बोले अपने लिए माननीयों के पास पैसा ही पैसा, जनता के लिए आर्थिक तंगी, एरियर, डीए और मेडिकल बिलों का नहीं हो रहा भुगतान
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शिमला , 17 ऑक्टूबर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश के पेंशनरों ने लंबित वित्तीय देनदारियों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शिमला में पेंशनर संयुक्त संघर्ष समिति ने एरियर, डीए और मेडिकल बिलों का भुगतान न होने पर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और चेताया कि अगर उनके अधिकार शीघ्र नहीं दिए तो सरकार को इसके परिणाम चुनाव में भुगतने पड़ेंगे। हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों और पेंशनरों का सरकार बनाने में बड़ा योगदान रहता है ऐसे में सुक्खू सरकार को इनकी अनदेखी भारी पड़ेगी। पेंशनरों का कहना है कि उम्र के इस पड़ाव ने उन्हें अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरना पड़ रहा है जबकि आज से पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था। दो दिन पहले 3 फ़ीसदी डीए सरकार ने दिया है जबकि 16 फीसदी लंबित था। इसमें में चार फीसदी की किस्त जारी की जानी चाहिए थी लेकिन एक फीसदी का इसमें सरकार ने झोल कर दिया। छठे पे कमीशन का एरियर 2016 से लंबित है और जनवरी 2026 में नया वेतनमान आने वाला है। मेडिकल बिलों का वर्षो से भुगतान न होने से पेंशनरों को बिना ईलाज रहना पड़ रहा है कई पेंशनर्ज बिना ईलाज के मर भी चुके हैं जो कि बेहद शर्मनाक स्थिति है।
शिमला , 17 ऑक्टूबर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश के पेंशनरों ने लंबित वित्तीय देनदारियों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शिमला में पेंशनर संयुक्त संघर्ष समिति ने एरियर, डीए और मेडिकल बिलों का भुगतान न होने पर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और चेताया कि अगर उनके अधिकार शीघ्र नहीं दिए तो सरकार को इसके परिणाम चुनाव में भुगतने पड़ेंगे। हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों और पेंशनरों का सरकार बनाने में बड़ा योगदान रहता है ऐसे में सुक्खू सरकार को इनकी अनदेखी भारी पड़ेगी।
पेंशनरों का कहना है कि उम्र के इस पड़ाव ने उन्हें अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरना पड़ रहा है जबकि आज से पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था। दो दिन पहले 3 फ़ीसदी डीए सरकार ने दिया है जबकि 16 फीसदी लंबित था। इसमें में चार फीसदी की किस्त जारी की जानी चाहिए थी लेकिन एक फीसदी का इसमें सरकार ने झोल कर दिया। छठे पे कमीशन का एरियर 2016 से लंबित है और जनवरी 2026 में नया वेतनमान आने वाला है। मेडिकल बिलों का वर्षो से भुगतान न होने से पेंशनरों को बिना ईलाज रहना पड़ रहा है कई पेंशनर्ज बिना ईलाज के मर भी चुके हैं जो कि बेहद शर्मनाक स्थिति है।
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