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बिलासपुर, 22 नवंबर ! जिला बिलासपुर में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के नियमों की प्रभावी पालना सुनिश्चित करने के लिए आज एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक अध्यक्ष, राज्य खाद्य आयोग डॉ. एस. पी. कत्याल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में जिला में आवश्यक खाद्यान्न वस्तुओं की उपलब्धता, गुणवत्ता, शिकायतों के निवारण तथा विभागों द्वारा क्रियान्वित विभिन्न योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की गई। बैठक में एडीसी ओमकांत ठाकुर, डीएफएससी बृजेन्द्र पठानिया, उप-निदेशक शिक्षा विभाग तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी आईसीडीएस हरीश मिश्रा भी उपस्थित रहे। राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष डॉ. एस. पी. कत्याल ने बैठक में उपस्थित सभी विभागों को निर्देशित किया कि पी.डी.एस. खाद्यान्नों की सप्लाई चेन से लेकर लाभार्थियों तक वितरण के प्रत्येक स्तर पर खाद्यान्नों की गुणवत्ता और मात्रा का नियमित निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि उचित मूल्य की दुकानों, आंगनबाड़ी केन्द्रों, मिड-डे-मील प्रदान करने वाली पाठशालाओं तथा थोक गोदामों का निरंतर निरीक्षण किया जाए, ताकि खाद्यान्नों की उपलब्धता और गुणवत्ता बनी रहे। उन्होंने यह भी कहा कि खाद्यान्न वितरण प्रणाली और सरकार की नीतिगत पॉलिसियों के महत्व के बारे में उपभोक्ताओं को शिक्षित एवं जागरूक किया जाए, जिससे उपभोक्ता अपने अधिकारों और योजनाओं के महत्व को समझ सकें। बैठक में सर्तकता समितियों के कार्यों एवं निरीक्षणों की भी समीक्षा की गई। विकासखंड स्तर तथा जिला स्तर पर गैर-सरकारी सदस्यों के नामांकनों को सरकार के समक्ष पुनः उठाने तथा आयोग के माध्यम से इसे शीघ्र पूरा करवाने का आश्वासन भी दिया गया। बैठक के दौरान अतिरिक्त उपायुक्त ओम कांत ठाकुर ने अवगत करवाया कि जिला में पिछले एक वर्ष के दौरान खाद्य सुरक्षा से संबंधित कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। विभाग द्वारा त्रैमासिक आधार पर पी.डी.एस. प्रणाली के अंतर्गत जारी किए जाने वाले खाद्यान्नों की गुणवत्ता, सुरक्षा मानकों तथा लाभार्थियों को निर्धारित मात्रा में खाद्यान्न आबंटन संबंधी निरीक्षण किए जाते रहे हैं तथा उनकी समीक्षा भी समय-समय पर की जाती रही है। जिला नियंत्रक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले, बृजेन्द्र पठानिया ने बताया गया कि जिला में कुल 1,77,437 लाभार्थियों को प्रति माह सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत निर्धारित मात्रा में खाद्यान्न नियमित रूप से आबंटित किए जा रहे हैं। उप-निदेशक शिक्षा विभाग ने जानकारी दी कि विभाग द्वारा कुल 27,856 पात्र विद्यार्थियों को 793 पाठशालाओं के माध्यम से नियमित रूप से मिड-डे-मील उपलब्ध करवाया जा रहा है। जबकि जिला कार्यक्रम अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा ने बताया कि विभाग द्वारा 2,290 गर्भवती महिलाओं, 1,847 धात्री माताओं तथा 0 से 6 वर्ष आयु वर्ग के 13,338 शिशुओं एवं बच्चों को 1,111 आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से पोषणयुक्त आहार एवं खाद्यान्न उपलब्ध करवाया जा रहा है। बैठक के उपरांत अध्यक्ष राज्य खाद्य आयोग ने विभागीय फील्ड फंक्शनरियों के साथ फील्ड स्तर पर पी.डी.एस. खाद्यान्नों के रख-रखाव का निरीक्षण किया तथा खाद्यान्नों के नमूने एकत्रित कर गुणवत्ता परीक्षण हेतु प्रयोगशाला में भेजे गए।
राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष डॉ. एस. पी. कत्याल ने बैठक में उपस्थित सभी विभागों को निर्देशित किया कि पी.डी.एस. खाद्यान्नों की सप्लाई चेन से लेकर लाभार्थियों तक वितरण के प्रत्येक स्तर पर खाद्यान्नों की गुणवत्ता और मात्रा का नियमित निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि उचित मूल्य की दुकानों, आंगनबाड़ी केन्द्रों, मिड-डे-मील प्रदान करने वाली पाठशालाओं तथा थोक गोदामों का निरंतर निरीक्षण किया जाए, ताकि खाद्यान्नों की उपलब्धता और गुणवत्ता बनी रहे। उन्होंने यह भी कहा कि खाद्यान्न वितरण प्रणाली और सरकार की नीतिगत पॉलिसियों के महत्व के बारे में उपभोक्ताओं को शिक्षित एवं जागरूक किया जाए, जिससे उपभोक्ता अपने अधिकारों और योजनाओं के महत्व को समझ सकें।
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बैठक में सर्तकता समितियों के कार्यों एवं निरीक्षणों की भी समीक्षा की गई। विकासखंड स्तर तथा जिला स्तर पर गैर-सरकारी सदस्यों के नामांकनों को सरकार के समक्ष पुनः उठाने तथा आयोग के माध्यम से इसे शीघ्र पूरा करवाने का आश्वासन भी दिया गया।
बैठक के दौरान अतिरिक्त उपायुक्त ओम कांत ठाकुर ने अवगत करवाया कि जिला में पिछले एक वर्ष के दौरान खाद्य सुरक्षा से संबंधित कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। विभाग द्वारा त्रैमासिक आधार पर पी.डी.एस. प्रणाली के अंतर्गत जारी किए जाने वाले खाद्यान्नों की गुणवत्ता, सुरक्षा मानकों तथा लाभार्थियों को निर्धारित मात्रा में खाद्यान्न आबंटन संबंधी निरीक्षण किए जाते रहे हैं तथा उनकी समीक्षा भी समय-समय पर की जाती रही है।
जिला नियंत्रक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले, बृजेन्द्र पठानिया ने बताया गया कि जिला में कुल 1,77,437 लाभार्थियों को प्रति माह सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत निर्धारित मात्रा में खाद्यान्न नियमित रूप से आबंटित किए जा रहे हैं।
उप-निदेशक शिक्षा विभाग ने जानकारी दी कि विभाग द्वारा कुल 27,856 पात्र विद्यार्थियों को 793 पाठशालाओं के माध्यम से नियमित रूप से मिड-डे-मील उपलब्ध करवाया जा रहा है। जबकि जिला कार्यक्रम अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा ने बताया कि विभाग द्वारा 2,290 गर्भवती महिलाओं, 1,847 धात्री माताओं तथा 0 से 6 वर्ष आयु वर्ग के 13,338 शिशुओं एवं बच्चों को 1,111 आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से पोषणयुक्त आहार एवं खाद्यान्न उपलब्ध करवाया जा रहा है।
बैठक के उपरांत अध्यक्ष राज्य खाद्य आयोग ने विभागीय फील्ड फंक्शनरियों के साथ फील्ड स्तर पर पी.डी.एस. खाद्यान्नों के रख-रखाव का निरीक्षण किया तथा खाद्यान्नों के नमूने एकत्रित कर गुणवत्ता परीक्षण हेतु प्रयोगशाला में भेजे गए।
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