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बिलासपुर , 19 अप्रैल ! जिला सुशासन सूचकांक (गुड गवर्नेस) को लेकर आज उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने की अध्यक्षता में प्रगति समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया जिसमें स्वास्थ्य विभाग, जल शक्ति, लोक निर्माण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, ग्रामीण विकास, शिक्षा, विद्युत, पुलिस सहित अन्य विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया। उपायुक्त ने बताया कि जिला सुशासन सूचकांक के अंतर्गत उपरोक्त विभागों को 101 इंडीकेटर दिए गए हैं तथा इन इंडीकेटरों के आधार पर राज्य स्तर पर जिला की रैंकिंग निर्धारित की जाती है। उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन इंडीकेटरों में सुधार की गुजांईश है उनमें अतिरिक्त प्रयास कर प्रतिशतता को बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि गुड गवर्नेस में वर्ष, 2021-22 में जिला को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ तथा कुछ सूचकांकों में अतिरिक्त प्रयास कर इसे और बेहतर बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि गुड गनर्वेस के तहत बहुत से सूचकांकों में जिला बेहतर कार्य कर रहा है तथा कुछ सूचकांकों में सुधार करने की आवश्यकता है। उपायुक्त ने कहा कि तकनीकी रूप से जिन सूचकांकों में परिवर्तन या कुछ नई चीजों को शामिल करने की आवश्यकता है तो सम्बंधित विभाग उपायुक्त कार्यालय को अपने सुझाव भेजें ताकि उन्हें समय पर राज्य सरकार को आवश्यक संशोधन हेतु भेजा जा सके। उन्होंने कहा कि सुशासन सूचकांक में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए 25 लाख रूपए की राशि प्रदान की जाती है। उन्होंने सम्बंधित विभागों के अधिकरियों को निर्देश दिए कि सुशासन सूचकांक के तहत निर्धारित सूचकांकों में बेहतर कार्य करने के प्रयास करें ताकि जिला को प्रथम स्थान हासिल हो सके। इस अवसर पर उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला सुशासन सूचकांक के लिए सही व स्टिक डाटा उपलब्ध करवाएं। बैठक में विद्युत आपूर्ति जल सुविधा सड़क शिक्षा स्वास्थ्य खाद्य आपूर्ति कानून व्यवस्था जवाबदेही एवं पारदर्शिता सामाजिक सुरक्षा पर्यावरण पर्यटन आर्थिक विकास आदि विषयों पर गहनता से चर्चा की गई। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
बिलासपुर , 19 अप्रैल ! जिला सुशासन सूचकांक (गुड गवर्नेस) को लेकर आज उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने की अध्यक्षता में प्रगति समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया जिसमें स्वास्थ्य विभाग, जल शक्ति, लोक निर्माण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, ग्रामीण विकास, शिक्षा, विद्युत, पुलिस सहित अन्य विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।
उपायुक्त ने बताया कि जिला सुशासन सूचकांक के अंतर्गत उपरोक्त विभागों को 101 इंडीकेटर दिए गए हैं तथा इन इंडीकेटरों के आधार पर राज्य स्तर पर जिला की रैंकिंग निर्धारित की जाती है। उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन इंडीकेटरों में सुधार की गुजांईश है उनमें अतिरिक्त प्रयास कर प्रतिशतता को बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि गुड गवर्नेस में वर्ष, 2021-22 में जिला को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ तथा कुछ सूचकांकों में अतिरिक्त प्रयास कर इसे और बेहतर बनाया जा सकता है।
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उन्होंने कहा कि गुड गनर्वेस के तहत बहुत से सूचकांकों में जिला बेहतर कार्य कर रहा है तथा कुछ सूचकांकों में सुधार करने की आवश्यकता है। उपायुक्त ने कहा कि तकनीकी रूप से जिन सूचकांकों में परिवर्तन या कुछ नई चीजों को शामिल करने की आवश्यकता है तो सम्बंधित विभाग उपायुक्त कार्यालय को अपने सुझाव भेजें ताकि उन्हें समय पर राज्य सरकार को आवश्यक संशोधन हेतु भेजा जा सके।
उन्होंने कहा कि सुशासन सूचकांक में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए 25 लाख रूपए की राशि प्रदान की जाती है। उन्होंने सम्बंधित विभागों के अधिकरियों को निर्देश दिए कि सुशासन सूचकांक के तहत निर्धारित सूचकांकों में बेहतर कार्य करने के प्रयास करें ताकि जिला को प्रथम स्थान हासिल हो सके।
इस अवसर पर उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला सुशासन सूचकांक के लिए सही व स्टिक डाटा उपलब्ध करवाएं। बैठक में विद्युत आपूर्ति जल सुविधा सड़क शिक्षा स्वास्थ्य खाद्य आपूर्ति कानून व्यवस्था जवाबदेही एवं पारदर्शिता सामाजिक सुरक्षा पर्यावरण पर्यटन आर्थिक विकास आदि विषयों पर गहनता से चर्चा की गई।
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