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धर्मशाला: 15 अक्टूबर [ विशाल सूद ] ! भारतीय जनता पार्टी, हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ प्रवक्ता, श्री त्रिलोक कपूर ने आज एक प्रेस नोट जारी करते हुए स्पष्ट किया कि 2023 की विनाशकारी मानसून आपदाओं के बाद, केंद्र की प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने हिमाचल प्रदेश को रिकॉर्ड सहायता राशि जारी की है, जिससे कांग्रेस की राज्य सरकार का 'केंद्र ने मदद नहीं की' का झूठा प्रचार पूरी तरह ध्वस्त हो गया है। श्री कपूर ने कहा, "यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब हिमाचल प्रदेश के लोग प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहे थे, तो राज्य की कांग्रेस सरकार सस्ती राजनीति में लिप्त थी और केंद्र सरकार पर मदद न करने का निराधार आरोप लगा रही थी। आज यह स्पष्ट हो गया है कि केंद्र ने न केवल पर्याप्त सहायता भेजी, बल्कि पोस्ट डिजास्टर नीड्स असेसमेंट (PDNA) के वैज्ञानिक और पारदर्शी प्रक्रिया के आधार पर यह राशि जारी की गई है।" पीडीएनए के तहत रिकॉर्ड केंद्रीय सहायता: श्री कपूर ने पुष्टि की कि केंद्र सरकार ने पीडीएनए के आधार पर हिमाचल प्रदेश को कुल लगभग ₹3,190 करोड़ की भारी-भरकम केंद्रीय सहायता प्रदान की है। इसमें से, नवंबर 2023 में ₹494.41 करोड़ की राशि विशेष रूप से जारी की गई है। विकास कार्यों में केंद्र का पैसा, श्रेय लेने में हिमाचल सरकार: "हिमाचल सरकार अपनी वित्तीय कुप्रबंधन के कारण विकास कार्य ठप्प कर चुकी थी। सड़कों, पुलों और अन्य बुनियादी ढांचों के पुनर्निर्माण को गति देने वाला यह सारा पैसा सीधे केंद्र सरकार से 'पीडीएनए 2023' फंड के नाम से आया है," श्री कपूर ने कहा। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि बीड़ से बरोट के रास्ते में लगभग डेढ़ करोड़ और ग्वालटिक्कर से महेश गड के लिए लगभग ₹1 करोड़ सहित ऐसे कई टेंडर इसी केंद्रीय फंड से लगे हैं। उन्होंने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार भारत सरकार के फंड से हो रहे विकास कार्यों का श्रेय लेने का निरर्थक प्रयास कर रही है। पारदर्शिता पर सवाल: 5 लाख तक के टेंडर ऑफलाइन क्यों? श्री कपूर ने कांग्रेस सरकार पर पारदर्शिता को लेकर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, "कांग्रेस सरकार ने शुरू में ₹1 लाख से ऊपर के टेंडर ऑनलाइन करने का दावा किया था, लेकिन अब केंद्रीय सहायता आने के बाद, अचानक ₹5 लाख तक के टेंडर फिर से ऑफलाइन शुरू कर दिए गए हैं। यह कदम साफ दर्शाता है कि सरकार अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने की मंशा रखती है।" भ्रष्टाचार पर चेतावनी: भाजपा प्रवक्ता ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा, "केंद्र सरकार द्वारा आपदा राहत के लिए भेजा गया यह पैसा हिमाचल के लोगों का हक है। हम इस फंड में किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे और इसके वितरण तथा उपयोग की निगरानी और ऑडिट सुनिश्चित करने के लिए हर स्तर पर दबाव बनाएंगे। पीडीएनए का उद्देश्य त्वरित और पारदर्शी पुनर्निर्माण है, जिसे कांग्रेस सरकार अपनी नीतियों से बाधित न करे।" श्री कपूर ने अंत में कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार 'सबका साथ, सबका विकास' के मंत्र पर काम करती है और हिमाचल की जनता के साथ खड़ी है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वह राजनीतिक बयानबाजी छोड़कर, ईमानदारी और पारदर्शिता से केंद्र से मिली इस विशाल सहायता राशि का उपयोग पुनर्निर्माण कार्यों को युद्धस्तर पर पूरा करने में करें।
