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शिमला , 26 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में मरीज से मारपीट के आरोप में डॉ. राघव निरूला की टर्मिनेशन का मामला अब राज्यभर में डॉक्टरों के आंदोलन का कारण बन गया है। इस फैसले के विरोध में आईजीएमसी की रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने आज एक दिन की सामूहिक छुट्टी का ऐलान किया है। हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन (HMOA) और मेडिकल कॉलेज टीचर्स की संस्था SAMDCOT भी डॉक्टरों के समर्थन में उतर आई हैं। डॉक्टरों की सामूहिक छुट्टी के चलते आज प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में OPD सेवाएं बंद रहेंगी और निर्धारित ऑपरेशन नहीं हो पाएंगे। केवल आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी, जिससे हजारों मरीजों को इलाज के लिए परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इस बीच IGMC के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। वहीं अब सभी की निगाहें आज होने वाली RDA और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के बीच बैठक पर टिकी हैं। डॉक्टरों ने साफ किया है कि यदि उनकी मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया, तो आंदोलन को अनिश्चितकालीन हड़ताल में बदला जा सकता है। स्टेट एसोसिएशन ऑफ मेडिकल एंड डेंटल कॉलेज टीचर्स (SAMDCOT) के महासचिव डॉ. पियूष कपिला ने सरकार की कार्रवाई को एकतरफा बताते हुए कहा कि महज 24 घंटे में जांच और टर्मिनेशन का फैसला लेना उचित नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि न तो पूरी वीडियो फुटेज सामने आई और न ही दोनों पक्षों को अपनी बात रखने का मौका दिया गया। गौरतलब है कि 22 दिसंबर को IGMC शिमला में डॉक्टर और मरीज के बीच मारपीट की घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसके बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर त्वरित कार्रवाई करते हुए डॉ. राघव को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। हालांकि, इस घटना को लेकर पुलिस भी अलग से जांच कर रही है और ओरिजनल वीडियो की पड़ताल की जा रही है। RDA का कहना है कि कार्यस्थल पर डॉक्टरों की सुरक्षा, सम्मान और निष्पक्ष जांच की गारंटी के बिना काम करना मुश्किल होता जा रहा है। डॉक्टरों की प्रमुख मांगों में दोषियों पर समान कार्रवाई, अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करना और प्रशासनिक दिशा-निर्देश जारी करना शामिल है। डॉ. राघव की टर्मिनेशन के बाद सरकार और डॉक्टरों के बीच टकराव लगातार गहराता जा रहा है, वहीं सोशल मीडिया पर भी यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।
शिमला , 26 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में मरीज से मारपीट के आरोप में डॉ. राघव निरूला की टर्मिनेशन का मामला अब राज्यभर में डॉक्टरों के आंदोलन का कारण बन गया है। इस फैसले के विरोध में आईजीएमसी की रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने आज एक दिन की सामूहिक छुट्टी का ऐलान किया है। हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन (HMOA) और मेडिकल कॉलेज टीचर्स की संस्था SAMDCOT भी डॉक्टरों के समर्थन में उतर आई हैं।
डॉक्टरों की सामूहिक छुट्टी के चलते आज प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में OPD सेवाएं बंद रहेंगी और निर्धारित ऑपरेशन नहीं हो पाएंगे। केवल आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी, जिससे हजारों मरीजों को इलाज के लिए परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
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इस बीच IGMC के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। वहीं अब सभी की निगाहें आज होने वाली RDA और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के बीच बैठक पर टिकी हैं। डॉक्टरों ने साफ किया है कि यदि उनकी मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया, तो आंदोलन को अनिश्चितकालीन हड़ताल में बदला जा सकता है।
स्टेट एसोसिएशन ऑफ मेडिकल एंड डेंटल कॉलेज टीचर्स (SAMDCOT) के महासचिव डॉ. पियूष कपिला ने सरकार की कार्रवाई को एकतरफा बताते हुए कहा कि महज 24 घंटे में जांच और टर्मिनेशन का फैसला लेना उचित नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि न तो पूरी वीडियो फुटेज सामने आई और न ही दोनों पक्षों को अपनी बात रखने का मौका दिया गया।
गौरतलब है कि 22 दिसंबर को IGMC शिमला में डॉक्टर और मरीज के बीच मारपीट की घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसके बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर त्वरित कार्रवाई करते हुए डॉ. राघव को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। हालांकि, इस घटना को लेकर पुलिस भी अलग से जांच कर रही है और ओरिजनल वीडियो की पड़ताल की जा रही है।
RDA का कहना है कि कार्यस्थल पर डॉक्टरों की सुरक्षा, सम्मान और निष्पक्ष जांच की गारंटी के बिना काम करना मुश्किल होता जा रहा है। डॉक्टरों की प्रमुख मांगों में दोषियों पर समान कार्रवाई, अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करना और प्रशासनिक दिशा-निर्देश जारी करना शामिल है।
डॉ. राघव की टर्मिनेशन के बाद सरकार और डॉक्टरों के बीच टकराव लगातार गहराता जा रहा है, वहीं सोशल मीडिया पर भी यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।
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