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बिलासपुर , 26 जुलाई [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश के विश्व बिख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी में जहां पर दूसरे नवरात्रि के दौरान अब तक 50000 के करीब श्रद्धालु माता जी के दर्शन कर चुके है। वहीं पर श्रद्धालुओं के लिए मंदिर न्यास प्रशासन के द्वारा रात्रि ठहरने के लिए बनाया गया जर्मन हैंगर बहुत ही सुविधाजनक साबित हो रहा है। श्री नैना देवी मेले के दौरान जर्मन हैंगर की सुविधा श्रद्धालुओं को पहली बार दी गई है। हालांकि ऊंची पहाड़ी पर ये धार्मिक स्थल स्थित है और यहां पर अक्सर बारिश होती रहती है और इस बारिश के मौसम में यह श्रवण मेला आयोजित किया जाता है। हालांकि इस बार मंदिर न्यास ने जहां पर बस अड्डा के समीप एक बड़ा अराइवल हाल श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु आराम के लिए बनाया है वहीं पर माता श्री नैना देवी के स्टेडियम में जर्मन हैंगर की व्यवस्था की गई है। जिसमें पंखे लगाए गए हैं और पीने के पानी की व्यवस्था भी की गई है हालांकि इस जर्मन हैंगर में सैकड़ो श्रद्धालु एक साथ आराम कर सकते हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि मंदिर न्यास के द्वारा इस बार ठहरने की व्यापक व्यवस्था की गई है।जबकि मंदिर न्यास के अध्यक्ष एसडीएम धर्मपाल ने पत्रकारों को बताया की मंदिर प्रशासन के द्वारा श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए आराम करने के लिए बस अड्डा पर अराइवल हाल और गुफा के समीप स्टेडियम में जर्मन हैंगर की व्यवस्था की गई है और श्रद्धालु वहां पर थोड़े समय के लिए रुक सकते हैं इससे जहां बारिश से बचाव होगा वहीं पर पैदल यात्रा कर रहे श्रद्धालुओं के लिए काफी सुविधा रहेगी। जबकि खान-पान की व्यवस्था पंजाब की समाज सेवी संस्थाएं के द्वारा की जाती है यहां पर मंदिर के आसपास लगभग 42 लंगर श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु लगाए गए हैं जहां पर सुबह का नाश्ता दोपहर का भजन और रात्रि भोजन की व्यवस्था रहती है जबकि चाय पानी और अन्य कई तरह के व्यंजन श्रद्धालुओं को परोसे जाते हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की दिक्कत ना हो।
बिलासपुर , 26 जुलाई [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश के विश्व बिख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी में जहां पर दूसरे नवरात्रि के दौरान अब तक 50000 के करीब श्रद्धालु माता जी के दर्शन कर चुके है।
वहीं पर श्रद्धालुओं के लिए मंदिर न्यास प्रशासन के द्वारा रात्रि ठहरने के लिए बनाया गया जर्मन हैंगर बहुत ही सुविधाजनक साबित हो रहा है। श्री नैना देवी मेले के दौरान जर्मन हैंगर की सुविधा श्रद्धालुओं को पहली बार दी गई है।
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हालांकि ऊंची पहाड़ी पर ये धार्मिक स्थल स्थित है और यहां पर अक्सर बारिश होती रहती है और इस बारिश के मौसम में यह श्रवण मेला आयोजित किया जाता है।
हालांकि इस बार मंदिर न्यास ने जहां पर बस अड्डा के समीप एक बड़ा अराइवल हाल श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु आराम के लिए बनाया है वहीं पर माता श्री नैना देवी के स्टेडियम में जर्मन हैंगर की व्यवस्था की गई है।
जिसमें पंखे लगाए गए हैं और पीने के पानी की व्यवस्था भी की गई है हालांकि इस जर्मन हैंगर में सैकड़ो श्रद्धालु एक साथ आराम कर सकते हैं।
श्रद्धालुओं का कहना है कि मंदिर न्यास के द्वारा इस बार ठहरने की व्यापक व्यवस्था की गई है।जबकि मंदिर न्यास के अध्यक्ष एसडीएम धर्मपाल ने पत्रकारों को बताया की मंदिर प्रशासन के द्वारा श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए आराम करने के लिए बस अड्डा पर अराइवल हाल और गुफा के समीप स्टेडियम में जर्मन हैंगर की व्यवस्था की गई है और श्रद्धालु वहां पर थोड़े समय के लिए रुक सकते हैं इससे जहां बारिश से बचाव होगा वहीं पर पैदल यात्रा कर रहे श्रद्धालुओं के लिए काफी सुविधा रहेगी।
जबकि खान-पान की व्यवस्था पंजाब की समाज सेवी संस्थाएं के द्वारा की जाती है यहां पर मंदिर के आसपास लगभग 42 लंगर श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु लगाए गए हैं जहां पर सुबह का नाश्ता दोपहर का भजन और रात्रि भोजन की व्यवस्था रहती है जबकि चाय पानी और अन्य कई तरह के व्यंजन श्रद्धालुओं को परोसे जाते हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की दिक्कत ना हो।
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