धर्मशाला: 15 अक्टूबर [ विशाल सूद ] ! भारतीय जनता पार्टी, हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ प्रवक्ता, श्री त्रिलोक कपूर ने आज एक प्रेस नोट जारी करते हुए स्पष्ट किया कि 2023 की विनाशकारी मानसून आपदाओं के बाद, केंद्र की प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने हिमाचल प्रदेश को रिकॉर्ड सहायता राशि जारी की है, जिससे कांग्रेस की राज्य सरकार का 'केंद्र ने मदद नहीं की' का झूठा प्रचार पूरी तरह ध्वस्त हो गया है।
श्री कपूर ने कहा, "यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब हिमाचल प्रदेश के लोग प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहे थे, तो राज्य की कांग्रेस सरकार सस्ती राजनीति में लिप्त थी और केंद्र सरकार पर मदद न करने का निराधार आरोप लगा रही थी। आज यह स्पष्ट हो गया है कि केंद्र ने न केवल पर्याप्त सहायता भेजी, बल्कि पोस्ट डिजास्टर नीड्स असेसमेंट (PDNA) के वैज्ञानिक और पारदर्शी प्रक्रिया के आधार पर यह राशि जारी की गई है।"
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पीडीएनए के तहत रिकॉर्ड केंद्रीय सहायता: श्री कपूर ने पुष्टि की कि केंद्र सरकार ने पीडीएनए के आधार पर हिमाचल प्रदेश को कुल लगभग ₹3,190 करोड़ की भारी-भरकम केंद्रीय सहायता प्रदान की है। इसमें से, नवंबर 2023 में ₹494.41 करोड़ की राशि विशेष रूप से जारी की गई है।
विकास कार्यों में केंद्र का पैसा, श्रेय लेने में हिमाचल सरकार: "हिमाचल सरकार अपनी वित्तीय कुप्रबंधन के कारण विकास कार्य ठप्प कर चुकी थी। सड़कों, पुलों और अन्य बुनियादी ढांचों के पुनर्निर्माण को गति देने वाला यह सारा पैसा सीधे केंद्र सरकार से 'पीडीएनए 2023' फंड के नाम से आया है," श्री कपूर ने कहा। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि बीड़ से बरोट के रास्ते में लगभग डेढ़ करोड़ और ग्वालटिक्कर से महेश गड के लिए लगभग ₹1 करोड़ सहित ऐसे कई टेंडर इसी केंद्रीय फंड से लगे हैं। उन्होंने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार भारत सरकार के फंड से हो रहे विकास कार्यों का श्रेय लेने का निरर्थक प्रयास कर रही है।
पारदर्शिता पर सवाल: 5 लाख तक के टेंडर ऑफलाइन क्यों? श्री कपूर ने कांग्रेस सरकार पर पारदर्शिता को लेकर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, "कांग्रेस सरकार ने शुरू में ₹1 लाख से ऊपर के टेंडर ऑनलाइन करने का दावा किया था, लेकिन अब केंद्रीय सहायता आने के बाद, अचानक ₹5 लाख तक के टेंडर फिर से ऑफलाइन शुरू कर दिए गए हैं। यह कदम साफ दर्शाता है कि सरकार अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने की मंशा रखती है।"
भ्रष्टाचार पर चेतावनी: भाजपा प्रवक्ता ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा, "केंद्र सरकार द्वारा आपदा राहत के लिए भेजा गया यह पैसा हिमाचल के लोगों का हक है। हम इस फंड में किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे और इसके वितरण तथा उपयोग की निगरानी और ऑडिट सुनिश्चित करने के लिए हर स्तर पर दबाव बनाएंगे। पीडीएनए का उद्देश्य त्वरित और पारदर्शी पुनर्निर्माण है, जिसे कांग्रेस सरकार अपनी नीतियों से बाधित न करे।"
श्री कपूर ने अंत में कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार 'सबका साथ, सबका विकास' के मंत्र पर काम करती है और हिमाचल की जनता के साथ खड़ी है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वह राजनीतिक बयानबाजी छोड़कर, ईमानदारी और पारदर्शिता से केंद्र से मिली इस विशाल सहायता राशि का उपयोग पुनर्निर्माण कार्यों को युद्धस्तर पर पूरा करने में करें।
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