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धर्मशाला , 26 जुलाई [ विशाल सूद ] ! शहीद स्मारक में आज कारगिल विजय दिवस बड़े ही जोशो खारोश के साथ सेलिब्रेट किया गया, कार्यक्रम में आज बतौर मुख्यातिथि रिटायर्ड कर्नल और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल मौजूद रहे, उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर देश के महान वीर सपूतों की कुर्बानियों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए और उनकी वीर गाथाओं के किस्से भी सुनाए, कैबिनेट मंत्री धनी राम शांडिल ने कहा कि ये बड़े सौभाग्य की बात है कि आज उन्हें धर्मशाला के शहीद स्मारक में पहुंचकर कारगिल के हीरोज को श्रद्धासुमन अर्पित करने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि हालांकि उनका यहां आने का कोई कार्यक्रम नहीं था मगर जैसे ही उन्हें इस बाबत जानकारी मिली उन्होंने तुरंत यहां आकर अपनी उपस्थिति मौजूद करवाई कर्नल शांडिल्य ने कहा कि धर्मशाला के शहीद स्मारक कमेटी बधाई की पात्र है जो उन्होंने देश भर के तमाम शहीद स्मारकों में इस स्मारक को भी शुमार करवाने में अपना अहम योगदान दिया है और इसे भव्य तरीके से सजाया संवारा है, क्योंकि वो खुद आर्मी बैकग्राउंड से हैं और देश के लिए लड़ी गई तीन बड़ी लड़ाइयों को नजदीक से देखा है। ऐसे में जो वार हीरोज होते हैं उनका योगदान कभी भी भुलाने वाला नहीं होता है, उन्होंने कहा कि कांगड़ा के लिए सौभाग्य की बात है कि यहां के दो महान वीर सपूत मेजर सोमनाथ शर्मा और कैप्टन बिक्रम बत्रा परमवीर चक्र विजेता हुए हैं, उनके परिवारों का देश ऋणी है। काबिले गौर है कि कारगिल विजय दिवस हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है, जो 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध में भारतीय सेना की जीत का प्रतीक है यह युद्ध लगभग 60 दिनों तक चला और भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को कारगिल से खदेड़ दिया था *युद्ध की शुरुआत:* मई 1999 में पाकिस्तानी सेना ने कारगिल में घुसपैठ की, जिसकी जानकारी भारतीय सेना को एक चरवाहे ने दी। भारतीय सेना की जीत:* 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को पूरी तरह से कारगिल से खदेड़ दिया और विजय प्राप्त की। *वीर सैनिक:* कैप्टन विक्रम बत्रा, कैप्टन मनोज पांडे और ग्रेनेडियर योगेंद्र यादव जैसे वीर सैनिकों ने इस युद्ध में अदम्य साहस दिखाया। कारगिल विजय दिवस भारतीय सेना की वीरता और बलिदान का प्रतीक है। यह दिन शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देने और उनकी वीरता को याद करने का अवसर है। इस दिन को मनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें ध्वजारोहण, शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देना और वीर सैनिकों की कहानियों को साझा करना शामिल है। कारगिल विजय दिवस हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है, जो 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध में भारतीय सेना की जीत का प्रतीक है। यह युद्ध लगभग 60 दिनों तक चला और भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को कारगिल से खदेड़ दिया था।
धर्मशाला , 26 जुलाई [ विशाल सूद ] ! शहीद स्मारक में आज कारगिल विजय दिवस बड़े ही जोशो खारोश के साथ सेलिब्रेट किया गया, कार्यक्रम में आज बतौर मुख्यातिथि रिटायर्ड कर्नल और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल मौजूद रहे, उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर देश के महान वीर सपूतों की कुर्बानियों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए और उनकी वीर गाथाओं के किस्से भी सुनाए, कैबिनेट मंत्री धनी राम शांडिल ने कहा कि ये बड़े सौभाग्य की बात है कि आज उन्हें धर्मशाला के शहीद स्मारक में पहुंचकर कारगिल के हीरोज को श्रद्धासुमन अर्पित करने का मौका मिला।
उन्होंने कहा कि हालांकि उनका यहां आने का कोई कार्यक्रम नहीं था मगर जैसे ही उन्हें इस बाबत जानकारी मिली उन्होंने तुरंत यहां आकर अपनी उपस्थिति मौजूद करवाई कर्नल शांडिल्य ने कहा कि धर्मशाला के शहीद स्मारक कमेटी बधाई की पात्र है जो उन्होंने देश भर के तमाम शहीद स्मारकों में इस स्मारक को भी शुमार करवाने में अपना अहम योगदान दिया है और इसे भव्य तरीके से सजाया संवारा है, क्योंकि वो खुद आर्मी बैकग्राउंड से हैं और देश के लिए लड़ी गई तीन बड़ी लड़ाइयों को नजदीक से देखा है।
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ऐसे में जो वार हीरोज होते हैं उनका योगदान कभी भी भुलाने वाला नहीं होता है, उन्होंने कहा कि कांगड़ा के लिए सौभाग्य की बात है कि यहां के दो महान वीर सपूत मेजर सोमनाथ शर्मा और कैप्टन बिक्रम बत्रा परमवीर चक्र विजेता हुए हैं, उनके परिवारों का देश ऋणी है।
काबिले गौर है कि कारगिल विजय दिवस हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है, जो 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध में भारतीय सेना की जीत का प्रतीक है यह युद्ध लगभग 60 दिनों तक चला और भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को कारगिल से खदेड़ दिया था
*युद्ध की शुरुआत:* मई 1999 में पाकिस्तानी सेना ने कारगिल में घुसपैठ की, जिसकी जानकारी भारतीय सेना को एक चरवाहे ने दी।
भारतीय सेना की जीत:* 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को पूरी तरह से कारगिल से खदेड़ दिया और विजय प्राप्त की।
*वीर सैनिक:* कैप्टन विक्रम बत्रा, कैप्टन मनोज पांडे और ग्रेनेडियर योगेंद्र यादव जैसे वीर सैनिकों ने इस युद्ध में अदम्य साहस दिखाया।
कारगिल विजय दिवस भारतीय सेना की वीरता और बलिदान का प्रतीक है। यह दिन शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देने और उनकी वीरता को याद करने का अवसर है। इस दिन को मनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें ध्वजारोहण, शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देना और वीर सैनिकों की कहानियों को साझा करना शामिल है।
कारगिल विजय दिवस हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है, जो 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध में भारतीय सेना की जीत का प्रतीक है। यह युद्ध लगभग 60 दिनों तक चला और भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को कारगिल से खदेड़ दिया था।
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