनना अनिवार्य है। सड़क पर चलते समय, मोबाइल फोन और तेज संगीत जैसी विकर्षणकारी चीजों से बचें। लंबे और लगातार वाहन चलाने की स्थिति में, थोड़ा ब्रेक लेने की सलाह दी जाती है। घर और वाहन में प्राथमिक चिकित्सा सुरक्षा किट रखने का अभ्यास करें। यदि चालक थका हुआ, नशे में या नींद में हो तो वाहन नहीं चलाना चाहिए। दुर्घटनाओं को कम करने के लिए सभी वाहनों का अच्छी तरह से रखरखाव किया जाना चाहिए, ब्रेक, लाइटिंग, टायर आदि अच्छे होने चाहिए। पुराने वाहनों और अत्यधिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाना चाहिए। वाहनों में सीट बेल्ट और अन्य आवश्यक सुरक्षा प्रावधान (जैसे एयरबैग) उपलब्ध कराए जाने चाहिए।सड़कों की सतहों की बार-बार मरम्मत और सड़क सुरक्षा चिह्नों को चिह्नित करके सड़कों का अच्छी तरह से रखरखाव किया जाना चाहिए। चैराहों पर पैदल चलने वालों के लिए रास्ते और क्रॉस वॉक की व्यवस्था की जानी चाहिए। कार्यक्रम में एमबीबीएस प्रशिक्षुओं डाक्टरों के द्वारा ट्रामा दिवस, सीपीआर दिवस और रोड सेफटी पर पोस्टर बनाकर उनके बारे में लोगों को जागरूक भी किया। इस मौके पर प्रशिक्षुओं डाक्टरों को सीपीआर जागरूकता की शपथ भी दिलाई गई। इस मौके पर एमबीबीएस बैंच 2025 के 120 प्रशिक्षुओं ने इस जागरूकता कार्यक्रम में भाग लिया। इस मौके पर डाॅ संजीव ठकराल, शारीरिक अध्यापक इमरान खान और छायाकार बोधराज सहित अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।
चम्बा , 17 ऑक्टूबर [ शिवानी ] ! आज पंडित जवाहर लाल नेहरू राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल चम्बा के सभागार हाल में ट्रामा दिवस, सीपीआर दिवस और रोड सेफटी सप्ताह का आयोजन किया गया। इस मौके पर पंडित जवाहरलाल नेहरू सरकारी मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल के प्राचार्य डाॅ पंकज गुप्ता भी विशेष रूप से मौजूद रहे। इस मौके पर पंडित जवाहरलाल नेहरू सरकारी मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल के प्राचार्य डाॅ पंकज गुप्ता ने प्रशिक्षुओं डाक्टरों को संबोधित करते हुए कहा कि 17 अक्टूबर का दिन हर साल वल्र्ड ट्रॉमा डे के रूप में मनाया जाने लगा।
इस दिन को मनाने का उद्देश्य ट्रॉमा से शिकार व्यक्ति की उचित देखभाल के लिए लोगों को जागरूक करना है। किसी भी हादसे के दौरान व्यक्ति को समय पर ट्रॉमा से निकालने के महत्व को बढ़ावा देना है।
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डाॅ पंकज गुप्ता ने कहा कि ट्रॉमा के कारणों, लक्षणों और रोकथाम के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना ज्यादातर सड़क दुर्घटना के कारण ही ट्रॉमा के मामले सामने आते हैं, इसलिए वल्र्ड ट्रॉमा डे मनाने का मुख्य उद्देश्य सड़क सुरक्षा उपायों को बढ़ावा देना है। जैसे नशे में गाड़ी चलाने से बचना, गाड़ी चलाते समय सीट बेल्ट पहनना, ड्राइविंग के नियमों को फॉलो करना। ट्रॉमा से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से प्रभावित होता है।
इसलिए, इस समस्या से पीड़ित लोगों को समर्थन देने और संसाधन उपलब्ध कराने पर जोर दिया जाता है। डाॅ पंकज गुप्ता ने यह भी कहा कि सड़क सुरक्षा नियमों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए। वाहन चलाते समय, चेतावनी चिह्नों और यातायात संकेतों पर पूरा ध्यान दें। दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनना अनिवार्य है। सड़क पर चलते समय, मोबाइल फोन और तेज संगीत जैसी विकर्षणकारी चीजों से बचें।
लंबे और लगातार वाहन चलाने की स्थिति में, थोड़ा ब्रेक लेने की सलाह दी जाती है। घर और वाहन में प्राथमिक चिकित्सा सुरक्षा किट रखने का अभ्यास करें। यदि चालक थका हुआ, नशे में या नींद में हो तो वाहन नहीं चलाना चाहिए। दुर्घटनाओं को कम करने के लिए सभी वाहनों का अच्छी तरह से रखरखाव किया जाना चाहिए, ब्रेक, लाइटिंग, टायर आदि अच्छे होने चाहिए।
पुराने वाहनों और अत्यधिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाना चाहिए। वाहनों में सीट बेल्ट और अन्य आवश्यक सुरक्षा प्रावधान (जैसे एयरबैग) उपलब्ध कराए जाने चाहिए।सड़कों की सतहों की बार-बार मरम्मत और सड़क सुरक्षा चिह्नों को चिह्नित करके सड़कों का अच्छी तरह से रखरखाव किया जाना चाहिए। चैराहों पर पैदल चलने वालों के लिए रास्ते और क्रॉस वॉक की व्यवस्था की जानी चाहिए।
कार्यक्रम में एमबीबीएस प्रशिक्षुओं डाक्टरों के द्वारा ट्रामा दिवस, सीपीआर दिवस और रोड सेफटी पर पोस्टर बनाकर उनके बारे में लोगों को जागरूक भी किया। इस मौके पर प्रशिक्षुओं डाक्टरों को सीपीआर जागरूकता की शपथ भी दिलाई गई। इस मौके पर एमबीबीएस बैंच 2025 के 120 प्रशिक्षुओं ने इस जागरूकता कार्यक्रम में भाग लिया। इस मौके पर डाॅ संजीव ठकराल, शारीरिक अध्यापक इमरान खान और छायाकार बोधराज सहित अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।
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